ब्रेस्‍टफीडिंग के बाद क्‍या आपको भी महसूस होता है डिप्रेशन? जान लें असली कारण

पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन क्‍या है, महिलाओं में यह समस्‍या क्‍यों होती है और इससे बचने के लिए उन्‍हें क्‍या करना चाहिए? आइए इस बारे में एक्‍सपर्ट से जानें। 

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दो साल की बेटी की मां, सुश्री संजना बिसोई, अनिद्रा, वजन कम होने, रात को पसीना आने और घबराहट से परेशान थीं। उन्‍हें कोई भी प्रोफेशनल या पर्सनल डिप्रेशन नहीं था, लेकिन वह चिंतित थी कि वह इस तरह के अप्रिय लक्षणों से क्यों गुजर रही थीं। जब उन्होंने अपनी गायनाकोलॉजिस्ट के साथ अपने अनुभवों पर चर्चा की, तो उन्हें तुरंत अहसास हुआ कि संजना पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन से गुजर रही हैं। जी हां आपने सही सुना। पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन एक तरह की मानसिक बीमारी है जो एक महिला द्वारा ब्रेस्‍टफीडिंग रोकने के बाद हो सकती है। अन्य डिप्रेशन की तरह इसका भी तुरंत इलाज करवाना चाहिए।

पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन हार्मोनल उतार-चढ़ाव और ब्रेस्‍टफीडिंग छुड़ाने के बाद होने वाले मनोवैज्ञानिक स्‍ट्रेस का परिणाम है। पोस्ट-वीनिंग के शुरुआती लक्षणों में चिड़चिड़ापन, अशांति, आमतौर पर खुशी देने वाली एक्टिविटी में भी आनंद न लेना, थकान और ध्यान केंद्रित करने में परेशानी शामिल है। पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन क्‍या है, महिलाओं को क्‍यों होता है और बचने के लिए कौन से उपाय अपनाने चाहिए? इस बारे में हमें नोएडा के मदरहुड हॉस्पिटल की सलाहकार, फिजियोथेरेपिस्ट एंड लैक्टेशन एक्‍सपर्ट डॉक्‍टर शिल्पी श्रीवास्तव बता रही हैं।

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क्यों होता है पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन?

मां के ब्रेस्‍टफीडिंग बंद करने के तुरंत बाद अक्‍सर पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन महसूस होता है। एस्ट्रोजन नामक हार्मोन आमतौर पर ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान बॉडी में कम रहता है और वीनिंग के बाद प्री-प्रेग्‍नेंसी लेवल पर लौट आता है। कुछ महिलाओं में यह धीमी गति से होता है। एस्ट्रोजन के लेवल में बदलाव से कुछ महिलाओं में उदासी, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग जैसी समस्‍याएं देखने को मिलती हैं।

  • पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन को सही देखभाल नहीं मिल पाती है यानि वीनिंग के समय महिलाओं में होने वाले डिप्रेशन के लिए हमेशा बारीकी से निगरानी नहीं की जाती है।
  • ऑक्सीटोसिन, जिसका स्राव ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान होता है, वीनिंग के साथ कम हो जाता है। इसका मतलब यह है कि वीनिंग के बाद महिलाएं फील गुड हार्मोन बढाने वाले ऑक्सीटोसिन की अच्छी भावनाओं को याद करती हैं और इससे होने वाले नुकसान और उदासी की अधिक तीव्र भावना का भी अनुभव करती हैं। अन्य हार्मोन्‍स भी इसमें भूमिका निभाते हैं। प्रोलैक्टिन, जो आमतौर पर ब्रेस्‍टफीडिंग के दौरान बढ़ता है, शांत भावनाओं से जुड़ा होता है। जब अचानक वीनिंग होती है तो इस हार्मोन में अचानक कमी के कारण खराब भावनाएं पैदा हो सकती हैं।
  • जागरूकता के अभाव में अक्सर महिलाएं यह नहीं बताती हैं कि उनमें ये भावनाएं हैं या उन्हें इस बात का अहसास ही नहीं होता है कि वह जो अनुभव कर रही हैं कि पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन है।
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पोस्ट-वीनिंग डिप्रेशन के लक्षण और डॉक्टरी मदद?

वीनिंग प्रक्रिया के दौरान उदासी और कुछ खोने की भावना नार्मल होती है। लेकिन अगर आपको लगता है कि इससे आपके कामों में बाधा उत्‍पन्‍न हो रही है तो तुरंत एक्‍सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए। जी हां अगर लक्षण गंभीर हो जाते हैं जैसे काम करने की क्षमता में बाधा उत्पन्न होना, आत्महत्या के विचार आना, खुद की और बच्चे की देखभाल करने में परेशानी होना, सोने में कठिनाई आना या भूख कम लगना तो तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।

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महिलाएं जो इन लक्षणों में से किसी एक का अनुभव करती हैं उन्‍हें गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए, ताकि उन्‍हें अच्‍छा ट्रीटमेंट मिल सके। इसमें थेरेपी, दवा या सप्‍लीमेंट हार्मोन शामिल है।

इस दर्द को चुप रहकर झेले नहीं। डॉक्टर के पास जाएं। अपने जीवनसाथी, परिवार और दोस्तों से बात करें। मानसिक और मनोवैज्ञानिक परामर्श लें। महिलाओं की हेल्‍थ बेहतर हो सकती है, लेकिन इस बीच उन्‍हें सपोर्ट की जरूरत होती है। इस तरह की जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।

Image Credit: Freepik.com & Pinterest.com

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