एचएमपीवी का खतरा अभी टला भी नहीं था कि एक और बीमारी ने दस्तक दे दी है। हम बात कर रहे हैं गुलियन बेरी सिंड्रोम के बारे में। महाराष्ट्र के पुणे शहर में इस सिंड्रोम से हड़कंप मचा हुआ है। इसके 22 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं। चलिए, आपको इस आर्टिकल में हम इस बीमारी के बारे में विस्तार से बताते हैं। इसको लेकर हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की Dr Kadam Nagpal, Head - Neuroimmunology and Senior Neurologist Salubritas Medcentre ने इस बारे में जानकारी साझा की है।
क्या हैगुलियन बेरी सिंड्रोम?
डॉक्टर के मुताबिक यह एक गंभीर बीमारी है। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थित है, जिसमें आपके शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही नसों को नुकसान पहुंचाने लगता है। ऐसा किसी वायरस या इन्फेक्शन की चपेट में आने के बाद होता है। इस सिंड्रोम की चपेट में आने के बाद पेरीफेरल नर्वस सिस्टम डैमेज हो जाती है, जिसकी वजह से हाथों पैरों में कमजोरी आने लगती है। लकवा जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं की यह बीमारी आमतौर पर कैम्पाइलोवैक्टर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण लूज मोशन होने के बाद होती है। इसके अलावा कोविड भी इसका एक प्रमुख कारण हो सकता है।
गुलियन बेरी सिंड्रोम के लक्षण
- मानसपेशियों में कमजोरी
- झुनझुनी
- बैलेंस बनाने में कठिनाई
- सांस लेने में दिक्कत
- पीठ में दर्द
- लकवा जैसा महसूस होना
गुलियन बेरी सिंड्रोम का इलाज
गुलियन बेरी सिंड्रोम का इलाज प्लाजमा एक्सचेंज या इंट्रावेनस इम्यूनोग्लोबुलिन के साथ किया जाता है।
यह भी पढ़ें-स्मोकिंग से फेफड़े ही नहीं, किडनी को भी हो सकता है नुकसान
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- Instagram
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों