इसे काली मिर्च कहते हैं, लेकिन यह दिखने में थोड़ी अलग होती है। दिखने में यह लंबी होती है और इसका एक यूनिक फ्लेवर होता है। इसके शक्तिशाली इंग्रीडिएंट्स आपके स्वास्थ्य को कई फायदे पहुंचाते हैं। पिप्पली एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। पिप्पली की जड़ों और फलों का उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है।
पिप्पली खांसी और सर्दी के प्रबंधन में एक प्रभावी घरेलू उपचार है। दोपहर के भोजन और रात के खाने के बाद पिप्पली पाउडर को शहद के साथ निगलने से इसके कफनाशक गुण के कारण वायुमार्ग से बलगम निकलने में मदद मिलती है, जिससे रोगी को आसानी से सांस लेने में मदद मिलती है।
इसका सेवन शरीर के चयापचय में सुधार करके वजन घटाने को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकता है। ये सारे दावे हम नहीं, बल्कि एक्सपर्ट भी करते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी बताती हैं कि यह अच्छे गुणों का पावरहाउस है, जो आपकी कई समस्याओं को हल कर सकता है। आइए एक्सपर्ट से इसके फायदे जानें।
पिप्पली खांसी और सर्दी को मैनेज करने में एक प्रभावी जड़ी-बूटी साबित हो सकती है। पिप्पली खांसी को नियंत्रित करती है, बलगम को बाहर निकालती है और वायुमार्ग को साफ करती है,जिससे आपको सांस लेने में आसानी होती है। यह कफ को बैलेंस करती है और इसके डिकॉन्गेस्टेंट, ब्रोन्कोडायलेटर और एक्सपेक्टोरेंट प्रभाव के कारण ऐसा होता है। एक चौथाई छोटा चम्मच पिप्पली के पाउडर को शहद के साथ लेने पर खांसी और सर्दी में राहत मिल सकती है। पिप्पली आपके फेफड़ों के लिए भी अच्छी होती है।
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अनिद्रा या नींद न आने की समस्या तब होती है, जब आपको वात दोष होता है। यह गरम मसाला आपके वात को बैलेंस करता है और इस तरह से आपको अच्छी नींद प्राप्त हो सकती है। सोने से पहले आधा छोटा चम्मच पिप्पली का पाउडर दूध के साथ लें। इसे पीने के बाद, आपको जरूर अच्छी नींद आएगी।
पिप्पली अपने पाचन एंजाइमों के लिए जानी जाती है। यह मसाला आपके पित्त के उत्पादन को उत्तेजित करती है। इससे अपच और कब्ज की शिकायत कम हो सकती है। साथ ही यह आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती है। आपका मेटाबॉलिज्म आपके शरीर को सांस लेने और पाचन जैसे आवश्यक शारीरिक कार्यों के लिए लगातार ऊर्जा प्रदान करता है। पिप्पली लेने से मेटाबॉलिज्म उत्तेजित होता है और इस तरह आपके वजन घटाने की प्रक्रिया में भी तेजी आ सकती है।
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पिप्पली गैस या पेट फूलने के कारण होने वाले पेट दर्द को नियंत्रित करने में मदद करती है। गैस या पेट फूलना वात और पित्त दोष के असंतुलन के कारण होता है। कम पित्त दोष और बढ़े हुए वात दोष के कारण पाचन अग्नि कम हो जाती है, जिससे पाचन खराब हो जाता है। पाचन क्रिया खराब होने से गैस बनती है और पेट में दर्द होता है। पेट में हो रहे दर्द में आराम पाने के लिए खाना खाने के बाद 2-3 चुटकी पिप्पली के पाउडर को गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
इतना ही नहीं, पिप्पली पाउडर दस्त को नियंत्रित करने में मदद करता है क्योंकि इसमें वात संतुलन करने का गुण होता है। गलत खानपान जैसे कारक वात को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। यह बढ़ा हुआ वात शरीर के विभिन्न ऊतकों से आंत में तरल पदार्थ लाता है और मल के साथ मिल जाता है। इससे दस्त की समस्या होती है। लंच या डिनर के बाद पिप्पली के चुटकी भर पाउडर को शहद के साथ खाने से यह समस्या कम हो सकती है।
इसके अतिरिक्त, पिप्पली मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स में भी मदद करता है। इसकी एंटी-इफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज के कारण यह मसाला शरीर को तमाम लाभ पहुंचाता है। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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