हार्मोन्स मानव शरीर में स्वास्थ्य को बनाए रखने और रिप्रोडक्शन, डाइजेशन आदि जैसी प्रमुख विकासात्मक भूमिकाओं के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। एस्ट्रोजन मानव शरीर में मौजूद एक ऐसा ही महत्वपूर्ण हार्मोन है। वैसे तो ये पुरुष और महिलाओं दोनों के शरीर में मौजूद रहता है, लेकिन महिलाएं इसे आमतौर पर ज्यादा मात्रा में बनाती हैं और उनके शरीर की कई गतिविधियों के लिए ये महत्वपूर्ण हार्मोन है।
हाइपोएस्ट्रोजेनिज्म या एस्ट्रोजन की कमी, महिलाओं में एस्ट्रोजन के सामान्य लेवल के कम होने की तरफ इशारा करता है। एस्ट्रोजन महिलाओं में एक प्राइमरी सेक्स हार्मोन है।
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एस्ट्रोजन हमारे शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इसका काम है महिलाओं के शरीर के विकास और इसकी देखरेख में मदद करना। एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर के इन फंक्शन्स को सही ढंग से चलाने के लिए जिम्मेदार होता है-
एस्ट्रोजन हार्मोन ओवरीज में बनता है और ओवरीज में किसी भी तरह की समस्या के कारण एस्ट्रोजन हार्मोन के प्रोडक्शन में कमी आ सकती है। शरीर में एस्ट्रोजन को कम लेवल के प्रोडक्शन के कई कारण हो सकते हैं-
40 की उम्र के आस-पास महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की कमी प्रीमेनोपॉज का लक्षण है। इसका मतलब ये है कि महिला मेनोपॉज की ओर बढ़ रही है। मेनोपॉज की ओर बढ़ते हुए ओवरीज आमतौर पर एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन कम कर देती हैं। जब शरीर में एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन रुक जाता है तो इस स्टेज को ही मेनोपॉज कहा जाता है।
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टीनएज लड़कियां जिन्हें प्यूबर्टी नहीं हुई है और वो महिलाएं जो मेनोपॉज के नजदीक हैं उनके शरीर में अक्सर एस्ट्रोजन लेवल असमान्य होता है। हालांकि, लगभग हर उम्र की महिला एस्ट्रोजन लेवल में कमी महसूस कर सकती है। इससे जुड़े आम लक्षण हैं-
एस्ट्रोजन के कम लेवल का समय पर डायग्नोसिस बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में मदद करता है। इस संबंध में एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर से परामर्श करने और इलाज की प्रक्रिया को फॉलो करने की सलाह दी जाती है, जो आपकी स्थिति और शरीर के प्रकार के लिए सबसे बेस्ट होगी। डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और परिवार की हिस्ट्री के आधार पर आपकी हार्मोनल कंडीशन चेक करेगा। वो कुछ ब्लड टेस्ट्स करवाने की सलाह भी दे सकता है और साथ ही कोई फिजिकल एग्जामिनेशन भी कर सकता है। कुछ मामलों में डॉक्टर ब्रेन स्कैन और डीएनए टेस्ट के बारे में भी सलाह दे सकता है ताकि एंडोक्राइन सिस्टम में किसी असमानता की पहचान की जा सके।
एस्ट्रोजन के कम लेवल की जानकारी कई बार विभिन्न प्रकार के ब्लड टेस्ट से मिलती है, कुछ स्थितियों में बदलाव की आवश्यकता होती है। इसका इलाज गायनेकोलॉजिस्ट या एंडोक्रिनोलॉजिस्ट द्वारा लक्षणों, उम्र और अन्य रिस्क फैक्टर्स के आधार पर संयुक्त हार्मोनल गोलियों या एस्ट्रोजन युक्त गोलियों को प्रिसक्राइब करके किया जा सकता है। एस्ट्रोजन ओरली, वेजाइना के माध्यम से या टॉपिकली दिया जा सकता है। यह विशेष रूप से कार्डियोवस्कुलर डिजीजेज, बोन लॉस और हार्मोनल असंतुलन के जोखिम को कम करने के लिए आवश्यक हो सकता है।
कुछ मामलों में, विशेष रूप से मेनोपॉज वाली महिलाओं के मामलों में, डॉक्टर हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में स्पेशलिस्ट डॉक्टर से परामर्श करने और व्यक्तिगत आधार पर दी गई सलाह को फॉलो करने के लिए कहा जाता है।
डॉक्टर अरुणा मुरलीधर (एमडी, एमआरसीओजी, एफआरसीओजी (यूके)) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।
Reference:
https://www.healthline.com/health/womens-health/low-estrogen-symptoms#outlook
https://fertilitypedia.org/edu/diagnoses/hypoestrogenism
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