बदलती जीवनशैली में जिस तरह से स्वास्थ्य समस्याओं को जोखिम बढ़ा है, देखा जाए तो लोगों का फिटनेस के प्रति रुझान भी उतना ही बढ़ा है। एक्सरसाइज से लेकर योग का अभ्यास तक, खुद को सेहतमंद रखने के लिए आजकल लोग हर संभव प्रयास करते हैं। ऐसे में कई बार जाने-अनजाने लोग ऐसी गलतियां भी कर बैठते हैं जो सेहत के लिए लाभकारी होने के बजाय हानिकारक साबित होती हैं।
गौरतलब है कि सेहत के लिए सजगता के साथ ही सही जानकारी का होना भी आवश्यक है, ताकि गलतियों से बचा जा सके। खासकर योग के अभ्यास के लिए सही जानकारी का होना आवश्यक है, क्योंकि जानकारी के अभाव में किया गया योग सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव भी डाल सकता है। जैसे कि हृदय संबंधी रोगों में कुछ योगासन का अभ्यास घातक साबित हो सकता है।
यहां हम आपको इसी बारे में जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि हमने इस बारे में योगा एक्सपर्ट त्रिधा जायसवाल से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं। योगा एक्सपर्ट त्रिधा जायसवाल बताती हैं कि योग के अभ्यास के दौरान शरीर में रक्त संचार पूरी तरह से प्रभावित होता है। वही रक्त संचार का आपके हृदय पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आपको उन योगासनों से बचना चाहिए जो रक्त संचार और हृदय गति पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। चलिए इन योगासनों के बारे में जरा विस्तार से जानते हैं।
हलासन
वजन कम करने में हलासन का अभ्यास बेहद लाभकारी माना जाता है। दरअसल, इसका अभ्यास पाचन और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करने में सहायक होता है। ऐसे में लोग तेजी से वजन कम करने के लिए इसका अभ्यास करते हैं। लेकिन जानने वाली बात यह है कि इसके अभ्यास के दौरान शरीर की जो मुद्रा बनती है, उससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे रक्त संचार का उल्टा प्रवाह बनता है, जो कि हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है।
ऐसे में अगर हृदय रोगी इसका अभ्यास करते हैं तो इसके कारण हार्ट अटैक का जोखिम हो सकता है। इसलिए जो लोग हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित हैं उन्हें हलासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
चक्रासन
चक्रासन का अभ्यास शरीर को लचीला बनाने के साथ ही कंधों और पेट की मांसपेशियों को मजबूती देता है। लेकिन वहीं यह योगासन हृदय रोगियों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। असल में इस योगासन के अभ्यास के दौरान शरीर की जो मुद्रा बनती है वो हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, ऐसे में हार्ट अटैक और दूसरी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
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सर्वांगासन
सर्वांगासन का अभ्यास भी हृदय रोगों के लिए हानिकारक माना जाता है। असल में इसके अभ्यास के दौरान कंधो के बल उल्टा खड़ा होना होता है। ऐसे में इस दौरान गुरुत्वाकार्षण के कारण रक्त प्रवाह नीचे सिर और हृदय की ओर बढ़ता है। ऐसे रक्तचाप और हृदय गति बढ़ने पर हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ता है।
शीर्षासन
शीर्षासन के दौरान पूरे शरीर का भार सिर पर आता है, ऐसे में सिर में रक्त जमा होने का खतरा बढ़ता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और इसके कारण हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ता है।
कपालभाति
कपालभाति का अभ्यास मन-मस्तिष्क के साथ ही संपूर्ण शरीर के लिए लाभकारी माना जाता है। लेकिन वहीं यह हृदय रोगियों के लिए हानिकारक भी माना जाता है। असल में इसके अभ्यास के दौरान सांसों की गति बढ़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए कपालभाति का अभ्यास हानिकारक हो सकता है।
बता दें कि इन योगासनों के साथ ही उत्तानपादासन, सेतुबंधासन, पादहस्तासन, फलकासन, पर्वतासन और समकोणासन का अभ्यास भी हृदय रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इन योगासन के अभ्यास से दूरी बनाना ही बेहतर है।
उम्मीद करते हैं कि सेहत और सौंदर्य से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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