अगर आपकी रोजमर्रा की दिनचर्या अस्तव्यस्त रहती है, आप अपने ऑफिस के काम में अपना ज्यादातर समय बिता देती हैं, खाने-पीने से लेकर सोने-जागने तक का रूटीन बिगड़ा हुआ है तो वह आपकी हेल्थ को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ आपको डिप्रेशन में भी पहुंचा सकता है। एक नई स्टडी में कहा गया है कि अगर आप डिप्रेशन, बेचैन या अकेलेपन से जूझ रही हैं तो यह समस्या आपके शरीर की जैविक घड़ी से जुड़ा हो सकता है। 'द लैंसेट साइकेट्री' मैगजीन में प्रकाशित हुए एक शोध में कहा गया है कि शरीर की इंटरनल घड़ी की लय में गड़बड़ी से खुशी में कमी आपकी हेल्थ और कॉन्गिनिटिव स्किल्स से लिंक्ड है।
बायोलॉजिकल घड़ी से जुड़ी हैं हमारी खुशियां
हमारी 24 घंटे की जैविक घड़ी शारीरिक और व्यावहारिक कार्यों को कंट्रोल करती है, जिसमें लगभग सभी जीवों में शरीर के तापमान के साथ खाने की आदतें शामिल होती हैं। ये डिस्टरबेंस या रुकावटें आराम की अवधि के दौरान ज्यादा सक्रियता या दिन के दौरान असक्रियता से जुड़ी होती हैं। ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोध के लेखक लौरा लाइल ने इस बारे में कहा है, "हमारे निष्कर्ष बदलते दैनिक शारीरिक, जैविक घड़ी की लय और मनोदशा विकारों और अच्छी सेहत के बीच संबंध को दिखाते हैं।''
फ्यूचर प्लानिंग में होंगी कामयाब
इस नतीजे के आधार पर जल्द से जल्द अपनी बिगड़ी बायोलॉजिकल घड़ी के अनुसार अपनी दिनचर्या को ढालने का प्रयास करें। अगर आप अपने रूटीन कामों से लेकर ऑफिस वर्क तक सबकुछ समय पर करेंगी तो आपको ब्रेक लेने के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा। इससे आपकी थकान दूर होगी और फिर से तरोताजा महसूस करेंगी। रिलैक्स करने से आप यह महसूस कर पाएंगी कि आपने क्या कुछ अचीव कर लिया है और किन चुनौतियों के लिए आपको खुद को तैयार करने की जरूरत है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए आप अपनी आगे की रणनीति बेहतर तरीके से तैयार कर पाएंगी और इस राह पर चलते हुए आप पाएंगी कि आपकी खोई खुशियां वापस लौट रही हैं।
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