'बुरा न मानो होली है..'
‘रंग बरसे भीगी चुनरवाली’
'बलम पिचकारी'
रंगों में डूबे इन गानों को सुनकर मन खुश हो जाता है और आंखों को राहत मिलती है।
कोई भी अच्छा सा कलर देखकर हमारा मूूूड भी अच्छा हो जाता है। इसलिए हमें होली बेहद पसंद होती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि रंग ना सिर्फ हमारी आंखों को अच्छे लगते हैं बल्कि रंगों का आपकी हेेेेेल्थ पर भी अच्छा असर होता है। जी हां रंग इतने प्रभावशाली हैं कि बीमारियों की रोकथाम तक में आपकी हेल्प करते हैं। तभी तो बीमारियों को दूर करने में कलर थेरेपी आज भी इतनी कामयाब है। तो इस बार होली के मौके पर आप भी अपनी लाइफ को इन रंगों से भर लीजिए और उठाइए इन रंगों का पूूूूरा-पूरा फायदा। चलिए हम आपको बताते हैं कि कौन सा रंग आपकी लाइफ और हेल्थ दोनों के लिए कितना फायदेमंद है।
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हरे रंग को प्रकृति का रंग माना जाता है। यह तनाव कम करने वाला और राहत देने वाला रंग है। यह हाइजीन और जल्द रिकवरी करने वाला माना जाता है इसलिए ज्यादातर हॉस्पिटल में हरे रंग का इस्तेमाल होता है। यह आंखों को भी सुकून देता है। इसके अलावा यह रंग नेगेटिव भावनाओं और किसी मुश्किल में फसने के डर से भी आपको बचाता है।
पीला रंग उल्लास और एनर्जी का प्रतीक है। पीला रंग आपकी खुशी और हंसी को बढ़ाने का काम करता है और साथ ही यह डिप्रेशन को कम करता है। हीलिंग पॉवर इस रंग की खासियत है। यह रंग ध्यान आकर्षित करता है। पीले रंग की कमी से इंसान को तनाव, थकावट, बैचेनी, डिप्रेशन और कमजोरी आदि हो सकती है। पीला रंग हमारी concentration को बढ़ाता है।
लाल रंग एनर्जी देने वाला है। यह रंग थकान को दूर करता है और आलसपन कम करता है। यह तो आप जानती ही होगी लाल रंग की कमी से बॉडी में खून की कमी, सहनशक्ति में कमी सिरदर्द आदि के रूप में सामने आती है। लाल रंग को सभी रंगों में से सबसे अधिक चटक रंग माना जाता है। एक्रसाइज के समय इस रंग के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह स्फूर्ति प्रदान करने वाला रंग माना जाता है। अब जब कभी भी आप अपने अंदर एनर्जी की कमी महसूस करें, लाल रंग के कपड़े पहनें या लाल रंग को जरूर देखें।
यह रंग शांति व आराम देने वाला होता हैं। नीले रंग का प्रयोग रचनात्मकता को बढ़ाता है। यह दिमाग में ऐसे केमिकल रिलीज करने में मददगार है, जो रिलेक्स की भावना प्रदान करते हैं। इस वजह से इस रंग से तनाव व चिंता दूर होती है। चूंकि पानी भी पारदर्शी होता है इसलिए नीले रंग को पारदर्शी रंग माना जाता है। यह भगवान कृष्ण का मनपसंद रंग रहा है।
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लाल और पीले रंग को मिलाकर बना केसरिया रंग स्फूर्ति का प्रतीक होता है। जब लगे कि किसी काम को करने के लिए जितनी एनर्जी की जरूरत है वह नहीं है तो इस रंग को चुन सकती हैं। यह रंग हमारे मन में इमोशन और एनर्जी दोनों को ही बैलेंस करता है। यह रंग हमारे अंदर आशा और परिवर्तन का निर्माण करता है। यह दुख और परेशानियां दूर करता है। यह तनाव को भी कम करता है।
गुलाबी रंग प्रेम और तालमेल का प्रतीक है। यह दोनों ही भाव महिलाओं में बखूबी होते हैं। इसलिए इसे महिलाओं का रंग कहा जाता है। गुलाबी रंग से रंगे area में जो महिलाएं रहती हैं उन पर इस रंग का गहरा असर पड़ता है। तो जब आपको लगे कि आस-पास के माहौल से तालमेल बनाने में दिक्कत हो रही है, इस रंग को priority दे।
अब तो आप जान ही गई होगी कि रंगों का हमारी लाइफ में क्या महत्व है तो कलर थेरेपी अपनाएं खुद को हेल्दी बनाएं।
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