क्या ज्यादा सोशल मीडिया का इस्तेमाल बच्चे की मेंटल ग्रोथ रोक सकता है?

आजकल हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन है। चाहे वह 5 साल का बच्चा ही क्यों ना हो, धड़ल्ले से सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है। अब सवाल है कि क्या सोशल मीडिया बच्चों की मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है? अगर हां तो कैसे
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2025-02-18, 16:04 IST
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डिजिटल युग में आजकल हर किसी के हाथ में मोबाइल फोन है। चाहे वो 5 साल का बच्चा ही क्यों न हो। माता पिता भी खुद को फ्री रखने के लिए बच्चों को समय से पहले फोन पकड़ा देते हैं। धीरे-धीरे बच्चे इसके आदी हो जाते हैं। कम उम्र में ही सोशल मीडिया पर समय बिताने लगते हैं,फिर चाह कर भी यह आदत छुड़ाना मुश्किल हो जाता है। इससे ना सिर्फ शारीरिक तौर पर बच्चों को नुकसान होता है बल्कि मेंटल हेल्थ और ग्रोथ दोनों ही प्रभावित होती है।डॉ. हिमानी नरूला खन्ना (Developmental Behavioural Paediatrician और Adolescent Mental Health Expert, Co-founder of Continua Kids) इस बारे में जानकारी दे रही हैं।

सोशल मीडिया का इस्तेमाल बच्चे की मेंटल ग्रोथ रोक सकता है?

SOCIAL MEDIA AND CHILD MENTAL HEALTH

एक्सपर्ट बताती हैं कि सोशल मीडिया का इस्माल बच्चों के ध्यान कंद्रित करने की क्षमता पर असर डालता है। सोशल मीडिया पर घंटो विजुअल्स देखने के बाद बच्चे लंबे समय तक किसी भी काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इससे उनकी कॉन्सेंट्रेशन पावर घटती है।,जिससे स्कूल में पढ़ाई पर भी असर पड़ सकता है।

जब बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताते हैं,तो उनकी सीधी बातचीत यानी फेस टू फेस कॉम्यूनिकेशन कम हो जाती है। इससे उनकी भाषा और बातचीत की क्षमता प्रभावित होती है, क्योंकि वे बॉडी लैंग्वेज और चेहरे के भाव को समझने में कमजोर हो जाते हैं।

सोशल मीडिाया पर दिखाए जाने वाले कंटेट बच्चों के व्यवहार पर असर डालते हैं। इससे उनमें आक्रामकता बढ़ सकती है। इसस वह असल जिंदगी में गुस्सैल और चिड़चिड़े हो सकते हैं।

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NEGATIVE EFFECTS OF USING SOCIAL MEDIA

सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाली ऐसी कई चीजों पर यकीन कर लेते हैं,जिनका रियल लाइफ से कोई नाता ही नहीं होता है। असल जिंदगी में भी वे ऐसा ही चाहते हैं, और जब चीजें उस तरह से नहीं होती है, तो एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी समस्या बचपन से ही शुरू हो जाती है। इससे उनकी मेंटल हेल्थ खराब हो जाती है।

ऐसे रखें ध्यान

  • बच्चों की स्क्रीन टाइम को संतुलित करें।
  • उन्हें रियल लाइफ से रूबरू कराएं।
  • असली दुनिया की गतिविधियों में शामिल करें जैसे आउटडोर गेम्स, किताबे पढ़ना, आर्ट
  • सोशल मीडिया पर बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और जरूरत से ज्यादा एक्सपोजर को सीमित करें।


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Image Credit- Freepik

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