महिलाओं में तेजी से बढ़ती जा रही है थायराइड की समस्या, जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार

महिलाओं को उम्र के अलग-अलग पड़ावों पर थायराइड हो सकता है। कई महिलाओं को यह मेनोपॉज के वक्त होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होता है। इसके कारण, लक्षण और उपचार के बारे में एक्सपर्ट से विस्तार से समझें।
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Thyroid in Women: यूं तो थायराइड किसी को भी हो सकता है। लेकिन, महिलाओं में थायराइड की समस्या काफी देखने को मिलती है। थायराइड ग्रंथि के अधिक या कम सक्रिय होने के कारण यह दिक्कत होती है। जब थायराइड ग्लैंड से थायराइड हार्मोन सही लेवल से ज्यादा या कम रिलीज होता है, तो आप हाइपोथायराइड या हाइपरथायराइड की शिकार होती हैं। आम भाषा में इसे हम थायराइड की बीमारी कह देते हैं। लेकिन, थायराइड भी दो तरह का होता है और इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं। महिलाएं कई कारणों से उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर थायराइड से प्रभावित होती हैं। यह प्रेग्नेंसी, फर्टाइल एज या मेनोपॉज के वक्त भी हो सकता है। इसके कारण, लक्षण और उपचार के बारे में एक्सपर्ट से विस्तार से समझें। इस बारे में डॉक्टर विज्ञान मिश्रा, चीफ ऑफ लैब, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक, नोएडा, दे रहे हैं।

महिलाओं में थायराइड के कारण

Thyroid ke karan

  • महिलाओं को थायराइड पुरुषों की तुलना में ज्यादा परेशान करता है।
  • आयोडीन की कमी, हार्मोनल इंबैलेंस और स्ट्रेस भी महिलाओं में थायराइड की वजह बन सकता है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन, पुरुषों की तुलना में ज्यादा होता है। इसके अलावा, कई कारणों से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में भी इंबैलेंस हो सकता है।
  • ये दोनों हार्मोन थायराइड फंक्शन को प्रभावित करते हैं और इसके कारण महिलाओं में थायराइड की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
  • इसके अलावा, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के समय होने वाला हार्मोनल उतार-चढ़ाव भी इसकी वजह बन सकात है।
  • कई महिलाओं को थायराइड फर्टाइल एज में तो कई महिलाओं को मेनोपॉज के वक्त परेशान करता है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि केमिकल वाले कई प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करता है और शरीर में हार्मोन्स के इंबैलेंस की वजह बन सकता है।
  • कई बार अनहेल्दी लाइफस्टाइल, कुछ दवाइयों के सेवन और जेनेटिक कारणों से भी थायराइड हो जाता है।

महिलाओं में थायराइड के लक्षण

Thyroid ke karan aur ilaj

सबसे पहले तो आपको यह समझना जरूरी है कि थायराइड सभी के लिए एक जैसा नहीं होता है। अमूमन महिलाएं रिपोर्ट में थायराइड की पुष्टि होने के बाद बस इतना समझ पाती हैं कि उन्हें थायराइड की बीमारी है। लेकिन, यह जानना भी जरूरी है कि आपको किस प्रकार का थायराइड है। थायराइड फंक्शन से जुड़े किसी भी डिसऑर्डर का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट जरूरी हैं। इनमें T4,T3 और TSH शामिल हैं। अगर आपकी थायराइड ग्लैंड से थायराइड हार्मोन, सामान्य से कम रिलीज हो रहा है, तो आपको हाइपोथायराइड है। वहीं अगर थायराइड ग्लैंड, सामान्य से अधिक थायराइड रिलीज कर रही है, तो यह हाइपरथायराइड है। इन दोनों के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं।

थायराइड का शरीर पर असर

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थायराइड लेवल का कम या ज्यादा होना शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है। इसकी वजह से आपका डाइजेशन, एनर्जी लेवल, पीरियड्स और यहां तक कि फर्टिलिटी और सेक्शुअल रिलेशन बनाने की इच्छा पर भी असर होता है। थायराइड हार्मोन के असंतुलन से महिलाओं के वजन, स्किन और हेयर हेल्थ पर भी असर होता है। इसकी वजह से हार्ट हेल्थ भी प्रभावित होती है। थायराइड हमारे गले में तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है, जिससे निकलने वाले थायराइड हार्मोन का इंबैलेंस महिलाओं की हेल्थ और मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है।

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महिलाएं थायराइड को मैनेज करने के लिए क्या करें?

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  • अगर आपको थायराइड है, तो डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव बहुत जरूरी है। डाइट में फल, सब्जियां और हेल्दी चीजों को शामिल करें।
  • चाय, कॉफी जैसी चीजों से दूरी बनाएं। इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होती है।
  • थायराइड में धनिये को बीज या धनिये की पत्तियों का पानी पीना भी फायदेमंद होता है। धनिये के बीजों को रातभर पानी में भिगोकर, सुबह खाली पेट इसका पानी पिएं। इससे बॉडी डिटॉक्स होती है और थायराइड हार्मोनल बैलेंस होता है।
  • थायराइड में ब्राजील नट खाना चाहिए। यह सेलेनियम से भरपूर होता है और इससे थायराइड इंबैलेंस दूर होता है।
  • थायराइड की वजह से मेटाबॉलिज्म पर असर होता है। इसे मैनेज करने के लिए, गुनगुने पानी में घी मिलाकर पिएं।
  • थायराइड में अनुलोम-विलोम, कपालभाति, उज्जायी, कैट-काउ पोज, और सर्वांगासन करना फायदेमंद रहेगा।
  • डेयरी प्रोडक्ट, जैसे पनीर, दूध को अवॉइड करें। आयोडीन, जिंक और सेलेनियम से भरपूर चीजों को डाइट का हिस्सा बनाएं।
  • स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें। तनाव का सीधा असर, शरीर के हार्मोन्स पर होता है।
  • नियमित रूप से थायराइड की जांच भी करवाते रहें। साथ ही, दवाई न छोड़ें।

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महिलाओं में थायराइड की समस्या काफी आम है। इसके लक्षणों और कारणों को समझना जरूरी है। साथ ही, इसे मैनेज करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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