नवजात बच्चे को बार-बार आ रही है हिचकी? एक्सपर्ट से जानें इसके कारण और उपाय

आमतौर पर बच्चे को हिचकी आना सामान्य है, पर अगर लगातार हिचकियां आ रही हैं तो इसके पीछे स्वास्थ्य समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं। इसलिए असल वजह को जानना बेहद जरूरी हो जाता है।

 
hiccups in newborn causes

नवजात बच्चे को होने वाली स्वास्थ्य समस्या अभिभावक के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। खासकर ऐसा अक्सर तब होता जब आपको बच्चे की समस्या के बारे में उचित जानकारी न हो। ऐसे में नवजात की सेहत को लेकर अक्सर लोग चिंतित हो जाते हैं। जैसे कि कई बार नवजात बच्चे को अचानक से हिचकियां आना शुरू हो जाती हैं, जोकि देर तक बनी रहती हैं। इससे निजात के लिए इसकी वजह जानना बहुत जरूरी है और यहां हम आपको इसी बारे में उचित जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैँ।

इस आर्टिकल में हम उन स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बता रहे हैं, जिनके कारण नवजात शिशुओं में हिचकी की समस्या पेश आती है। बता दें कि हमने इस बारे में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित यादव से बात की है और उनसे मिली जानकारी आपके साथ शेयर कर रहे हैं।

बच्चे को बार-बार हिचकी आने की वजहें

नवजात बच्चे को हिचकी आना सामान्य है, क्योंकि इसकी शुरुआत गर्भ में ही हो जाती है। बता दें कि प्रेगनेंसी के दूसरी तिमाही में गर्भ में पल रहे बच्चे को हिचकियां आनी शुरू हो जाती है। जन्म के बाद अगर नवजात को सामान्य रूप से हिचकियां आ रही हैं तो इसमें चिंता की बात नहीं है। पर वहीं अगर बच्चे को लगातार हिचकियां आ रही है, जो रुकने का नाम नहीं ले रही है तो फिर यह चिंता का विषय हो सकता है। इसके पीछे निम्न वजहें हो सकती है।

causes of hiccups in newborn

एसिड रिफ्लक्स

बच्चे को अगर दूध सही तरीके से न पिला जाए तो कई बार दूध पचने के बजाय ग्रास नली में अटक सकता है। एसिड रिफ्लक्स की इस स्थिति में बच्चे को हिचकी आ सकती है।

यह भी पढ़ें- क्या आपका बच्चा भी रात में करता है उल्टी? तो जान लें इसकी वजह और उपचार

श्वसन संबंधी समस्या

अस्थमा और श्वसन संबंधी समस्याओं के कारण भी बच्चे को लगातार हिचकी आने की समस्या पेश आ सकती है। दरअसल, अस्‍थमा में फेफड़ों की ब्रोंकाइल ट्यूब में सूजन आती है और इसके कारण सांस लेने में दिक्‍कत होती है। ऐसी स्थिति में बच्चे को हिचकियां आना शुरू हो जाती हैं।

दूध से एलर्जी

दूध से एलर्जी के कारण भी बच्चों में लगातार हिचकी आने की समस्या पेश आती है। दरअसल, दूध में मौजूद प्रोटीन के कारण भोजन नली में सूजन हो सकती है। ऐसी स्थिति में डायाफ्राम प्रभावित होता है और वो हिचकियों को ट्रिगर करता है।

cause of hiccups in newborn

पाचन संबंधी समस्या

बच्चा अगर आवश्यकता से अधिक दूध पी ले तो ऐसी स्थिति में उसे दूध को हजम करने में समस्या आती है। ऐसी स्थिति में बच्‍चे का पेट फूल सकता है और इसके कारण डायाफ्राम पर तनाव बढ़ता है। इसकी वजह से बच्चे को हिचकियां आती हैं।

बच्चे की हिचकी रोकने के लिए क्‍या करें

  • बच्चे को हिचकी रोकने के लिए आपको सबसे पहले इसकी वजह को जानना और समझना होगा। वजह जानने के बाद उसके निदान की कोशिश की जानी चाहिए। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
  • हिचकियां आने पर बच्चे को कंधे पर रख कर उसकी पीठ को सर्कुलर मोशन में मलें, इससे डायाफ्राम का तनाव कम होगा और हिचकियों से राहत मिलेगी।
  • बच्चे को दूध पिलाने के बाद कंधे पर रखकर उसे हल्की थपकी जरूर दें। ताकि डायफ्राम सही पोजीशन में रहे। इससे हिचकी आने से बचाव होगा।
  • बच्चे को दूध पिलाते वक्त हमेशा ध्यान रहे बच्चे का सिर सही थोड़ा ऊंचा रखें, ताकि दूध उल्टी दिशा में ग्रास नली में प्रवाहित न हो।
  • बच्चे को लगातार हिचकी आ रही है तो उसे ग्राईप वॉटर पिलाएं। ग्राइप वाटर के इस्तेमाल से हिचकियों से राहत दिलाने में काफी कारगर साबित होता है।
  • अगर हिचकी के साथ ही बच्चे के सांस लेते वक्त किसी तरह की आवाज आ रही है तो संभव है कि उसे सांस संबंधी समस्या हो। इसके लिए बच्चे को डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
  • अगर दूध पिलाने के बाद हर बार हिचकी की समस्या आ रही है तो बेहतर होगा कि बच्चे की जांच जरूर कराएं, ताकि संभावित समस्या का पता चल सके।

उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।

यह भी पढ़ें- क्या बच्चों की मालिश करने से सच में मजबूत होती हैं हड्डियां?

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-

Image Credit: Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP