मोटापा, इन दिनों सबसे बड़ी हेल्थ संबंधी समस्याओं में से एक बन गया है। यह एक ऐसी कंडीशन है जहां इसका मतलब है कि बॉडी मास जितना होना चाहिए उससे अधिक होना। मूल रूप से, यह किसी व्यक्ति के बढ़े हुए वजन को संदर्भित करता है जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को आमंत्रित कर सकता है।
दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि यह एक ऐसा बम है जो कभी भी फट सकता है। अगर कुशलता से ठीक नहीं किया जाता है तो मोटापा हानिकारक साबित हो सकता है। हालांकि, इसे सेल्फ-ट्रीटऐबल सिंड्रोम कहा जाता है। लेकिन, अलग-अलग लोग हैं और अलग-अलग चीजें हैं जिनके बारे में हम सुनते हैं।
मोटापे के कारण और सही वजन पाने के लिए वर्कआउट के दौरान एक व्यक्ति को कई तरह के उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है। हाल के दिनों में लोगों ने इसे नियंत्रित करने के कई तरीके खोजे हैं और इसीलिए इस प्रक्रिया में उन्हें मोटापे के बारे में कुछ मिथ्स और फैक्ट्स के बारे में भी पता चला है।
मोटापे से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथ्स और फैक्ट्स के बारे में हमें एमबीबीएस, न्यूट्रीशनिस्ट और न्यूट्रेसी लाइफस्टाइल की सीईओ, डॉ. रोहिणी पाटिल जी बता रही हैं।
तथ्य:यह उन मिथ्स में से एक है, जो किसी के मन में संभावनाएं पैदा कर सकता है। यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि जब किसी व्यक्ति को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हों जो केवल मोटापे के कारण ही हो सकती हैं।
उदाहरण के लिए, मोटापा वंशानुक्रम या ऐसे किसी कारण से आ सकता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह समान स्वास्थ्य समस्याओं के साथ आएगा। हर किसी की अपनी इम्यूनिटी और शरीर का प्रकार होता है। यह हेल्थ, हीलिंग आदि के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होता है।
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तथ्य:कैलोरी काउंट पर नज़र रखना अनुकूल है लेकिन इसके साथ कठोर न हों। जब कैलोरी काउंट करने की बात आती है, तब यह महत्वपूर्ण है कि इसे कभी भी नुकसान न होने दें। खाने की अच्छी आदतें होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि हेल्दी और जंक फूड दोनों में ही कैलोरी होती है।
तथ्य:अधिक वजन होना और मोटा होना एक ही बात नहीं है। न केवल बॉडी मास बल्कि बॉडी फैट और मसल्स मास की भी जांच करना आवश्यक है। जब मोटापे के कारण अनुवांशिक, हार्मोनिक या व्यवहारिक होते हैं, तो कारकों के आधार पर इलाज एक साथ हो सकता है। यही कारण है कि हर चीज की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए, न कि केवल वजन की।
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तथ्य: अधिक वजन होने के बारे में सबसे बड़ा मिथ खाने की अनहेल्दी आदतें हैं, जो एक स्टीरियोटाइप है। जैसा कि पहले कहा गया है, मोटापा मौजूदा जीन, स्ट्रेस, दवाओं और स्वास्थ्य स्थितियों आदि के कारण हो सकता है।
भोजन करना एकमात्र कारण नहीं है, बल्कि हेल्दी और सही अनुपात में भोजन करना ही है जिसका ध्यान रखा जाना चाहिए। ठीक उसी तरह फिजिकल वर्कआउट भी बहुत जरूरी है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और व्यक्ति की हेल्थ को ठीक रखने में भी मदद करता है।
तथ्य: फैट मोटापे को प्रभावित करने वाले कारकों में से एक है। एक मोटे व्यक्ति को न केवल फैट के सेवन पर नजर रखनी चाहिए बल्कि खुद को बनाए रखने के लिए सही डाइट (भोजन) को भी फॉलो करना चाहिए जिसमें संपूर्ण पोषक तत्व शामिल हों। केवल कैलोरी और फैट काउंट करने से मोटापे को नजरअंदाज करने में मदद नहीं मिलेगी।
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