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जानें क्‍यों होता है प्रेग्‍नेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर में शरीर में दर्द

दूसरे ट्राइमेस्टर में शरीर में दर्द के कारण और ट्रीटमेंट जानने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल। 
Editorial
Updated:- 2020-09-14, 12:18 IST

प्रेग्‍नेंसी की मध्‍य अवधि को सेकेंड ट्राइमेस्टर कहा जाता है, यह प्रेग्‍नेंसी के चौथे से छठवें महीने के बीच का समय होता है। प्रेग्‍नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर में पहुंचते ही महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं। ज्‍यादातर मामलों में, प्रेग्‍नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्‍टर में पहुंच कर महिलाओं को पहले ट्राइमेस्‍टर की तरह मॉर्निंग सिकनेस और उल्‍टी का अनुभव नहीं होता है। हालांकि, सेकेंड ट्राइमेस्‍ट में शरीर में दर्द का अनुभव होना बहुत ही आम है। अधिकांश प्रेग्‍नेंट महिलाओं को प्रेग्‍नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्‍टर में शरीर में दर्द का अनुभव होता है। 

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क्‍यों होता है सेकेंड ट्राइमेस्‍टर में शरीर में दर्द 

  • दूसरे ट्राइमेस्‍टर में यूट्रस बढ़ने लगता है। यूट्रस के बढ़ने के कारण और हार्मोनल परिवर्तनों की वजह से शरीर के विभिन्‍न हिस्‍सों में दर्द का अनुभव होने लगता है। 
  • यूट्रस का विस्‍तार यूट्रस को सहारा देने वाले लिगामेंट्स को फैलाता है। नतीजतन, आपको पेट के आस-पास दर्द का अनुभव हो सकता है, जो मात्र कुछ मिनट्स या सेकेंड्स के लिए होता है। यह दर्द कमर और हिप्‍स तक पहुंच सकता है। 

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  • यूटेरिन मसल्‍स में हल्‍का सा कॉन्‍ट्रेक्‍शन भी दर्द का कारण हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर रात के समय ही होता है। प्रेग्‍नेंसी के बढ़ने के साथ-साथ यूट्रस कॉन्‍ट्रेक्‍शन भी बढ़ता जाता है।  
  • पैरों में दर्द भी प्रेग्‍नेंसी में बहुत आम है। खासतौर पर यह दर्द काल्‍फ मसल्‍स से लेकर एड़ियों तक रहता है। ऐसा तब होता है जब शरीर में मौजूद रक्‍त वाहिकाएं और तंत्रिकाएं कम्‍प्रेस्‍ड होने लगती हैं। कुपोषण की वजह से भी पैरों में ऐंठन हो सकती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप प्रेग्‍नेंसी के दौरान पर्याप्‍त रूप से शरीर को पोषण देने वाला खाना खाएं। 
  • प्रेग्‍नेंसी के दूसरी ट्राइमेस्‍टर में पेल्विक गर्डल में दर्द भी आम है। आपको पेल्विक बोन में दर्द महसूस हो सकता है क्‍योंकि यूट्रस का दबाव सीधे पेल्विक बोन पर पड़ता है। 
  • प्रेग्‍नेंसी के दौरान कमर का दर्द भी बहुत आम बात है। पीठ के निचले हिस्‍से में हल्‍का दर्द और पीठ की मसल्‍स में अकड़न आमतौर पर प्रेग्‍नेंट महिलाओं में प्रेग्‍नेंसी के दूसरे ट्राइमेस्‍टर में देखी जाती है। लगातार बढ़ते हुए पेट से पीठ की मसल्‍स में तनाव आता है, जिससे पीठ में दर्द होता है। 

 

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ट्रीटमेंट 

  • प्रेग्‍नेंसी के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्‍टर में शरीर में दर्द होना बहुत ही आम बात है। ज्‍यादातर मामलों में, आपको इस दर्द के लिए किसी भी मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। गर्म पानी की सिकाई, स्‍ट्रेचिंग एक्‍सरसाइज और आराम से हर काम करके आपको इस दर्द में पर्याप्‍त मात्रा में राहत मिल सकती है। 

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  • प्रेग्‍नेंसी के दौरान शरीर के दर्द को नियंत्रित करने के लिए दिमाग को शांत रखना और हार्मोन को नियंत्रित रखना जरूरी है, जिसके लिए आपको योगा और मेडिटेशन करना चाहिए। 
  • हालांकि, यदि असामान्‍य दर्द और लंबे समय से दर्द का अनुभव कर रही हैं, साथ ही आपको वेजाइनल डिस्‍चार्ज एवं ब्‍लीडिंग, सिर दर्द की समस्‍या भी हो रही है तो आपको तुरंत ही मेडिकल ट्रीटमेंट लेना चाहिए। 

 

निष्‍कर्ष 

दूसरे ट्राइमेस्‍टर में दर्द का अनुभव होना आम है। हालांकि, यह ज्‍यादातर मामलों में मैनेज हो जाता है। मसल्‍स और अंगों को आराम देने से और उनकी उचित देखभाल से दर्द में राहत पाई जा सकती है। 

 

एक्‍सपर्ट सलाह के लिए डॉ.डिंपल चुडगर (एमडी, डीएनबी, एफीसीपीएस, डीजीओ, डिप्‍लोमा इन एडवांस लैप्रोस्‍कोपिक सर्जरी (जर्मनी), फैलोशिप इन रोबोटिक सर्जरी (यूएसए)) को विशेष धन्‍यवाद। 

Reference:

https://www.medicalnewstoday.com/articles/323799.php#home-management

 

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