अनियमित जीवनशैली का सबसे बड़ा प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ा है, इसके चलते मानसिक अवसाद से लेकर हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ गया है। यही वजह है कि आजकल कम उम्र में भी लोग हार्ट अटैक और हृदय से जुड़ी दूसरी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जैसे कि एंग्जाइटी के चलते दिल की धड़कनों का बढ़ना आम बात हो चुकी है, वहीं अगर समय रहते इसका निदान न किया जाए तो यह घातक भी हो सकता है।
ऐसे में दिल की धड़कनों को नियमित करना जरूरी हो जाता है और इसके लिए योग से बेहतर क्या हो सकता है। योग तन और मन दोनों की साधना है, ऐसे में हृदय संबंधी समस्याओं के प्राकृतिक चिकित्सा के लिए योग बेहद कारगर साबित होता है। इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं जिनके अभ्यास से दिल की धड़कनों को नियमित करने में मदद मिलती है।
बता दें कि हमने इस बारे में योगा एक्सपर्ट त्रिधा जायसवाल से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं। योगा एक्सपर्ट त्रिधा जायसवाल बताती हैं कि योग का अभ्यास ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ इससे ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर और ब्लड वेसल्स के भीतर लिपिड के संचय भी काफी कम होता है। ऐसे में अगर नियमित रूप से योग का अभ्यास किया जाए तो एथेरोस्क्लेरोसिस, हार्ट स्ट्रोक आदि का खतरा कम हो सकता है।
हृदय गति को संयमित करने में योग खासतौर पर लाभकारी होता है, ऐसे बहुत सारे योगासन हैं जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर हृदय गति को संतुलित करते हैं। चलिए अब इन योगासन के बारे में जान लेते हैं जो हृदय गति को संयमित करने में सहायक होते हैं।
प्राणायाम
प्राणायाम हृदय के लिए बेहद लाभकारी होता है। असल में प्राणायाम में सांसों को संयमित करने की कोशिश की जाती है और सांसों के संयमित होने से हृदय गति भी संयमित होती है। शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और हृदय के साथ शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करते हैं। इसके साथ ही प्राणायाम के अभ्यास से तनाव से भी मुक्ति मिलती है, जो कि उच्च रक्तचाप को जन्म देता है, जिससे हृदय गति बढ़ती है।
ऐसे में प्राणायाम का अभ्यास के जरिए तनाव को कम करके उच्च रक्त चाप और हृदय गति दोनों को ही नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए अगर आपको दिल की धड़कनों की बढ़ने की समस्या पेश आती है तो आपको प्राणायाम का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए। बता दें कि हृदय गति को संयमित और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए कपालभाति, भस्त्रिका और अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम कर सकते हैं।
भुजंगासन
भुजंगासन के अभ्यास से फेफड़े मजबूत होते है और श्वसन प्रणाली बेहतर होती है। साथ ही शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और जिससे दिल में मौजूद ब्लॉकेज को खोलने में मदद मिलती है। इसलिए अगर इस योगासन का नियमित अभ्यास किया जाए तो इससे हृदय गति संयमित होगी और हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होगा।
ताड़ासन
ताड़ासन बेहद ही आसान योग है जिसे आप घर-ऑफिस या कहीं बाहर खड़े होकर कर सकते हैं। बात करें इसके लाभ की तो श्वसन प्रणाली के साथ ही रक्त संचार को बेहतर बनाने सहायक होता है। इस आसन का नियमित अभ्यास करने से न केवल सहनशक्ति और ऊर्जा बढ़ती है बल्कि रक्तचाप का स्तर भी सामान्य होता है।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन का अभ्यास भी दिल की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। इसका अभ्यास शरीर में संतुलन सुधारने और सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही यह तनाव से राहत दिला कर रक्तचाप को नियंत्रित करता है। ऐसे में इसके अभ्यास से हृदय गति को संयमित होती है और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है।
उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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