
Miss Universe 2025 का नेशनल कॉस्ट्यूम सेगमेंट इस साल बेहद खास रहा। दुनिया भर की सुंदरियों ने अपने-अपने देश की संस्कृति, परंपरा, इतिहास और कला को शानदार तरीके से पोषक के रूप में मंच पर प्रस्तुत किया। जहां एक तरफ किसी ने अपनी धार्मिक संस्कृति को उजागर किया, वहीं किसी और ने अपना जलवा अपने देश के प्रसिद्ध भोजन की पोशाक पहनकर बिखेरा। आइए आपको बताते हैं साल 2025 की मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के नेशनल कॉस्ट्यूम सेगमेंट में किसका जलवा दिखा सबसे ज्यादा।
मिस इंडिया नेशनल कॉस्ट्यूम सेगमेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली 22 साल की मनिका विश्वकर्मा ने अपनी पोशाक के साथ बुद्ध के ज्ञानोदय के क्षण को दिखाया। उन्होंने जो पोषक पहनी उसमें भगवान बुद्ध को प्राप्त होने वाले ज्ञान जो बोधि वृक्ष के नीचे मिला था उसकी झलक थी।

मनिका ने भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति के पवित्र क्षण को अपने कॉस्ट्यूम के माध्यम से प्रस्तुत किया। गोल्डन और व्हाइट टोन में बना यह लुक शांति, ज्ञान और आध्यात्मिकता का प्रतीक था। उनके बैकपीस पर बना ‘बोधिवृक्ष’ का प्रतीक सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा। इस कॉस्ट्यूम ने भारतीय संस्कृति की गहराई और बौद्ध दर्शन का सौंदर्य दुनिया के सामने बखूबी दिखाया।
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बांग्लादेश की कंटेस्टेंट तंगिया ज़मान मेथिला ने मिस इंडिया नेशनल कॉस्ट्यूम सेगमेंट में सफेद जामदानी साड़ी पहनी जो कि UNESCO द्वारा Intangible Cultural Heritage के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह साड़ी पूरी तरह हाथ से बुनी गई थी। इसे तैयार करने में 120 दिन लगे थे। उनका लुक इतना दिव्य दिखाई दे रहा था कि लोग उनकी तुलना मां सरस्वती से कर रहे थे। उनकी पोशाक प्रसिद्ध जामदानी बुनाई से प्रेरित थी जिसमें सुनहरे विवरण और एक सफेद ड्रेप है जो ढाकाई जामदानी की भव्यता और समृद्धि को खूबसूरती से दर्शाता है।

इंडोनेशियाई प्रतियोगी ने मंदिर से प्रेरित एक सुनहरा परिधान पहना था जो बाली की सांस्कृतिक पोशाक को दर्शाता है, जो अक्सर समारोहों और शास्त्रीय प्रस्तुतियों में देखा जाता है। इसकी संरचना, सिर की पोशाक और सोने के अलंकरण प्राचीन बाली मंदिरों में इस्तेमाल की जाने वाली शैली से मिलते जुलते हैं।
बाली की संस्कृति प्राचीन भारतीय परंपराओं, मुख्य रूप से हिंदू ग्रंथों, मंदिर वास्तुकला और कथावाचक शैलियों से अत्यधिक प्रभावित है। अलंकृत मुकुट और स्वर्ण पैटर्न जैसे डिज़ाइन तत्व भारत और इंडोनेशिया के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक आदान-प्रदान की झलक दिखाते हैं।
उन्होंने शीश महल से प्रेरित एक चमकदार पोशाक पहनी थी, जिसमें शीशे की दीवारों और शाही मुगल डिजाइन का इस्तेमाल किया गया था। पोशाक की शानदार सजावट मुगलकालीन वास्तुकला के आकर्षण को दर्शाती है।

दिलचस्प बात यह है कि लाहौर स्थित शीश महल का निर्माण शाहजहां ने करवाया था, जिनकी स्थापत्य विरासत में वर्तमान भारत और पाकिस्तान के स्मारक शामिल हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि उनके शासन में भारत कला, शिल्प और वास्तुकला का सबसे समृद्ध केंद्र था।
इंटरनेट पर लोगों की पसंदीदा विजेता नॉर्वे की कंटेस्टेंट रहीं। उन्होंने कॉस्ट्यूम Salmon Fish से प्रेरित थी जो नॉर्वे की पहचान होने के साथ समुद्री संस्कृति और फिशिंग इंडस्ट्री का प्रतीक भी था।

यह क्रिएटिव, मॉडर्न और ग्लोबल अपील वाला कॉस्ट्यूम दिखने में बेहद आकर्षक लग रहा था और इसने सभी का दिल जीत लिया। यही नहीं उन्हें विनर भी घोषित किया गया।
प्रतियोगिता में श्रीलंका की लिहाशा वाइट का कॉस्ट्यूम सबसे क्रिएटिव माना गया। उन्होंने तांबे से बना टी–पॉट जैसा अनोखा कॉस्ट्यूम पहना। मिस यूनिवर्स में श्रीलंका द्वारा पहनी गई अब तक की सबसे अनोखी राष्ट्रीय पोशाकों में से थी।

मिस यूनिवर्स श्रीलंका लिहाशा लिंडसे व्हाइट ने श्रीलंका के आतिथ्य का सम्मान सीलोन चाय के साथ किया। कॉन्सेप्ट से लेकर पोशाक तक, सब कुछ लाजवाब था और लोगों को बहुत पसंद आई। नेटिज़न्स और जूरी, दोनों ने इस कॉस्ट्यूम को रात के सबसे बेहतरीन और विचारशील कॉस्ट्यूम्स में से एक बताया।
विश्व प्रसिद्ध इज़राइली डिज़ाइनर अविद अरिक हरमन द्वारा डिज़ाइन की गई यह पोशाक नेपाल के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रीय प्रतीकों में से एक से प्रेरित है - देश के प्रतीक चिन्ह में दो हाथ एक साथ जुड़े हुए हैं।

पारंपरिक रूप से लैंगिक समानता का प्रतिनिधित्व करने वाले इस भाव को यहां शांति के सार्वभौमिक प्रतीक के रूप में पुनः व्याख्यायित किया गया है, जो पारस्परिक सम्मान, करुणा और एकता से उत्पन्न शक्ति का प्रतीक है।
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मिस यूनिवर्स थाईलैंड प्रवीना सिंह ने राष्ट्रीय पोशाक को उत्कृष्ट, प्रभावशाली और अत्यंत भव्य तरीके से प्रस्तुत करके मंच पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। उनके सशक्त और सटीक चित्रण ने चमकदार और भव्य पोशाक को और भी निखार दिया, जिससे यह वास्तव में थाईलैंड के गौरव का प्रतिनिधित्व करने के योग्य बन गई। यक्ष को रक्षक देवता कहा जाता है जिन्हें भारतीय और श्रीलंकाई संस्कृति में भी जाना जाता है। ये मंदिरों और राज्यों की रक्षा करने वाले रहस्यमयी शक्तिशाली प्राणी माने जाते हैं। प्रतियोगिता में उनका लुक शक्ति, परंपरा और मिथकीय वैभव का बेहतरीन उदाहरण था।
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