अक्सर महिलाएं हाई बीपी या लोग बीपी की शिकार रहती हैं। हाई बीपी की समस्या तब होती है जब शरीर में खून का दौरा सामान्य से तेज होता है। यह समस्या काफी गंभीर मानी जाती है और इसमें सही समय पर इलाज न मिलने पर हार्ट अटैक आने या ब्रेन हैम्रेज होने की आशंका रहती है। वहीं लो ब्लड प्रेशर में खून का दौरान सामान्य से कम रहता है। इसमें चक्कर आने और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बीपी की समस्या आपकी जीवनशैली को बहुत हद तक प्रभावित करती है। इस समस्या से जुड़ा एक दिलचस्प अध्ययन सामने आया है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक ज्यादातर लोग ब्लड प्रेशर का इलाज कराने के बजाय दवा खाना या चाय पीना ज्यादा पसंद करते हैं। इस अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि बीपी का इलाज कराने के लिए लोग थोड़ी परेशानी उठाने यानी एक्सरजाइज जैसे विकल्प अपनाने के लिए तैयार हो जाते हैं या नहीं। सर्वे में शामिल होने वालों से पूछा गया कि वे इलाज के लिए चार विकल्पों में से किसे चुनेंगे, जिनमें इलाज के तरीके में एक अतिरिक्त महीना लगने, सालभर लगने या पांच साल का समय दिया गया।
इस सर्वे में ये विकल्प दिए गए-एक कप चाय, दवाएं, हर महीने या साल में दो बार इंजेक्शन लगवाना। नतीजों में यह बात सामने आई कि लोगों ने दवा और चाय का विकल्प ज्यादा पसंद किया। हालांकि कुछ लोगों ने एक अतिरिक्त साल बढ़ने या पांच साल इलाज बढ़ जाने की स्थिति को देखते हुए एक्सरसाइज के विकल्प को चुनना ज्यादा बेहतर समझा। प्रतिभागियों का कहना था कि फायदों के हिसाब से वे इलाज का तरीका अपनाने के लिए तैयार हैं।
इसमें 79 फीसदी लोगों ने कहा कि वे एक अतिरिक्त महीने के लिए दवा खा सकते हैं, 90 फीसदी ने कहा कि वे एक अतिरिक्त साल के लिए गोलियां खा सकते हैं और 96 फीसदी ने कहा कि वे 96 फीसदी ने कहा कि वे अतिरिक्त पांच साल के लिए दवाएं ले सकते हैं।
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पोषक तत्वों से भरपूर आहार से हम लो ब्लड प्रेशर की समस्या दूर कर सकते हैं। अलग-अलग किस्म के फलों, सब्जियों, अनाज, कम फैट वाले मांस और मछली को डाइट में शामिल करें। कई बार छोटी मील वाली डाइट लें और खाने में आलू, चावल और ब्रेड जैसे ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाले फूड आइटम्स का प्रयोग कम करें।
लो ब्लड प्रेशर में वात, पित्त और कफ दोष को जिम्मेदार माना जाता है। पित दोष को दूर करने के लिए डाइट में हल्दी शामिल करें। इसके अलावा हल्दी को एलोवेरा के रस के साथ भी ले सकती हैं। वात दोष के निवारण के लिए भोजन में लहसुन शामिल करें। कफ दोष से मुक्ति के लिए त्रिकुटा या लाल मिर्च का उपयोग करें। आयुर्वेद में अश्वगंधा के इस्तेमाल से भी लो ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम पाया जा सकता है। चुकंदर का एक कप जूस लेने से भी पॉजिटिव रिजल्ट देता है।
आयुर्वेद में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को रक्त चाप वृद्धि के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेद में वात और पित्त दोषों को बैलेंस करके हाई ब्लड प्रेशर का इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में औषधीय उपचार से लेकर हेल्दी, पौष्टिक और सात्विक आहार के साथ सात्विक जीवनशैली अपनाए जाने और योग और ध्यान पर भी बल दिया जाता है।
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