नेचुरल ब्लड प्यूरीफायर है सेमल का पौधा, आयुर्वेद से जानें इसके लाभ

सेमल से निकलने वाली रुई जहां सीधे तौर पर उपयोग में लाई जाती है, वहीं इसके फूल, पत्ते, जड़ और छाल स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में प्रयोग किए जाते हैं।

 
health benefits of semal

आयुर्वेद, हमारे देश की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति है जिसकी उपयोगिता आज पूरी दुनिया समझ चुकी है। खासकर आधुनिक जीवनशैली से उपजी स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए लोगों का रूझान आयुर्वेद की तरफ बढ़ा है। ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक चीजों और वनस्पतियों के जरिए चिकित्सा की जाती है, जोकि काफी हद तक शरीर के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं। ऐसी ही एक वनस्पति के बारे में यहां हम आपको बता रहे हैं, जिसे आयुर्वेद में औषधि माना गया है।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं सेमल के पेड़ की, जिसके फल-फूल, पत्ते और जड़ से लेकर छाल तक सभी चीजें सेहत के लिए उपयोगी मानी गई हैं। सेमल के पेड़ की उपयोगिता को जानने और समझने के लिए हमने आयुर्वेदाचार्य संदीप उपाध्याय से बातचीत की और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं। तो चलिए सेमल और इसकी उपयोगिता के बारे में जरा विस्तार से जानते हैं।

आयुर्वेदाचार्य संदीप उपाध्याय बताते हैं कि भारतीय संस्कृति में सेमल के पेड़ का विशेष महत्व रहा है, इसे आयुर्वेद में 'शिम्बल' और 'शाल्मलि' कहते हैं। असल में सेमल के पेड़ पर फरवरी के महीने में लाल रंग के खूबसूरत फूल खिलते हैं, जिसे बसंत का आगमन का संकेत माना जाता है। वहीं फाल्गुन माह में इसकी सारी पत्तियां झड़ जाती हैं और पेड़ पर सिर्फ लाल फूलों का गुच्छे बच जाते हैं। वहीं जब इन फूलों के दल झड़ जाते हैं तो उसमें डोडा या फल रह जाता है, जिनके अंदर चमकीली रूई का निर्माण होता है।

बता दें कि सेमल का वैज्ञानिक नाम बॉम्बैक्स सेइबा है, जिसे मालाबार कॉटन ट्री और रेड सिल्क कॉटन जैसे नामों से भी जाना जाता हैं। गौरतलब है कि सेमल से निकलने वाली रुई जहां सीधे तौर पर उपयोग में लाई जाती है, वहीं इसके फूल, पत्ते, जड़ और छाल स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में प्रयोग किए जाते हैं।

रक्त-शोधक के रूप में उपयोगी

सेमल, प्राकृतिक रक्त शोधक है, जिसकी पत्तियां और फूल विशेष तौर पर खून साफ करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। असल में ये एंटीऑक्सीडेंट और एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होते हैं। ऐसे में इनके सेवन से शरीर से विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं और खून की सफाई हो जाती है।

semal plant is natural blood purifier

ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन बढ़ाए

बच्चे के जन्म के बाद अगर मां के शरीर में पर्याप्त दूध का उत्पादन नहीं हो पा रहा है तो दूध की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सेमल काफी हद तक मददगार हो सकता है। इसके लिए सेमल की जड़ की छाल के पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन की सलाह दी जाती है।

ल्यूकोरिया से निजात में सहायक

महिलाओं में ल्यूकोरिया यानी वेजाइनल डिस्चार्ज की समस्या से निजात में भी सेमल का प्रयोग कारगर माना गया है। असल में वेजाइनल डिसचार्ज के लिए कैनडीडा अल्बिकन्स नामक फंगस को जिम्मेदार माना जाता है। वहीं सेमल में पाए जाने वाला एंटी माइक्रोबियल गुण इस फंगस की रोकथाम में उपयोगी साबित होता है। ऐसे में ल्यूकोरिया से निजात के लिए सेमल के फल और फूलों की सेवन की सलाह दी जाती है। आयुर्वेदाचार्य संदीप उपाध्याय के अनुसार, सेमल के ताजे फल का देसी घी और सेंधा नमक के साथ सेवन लाभकारी होता है।

पीरियड संबंधी समस्याओं में मददगार

सेमल का फूल पीरियड संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार माना गया है। विशेषकर यह अत्यधिक रक्तस्त्राव और मासिक धर्म की अनियमितता दूर करने में कारगर माना जाता है। ऐसे में महिलाओं के लिए सेमल के ताजा फूल के रस का सेवन लाभकारी माना गया है।

semal uses for Period problems

कील-मुहांसों से दिलाए निजात

सेमल, कील-मुहांसों से लेकर चेहरे पर दाग-धब्बे जैसी स्किन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में भी उपयोगी माना जाता है। असल में इसके मौजूद एंटी माइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह त्वचा के विकारों को दूर करने में लाभकारी माना जाता है। इसके लिए इसकी जड़ और छाल दोनों को पीसकर, उसे लेप के रूप में लगाने की सलाह दी जाती है।

सेमल का गोंद भी है लाभकारी

इसके अतिरिक्त सेमल का गोंद भी सेहत के लिए काफी उपयोगी माना जाता है, जिसे आयुर्वेद में मोचरस कहा जाता है। बता दें कि सेमल का गोंद का सेवन शक्तिवर्धक माना जाता है। इसके साथ ही सेमल का गोंद का उपयोग डायरिया जैसी समस्या से निजात पाने के लिए किया जाता है।

जाहिर है कि सेमल का पेड़, सेहत के लिए बेहद लाभकारी है, जिसके अलग-अलग भाग का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से उपचार के लिए किया जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि इसका उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। असल में, सेमल में नाइट्रेट की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो शरीर पर टॉक्सिक प्रभाव डाल सकता है।

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Image Credit:Freepik

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