जैसे ही हमने सोचा कि महामारी समाप्त हो रही है, घातक कोरोनावायरस के एक नए रूप ने दुनिया में तूफान मचा दिया है। कोरोना वायरस का लगातार म्यूटेशन हो रहा है और हर बार नए, घातक रूपों के साथ सामने आ रहा है। कोरोना महामारी फैलने के तकरीबन 2 साल बाद भी दुनिया इसके नए-नए वेरिएंट्स से लगातार जूझती नजर आ रही है। डेल्टा वेरिएंट की काफी चर्चा के बाद अब एक नया वेरिएंट चिंता का विषय बन गया है।
अब खबर आई है किकोरोना ओमिक्रोन वेरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश में ओमिक्रोन वेरिएंट के दो मामले पाए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार, कर्नाटक में दोनों मामलों की पहचान की गई है। इनकी रिपोर्ट देर रात आई थी। संक्रमित व्यक्ति में एक 66 साल के और दूसरे 46 साल के व्यक्ति हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि इस वायरस से बचाव के लिए हमें कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा।
अग्रवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'कोविड-19 के ओमिक्रोन वेरिएंट के अभी तक कोई गंभीर लक्षण नहीं बताए गए हैं। सभी ओमिक्रोन संबंधित मामलों में अब तक हल्के लक्षण पाए गए हैं। देश और दुनिया भर में अब तक ऐसे सभी मामलों में, कोई गंभीर लक्षण नहीं देखा गया है।'
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इसके उभरते सबूतों का अध्ययन किया जा रहा है। लेकिन इस वायरस के म्यूटेशन को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह वायरस बहुत संक्रामक है।
वैज्ञानिकों ने बी.1.1.529 को कोरोनवायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के रूप में पहचाना है, जिसमें कोविड-19 स्पाइक प्रोटीन में 30 से अधिक म्यूटेशन हैं जो इसके ट्रांसमिशन को और अधिक आसान बनाता है। नए वेरिएंट, ओमिक्रोन वर्तमान में उपलब्ध COVID टीकों के खिलाफ इम्यूनिटी रखता है।
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माना जाता है कि कोरोनावायरस के इस नए पहचाने गए वेरिएंट की उत्पत्ति दक्षिण अफ्रीका में हुई है। 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका से विश्व स्वास्थ्य संगठन को रिपोर्ट किया गया था। पहले मामले के बाद से, इंफेक्शन दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्कॉटलैंड सहित अन्य देशों में फैल गया है।
इस नए वेरिएंट के कुछ सामान्य लक्षण कोरोनावायरस के पिछले वेरिएंट से काफी मिलते-जुलते हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों ने कुछ देशों को नए COVID-19 वेरिएंट के लिए जोखिम में डाल दिया है। लिस्ट में यूके. यूरोप. दक्षिण अफ्रीका, ब्राज़ील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हॉगकॉग, इजराइल शामिल हैं।
हाल ही में, दक्षिण अफ्रीका से महाराष्ट्र लौटे एक व्यक्ति का कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है। यह अभी भी पुष्टि नहीं हुई है कि क्या मरीज में कोरोना वायरस का ओमिक्रोन प्रकार था। देश भर में अभी तक ओमिक्रोन वेरिएंट के किसी अन्य मामले की सुनवाई नहीं हुई है।
दुनिया भर में ओमिक्रोन वेरिएंट के प्रसार के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोखिम वाले देशों से यात्रा करने वालों के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। जोखिम वाले देशों से आने वालों को भारत पहुंचने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट से गुजरना होगा। यात्रियों को एयरपोर्ट से निकलने या कनेक्टिंग फ्लाइट लेने से पहले नतीजों का इंतजार करना होगा।
जिन यात्रियों को टेस्ट पॉजिटिव आएगा, उन्हें आइसोलेशन के लिए एक मेडिकल स्टेशन ले जाया जाएगा। उन्हें तब तक आइसोलेशन में रहना होगा, जब तक कि उनका टेस्ट ओमिक्रोन वेरिएंट के प्रति नेगेटिव आता है। यदि वह किसी अन्य प्रकार से संक्रमित होते हैं, तो डॉक्टर द्वारा उनकी स्थिति के अनुसार सुझाव देने पर उन्हें छोड़ दिया जाएगा।
जो लोग जोखिम वाले देशों से आते हैं और उनका टेस्ट नेगेटिव आता है, उन्हें होम क्वारंटाइन करना होगा और 8 वें दिन एक और टेस्ट करना होगा। संक्रमित होने पर उन्हें कोविड-19 हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करना होगा। भारत आने वाले सभी यात्रियों को पिछले 14 दिनों के लिए अपने यात्रा इतिहास की घोषणा करनी होगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नए वेरिएंट के बारे में अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'ओमिक्रोन के बारे में पढ़ा, इसमें स्पाइक म्यूटेशन की एक अभूतपूर्व संख्या है, जिनमें से कुछ महामारी के प्रक्षेपवक्र पर उनके संभावित प्रभाव से संबंधित हैं। नए वेरिएंट से संबंधित समग्र वैश्विक जोखिम का बहुत अधिक मूल्यांकन किया जा रहा है।'
ओमिक्रोन की ट्रांसमिसिबिलिटी पर डब्ल्यूएचओ का अपडेट स्पष्ट नहीं है कि डेल्टा सहित अन्य वेरिएंट की तुलना में वेरिएंट अधिक ट्रांसमिसिबल है या नहीं। दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने की दर में वृद्धि हुई है क्योंकि बहुत सारे लोग संक्रमित हो गए हैं। हालांकि, अध्ययन अभी भी यह सुझाव दे रहे हैं कि क्या यह ओमिक्रोन या अन्य कारकों के कारण है।
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दिल्ली के डॉक्टर मुकेश सिंह, सीनियर रेजिडेंट के अनुसार, "ओमिक्रोन उर्फ बी.1.1.529 चिंता का एक प्रकार है क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में म्यूटेशन होते हैं और पुन: संक्रमण की संभावना अधिक होती है, वैक्सीन्स बीमारियों की गंभीरता को रोक सकते हैं लेकिन 100% सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए सुरक्षित रहने के लिए सभी को कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।"
कोविड से संबंधित आइसोलेशन पर सरकार द्वारा जारी नई गाइड लाइन के अनुसार कोई भी कोरोना पॉज़िटिव मरीज यदि माइल्ड केस के साथ होम आइसोलेशन में है और इस दौरान उसे 7 दिनों में लगातार 3 दिनों तक बुखार नहीं आता है तो उसे निगेटिव मान लिया जाएगा। यानि मरीज को अपने निगेटिव होने के लिए किसी टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है बल्कि अगर 3 दिन तक उसे बुखार नहीं आता है तो वह खुद को निगेटिव मान सकता है।
यह भी सुझाव दिया गया है कि होम आइसोलेशन समाप्त होने के बाद दोबारा-टेस्टिंग की कोई आवश्यकता नहीं है।
शुक्र है कि भारत में अभी तक ओमिक्रोन का कोई मामला नहीं है। हम आपको इस नए वेरिएंट के बारे में और अपडेट के बारे में बताते रहेंगे। इस तरह की और जानकारी के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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