कई लोगों की आदत होती है कान में खुजली के लिए उंगली, माचिस की तीली या फिर सेफ़्टी पिन का इस्तेमाल करने की। यह ना सिर्फ़ ख़तरनाक साबित हो सकता है बल्कि कान में इंफ़ेक्शन होने का भी ख़तरा रहता है। जब हम बारिश के मौसम में कानों में खुजली करते हैं तो दर्द जैसी समस्या होती है। कई लोग दर्द होने पर कान में तीली डालकर इलाज शुरू कर देते हैं, ऐसा करने से आप बड़ी समस्या में पड़ सकते हैं।
जानी मानी डायटीशियन स्वाती बाथवाल के अनुसार कान दर्द के पीछे कई वजह हो सकती हैं। सूजन, ईयरड्रम में समस्या, वैक्स जमा होने या फिर प्रेशर पड़ने आदि की वजह से ईयर इंफ़ेक्शन हो सकता है। अगर इंफ़ेक्शन की वजह से कान में दर्द बढ़ता ही जा रहा है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। वहीं अगर कानों में हल्का दर्द है तो आप इन घरेलू नुस्ख़ों को इलाज के तौर पर आज़मा सकती हैं।
टी ट्री ऑयल
मौसम या अन्य किसी वजह से कान में हल्का दर्द है तो आप टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए 5 से 6 बूंद तिल के तेल में 3 से 4 बूंद टी ट्री ऑयल को मिक्स कर उसे गर्म करें। इसके बाद इस मिश्रण को ठंडा करें, फिर एक कॉटन की मदद से दो या तीन बूंद कान में डालें। इन ऑयल का इस्तेमाल करते वक़्त इनकी शुद्धता का भी ख़्याल रखें। अगर बच्चों के लिए इस्तेमाल कर रही हैं तो एक या दो बूंद काफ़ी होगी। हालांकि इस बात का ख़्याल रखें कि बच्चे को कितना दर्द है।
नीम का तेल
नीम का तेल औषधीय गुणों से भरपूर है, इसका इस्तेमाल कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। हालांकि कान दर्द एक सेंसिटिव मामला है, इसलिए कम दर्द में ही इसका इस्तेमाल करें। इसके लिए 3 से 4 बूंद नीम के तेल में 6-7 बूंद तिल के तेल को मिक्स कर उसे गर्म करें और फिर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। आप चाहें तो इसमें टी ट्री ऑयल की एक या दो बूंद ऑप्शन के तौर पर इस्तेमाल कर सकती हैं। ध्यान रखें कि ये तेल पूरी तरह से नैचुरल होना चाहिए। अब इस मिश्रण को रूई की मदद से कान में एक या दो बूंदें डालें।
गर्म तौलिये से करें सिकाई
दर्द की वजह से कान के पास सूजन आ गयी है तो आप गर्म पानी में तौलिये को डालकर उसे निचोड़ लें। अब इससे कान के आसपास की सिकाई करें, ध्यान रखें कि तौलिया अधिक गर्म नहीं होनी चाहिए। सूजन के अलावा कान में हल्का दर्द है तो भी आप सिकाई कर सकती हैं। बड़ों के अलावा बच्चों के लिए भी यह तरीक़ा आज़मा सकती हैं, क्योंकि उनके कान काफ़ी सेंसिटिव होते हैं, ऐसे में कुछ डालने से बेहतर है कि आप एक बार सिकाई कर लें।
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हींग
कान दर्द में इलाज के तौर पर हींग का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आधा कप पानी या फिर उससे कम पानी को गर्म करें और उसमें दो से तीन चुटकी हींग मिक्स करें। अब इस पानी को ठंडा होने दें, फिर इसे रूई की मदद से एक या दो बूंद कान में डालें। ध्यान रखें कि अधिक या गर्म चीज़ कान के अंदर ना डालें। हल्का गुनगुना हो तभी इसे कान में डालें।
प्याज का रस
प्याज का इस्तेमाल सिर्फ़ बालों की लंबाई बढ़ाने के लिए ही नहीं बल्कि एक देसी दवा के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कान में दर्द की समस्या है तो आधा कप पानी में तीन से चार चम्मच प्याज के रस को मिक्स कर दें। अब इस मिश्रण को गर्म करें और इसमें कॉटन मिक्स कर दें, फिर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। जब यह हल्का गुनगुना हो जाये तो सोक हुए कॉटन से दो या तीन बूंद कान में डालें।
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हल्दी
हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जिसका इस्तेमाल कई तरीक़े से किया जाता है। यही नहीं यह सूजन और दर्द कम करने का भी काम करता है। कान में मौसम बदलने की वजह से हल्का दर्द है तो एक कप पानी को गर्म करें और उसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर और एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिक्स कर चाय तैयार करें। जब पानी आधा कप से थोड़ा ज़्यादा रह जाये तो गैस बंद कर इसे छान लें। अब इस चाय को पिएं, इससे आपको राहत मिल सकती है।
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