पहले पीरियड से नहीं घबराएगी लाडली, बस पहले ही बताएं उसे यह बातें

पहला पीरियड एक लड़की के लिए बेहद अलग अनुभव होता है। लेकिन बतौर मां आप पहले ही उसे इसके बारे में बताकर तैयार कर सकती हैं।

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पीरियड की शुरूआत किसी भी लड़की के जीवन का एक बहुत बड़ा परिवर्तन होता है। पीरियड की शुरूआत के बाद ही लड़की अपने भीतर कई बदलावों को महसूस करती है। यह उसे बड़ा व जिम्मेदार होने का अहसास कराते हैं। जहां कुछ लड़कियों के लिए यह खुशी का अवसर होता है, वहीं कुछ लड़कियां इससे बुरी तरह घबरा जाती हैं या डर जाती हैं। उसका यह रिस्पांस वास्तव में इस बात पर निर्भर करता है कि वह अपने पहले पीरियड के लिए मानसिक तौर पर कितनी तैयार है। बहुत सी लड़कियों को पीरियड्स आने से पहले उसके बारे में कुछ भी पता नहीं होता और इसलिए वह ब्लड देखकर बहुत अधिक घबरा जाती हैं। एक मां और स्त्री होने के नाते आपका यह फर्ज है कि आप अपनी लाडली को इसके लिए पहले से ही तैयार करें। बढ़ती उम्र में होने वाले शारीरिक बदलावों को लेकर यकीनन उसके मन में कई तरह के सवाल होंगे और उसे डांटने या चुप कराने की जगह यह बेहद जरूरी है कि आप उसकी सभी जिज्ञासाओं को शांत करें। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि अपनी लाडली को पीरियड्स के लिए कैसे तैयार करें-

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हिचकिचाहट नहीं

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मासिक धर्म एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन हम आज भी उस समाज में रह रहे हैं, जहां पर हम अपने पैड्स को छिपाकर रखते हैं। पीरियड्स होने पर किचन में जाना उचित नहीं समझते। कई घरों में तो महिला को मासिक धर्म के दौरान बिल्कुल अकेला रहना पड़ता है क्योंकि इसे सही नहीं माना जाता। ऐसे में अपनी बेटी से इस बारे में बात करना शायद आपके लिए कठिन हो। लेकिन अगर आप अपनी बेटी को इसके लिए मानसिक रूप से तैयार करना चाहती हैं तो जरूरी है कि आप अपने मन की सारी हिचकिचाहट को दूर करें। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और हर स्त्री को अपने जीवन में इस प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसलिए इसमें हिचकिचाने वाली कोई बात नहीं है।

करें बात

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अपनी लाडली के मन की सभी शंकाओं को दूर करने का सबसे आसान तरीका है उससे बात करना। जब आपकी लाडली दस साल की हो जाए तो एक मां के लिए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि वह अपनी बेटी से उसके शरीर में होने वाले परिवर्तनों के बारे में बात करे। इसमें सिर्फ पीरियड्स ही शामिल नहीं है, बल्कि आप उससे अन्य शारीरिक विकास जैसे ब्रेस्ट के साइज का बढ़ना या गुप्तांग पर बाल होना आदि के बारे में भी बताएं। इससे जब लड़की के शरीर में वह बदलाव होंगे तो वह घबराएगी नहीं क्योंकि वह इसके लिए पहले ही तैयार होगी। साथ ही बेटी के मन में उठ रहे हर सवाल का जवाब बेहद ही धैर्यपूर्ण तरीके से दें। अगर आप उसे डांटकर चुप करा देंगी तो वह सवाल उसके मन में ही रह जाएगा और फिर वह दूसरों की कही गई या सुनी सुनाई बात को ही सच मान लेगी।

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पीरियड हाईजीन

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जब आप पीरियड्स के बारे में बात करें तो यह बेहद जरूरी है कि आप इस दौरान उसे अतिरिक्त साफ-सफाई रखने व उसकी अहमियत के बारे में भी बताएं। इस दौरान साफ सफाई के अभाव में स्त्री कई गंभीर रोगों की शिकार हो सकती हैं। सही तरीके से सफाई न होना भी रैशेज या बैक्टीरिया संक्रमण का प्रमुख कारण भी है। उसे समझाएं कि वह हर चार-पांच घंटे में सेनेटरी नैपकिन जरूर बदले। साथ ही उसे अलग-अलग ब्रांड्स के नैपकिन के बारे में भी बताएं।

इंटरनेट की मदद

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हो सकता है कि आप अपनी लाडली को जो बताना चाह रही हों, वह उसे समझ ही न आए। ऐसे में अतिरिक्त मदद की जरूरत होती है। आप उसे चीजों को बारीकी से समझाने के लिए टीवी, इंटरनेट, किताबों व शॉर्ट फिल्म आदि की मदद ले सकती हैं। इतना ही नहीं, अगर संभव हो तो पहले मासिक धर्म के बाद एक बार बेटी को किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से अवश्य मिलवाएं। वह आपकी लाडली को हर चीज बेहद बारीकी से समझा सकती हैं, जिसके बाद उसके मन में किसी तरह का संशय नहीं रहेगा।

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