प्रेग्नेंसी की मध्य अवधि को सेकेंड ट्राइमेस्टर कहा जाता है, यह प्रेग्नेंसी के चौथे से छठवें महीने के बीच का समय होता है। प्रेग्नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर में पहुंचते ही महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं। ज्यादातर मामलों में, प्रेग्नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर में पहुंच कर महिलाओं को पहले ट्राइमेस्टर की तरह मॉर्निंग सिकनेस और उल्टी का अनुभव नहीं होता है। हालांकि, सेकेंड ट्राइमेस्ट में शरीर में दर्द का अनुभव होना बहुत ही आम है। अधिकांश प्रेग्नेंट महिलाओं को प्रेग्नेंसी के सेकेंड ट्राइमेस्टर में शरीर में दर्द का अनुभव होता है।
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दूसरे ट्राइमेस्टर में दर्द का अनुभव होना आम है। हालांकि, यह ज्यादातर मामलों में मैनेज हो जाता है। मसल्स और अंगों को आराम देने से और उनकी उचित देखभाल से दर्द में राहत पाई जा सकती है।
एक्सपर्ट सलाह के लिए डॉ.डिंपल चुडगर (एमडी, डीएनबी, एफीसीपीएस, डीजीओ, डिप्लोमा इन एडवांस लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (जर्मनी), फैलोशिप इन रोबोटिक सर्जरी (यूएसए)) को विशेष धन्यवाद।
Reference:
https://www.medicalnewstoday.com/articles/323799.php#home-management
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