herzindagi
image

क्या डिप्रेशन और एंग्जायटी के कारण भूलने की बीमारी हो सकती है?

आजकल के दौर में हर कोई एंग्जाइटी और डिप्रेशन की चपेट में आसानी से आ जाता है। लेकिन इसके हल्के में लेना बंद कीजिए क्योंकि ये दोनों ही विकार आपके मेमोरी को चौपट कर सकते हैं। 
Editorial
Updated:- 2024-12-16, 16:19 IST

भाग दौड़ भरी जिंदगी में आजकल हर कोई मानसिक रूप से परेशान है। तनाव के कारण अक्सर लोग डिप्रेशन और एंजाइटी के शिकार हो जाते हैं। यह दोनों ही सबसे सामान्य मानसिक विकार है जो दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं। यह विकार मूड और व्यवहार के लक्षणों के रूप में प्रकट होते हैं लेकिन अगर कोई व्यक्ति ज्यादा डिप्रेस्ड होने लगे, उसे बार-बार एंजाइटी होने लगे तो इसका असर संज्ञानात्मक क्षमताओं पर पड़ता है । इससे याद करने की क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। आइए जानते हैं कि कैसे एंजायटी और डिप्रेशन आपकी मेमोरी और डिसीजन लेने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। इसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट से हमने बात की है Ms Deeksha Parthsarthy- Neuropsychologist, PSRI Hospital, New Delhi इस बारे में जानकारी साझा की है।

क्या डिप्रेशन और एंग्जायटी के कारण भूलने की बीमारी हो सकती है?

how depression affect memory

एक्सपर्ट बताती हैं कि ये दोनों ही विकार मस्तिष्क में जरूरी न्यूरोट्रांसमीटरों का असंतुलन उत्पन्न करते हैं और मस्तिष्क की संरचनाओं जैसे एमिग्डाला, हिप्पोकैम्पस और प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स को प्रभावित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनुकूलन हीन संज्ञानात्मक प्रक्रियाएं होती हैं।

ध्यीन केंद्रित करने में परेशानी

चिंता व्यक्ति को लगातार कई तरह के विचारों से भर देता है,जिससे उसकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम हो जाती है।  जब कोई व्यक्ति किसी चीज पर ध्यान नहीं दे पता है तो वह उसे सही तरीके से समझ या याद भी नहीं कर पता है।  इसका परिणाम यह होता है कि आप शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस की चपेट में आ जाते हैं। इसके कारण छोटी-छोटी बातों को याद रखने में कठिनाई होती है। समस्याओं को हल करने में परेशानी होती है

चीजें याद रखने में परेशानी

एक्सपर्ट बताती हैं की चिंता का एक हिस्सा तनाव है जो शरीर में कॉर्टिसोल नामक हार्मोन का उत्सर्जन करता है। कोर्टिसोल के उच्च स्तर से याद करने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसका मतलब यह है कि जब कोई व्यक्ति चिंतित या तनाव में होता है तो वह पहले से जो कुछ भी जानता है यह सीखा हुआ रहता है उसे याद नहीं कर पता है।  यही वजह है की परीक्षा के दौरान बहुत ज्यादा चिंतित छात्र ब्लैक आउट हो जाते हैं और सब कुछ भूल जाते हैं।

how depression and anxiety affect memory

फैसला लेने में दिक्कत

डिप्रेशन मस्तिष्क के स्मरण शक्ति केंद्र यानी कि हिप्पोकेंपस को प्रभावित करता है। यह हिप्पोकेंपस के कार्य को कमजोर करता है, जिसके कारण जानकारी को याद करने में दिक्कत आती है ।अवसाद से प्रभावित लोग नई जानकारी को सिखाने या उसे सही तरीके से याद करने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसके अलावा वह नकारात्मक घटनाओं को अधिक याद करते हैं। यह संतुलन न्यूरोट्रांसमीटर जैसे डोपामिन और सेरोटोनिन के कारण होता है जो डिप्रेस्ड लोगों में कम हो जाते हैं।

डिप्रेशन के कारण डोपामिन गतिविधि में कमी आती है और इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति के लिए निर्णय लेना कठिन हो जाता है। वह नकारात्मक अनुभव पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं जो उनके भविष्य के निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है।


यह भी पढ़ें-कम नींद लेने वाले लोग बार-बार बीमार क्यों पड़ते हैं?

ऐसे करें इलका इलाज

anxiety affect memory

  • कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
  • माइंडफूलनेस
  • योग और मेडिटेशन
  • न्यूरोप्लास्टिसिटी बढ़ाने वाली तकनीक जैसी रणनीतियों को अपनाकर प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है


यह भी पढ़ें-क्या सच में तनाव लेने से हाइपरटेंशन होता है ?

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।  


Image Credit- freepik

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।