डॉक्टरों का कहना है कि टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बॉडी का वेट बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है। उनका कहना है कि वजन बढ़ने से अगर कमजोरी हो तो यह एक बीमारी है और अगर वजन कम होने से ताकत मिले तो यह बीमारी से उबरना है। डॉक्टरों ने कहा कि मोटापे का मुकाबला करने के लिए वजन कम करना और आदर्श वजन को बनाए रखना नुकसान कम करने की दिशा में सही कदम हैं।
उन्होंने कहा कि मोटे लोगों में सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में इस हालत को प्राप्त करने की संभावना 3 से 7 गुना अधिक होती है, लेकिन 6 महीने के दौरान वजन में 5 से 10 प्रतिशत तक की कमी से डायबिटीज व मोटापे से संबंधित अन्य बीमारियों की शुरुआत में देरी की जा सकती है।
डॉक्टर की राय

वजन घटाना भी एक अच्छी बात है
वहीं सीनियर कंसल्टेंट डायबेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अनूप मिश्रा ने कहा, "एक आदर्श वजन हासिल करना महत्वपूर्ण नहीं है। मोटापे में डायबिटीज की शुरुआत को रोकने के लिए वजन कम करना चिकित्सा उद्देश्य है। कुछ भी वजन कम करना बिल्कुल वजन कम न होने से बेहतर है। यहां तक कि एक किलोग्राम वजन घटाना भी एक अच्छी बात है।"
उन्होंने कहा, "मिठास वाले पेय से कैलोरी में कमी लाने पर (प्रतिदिन केवल एक सर्विंग लेकर) 18 महीनों में लगभग दो-डेढ़ पाउंड वजन कम किया जा सकता सकता है। ठोस आहार के सेवन से शरीर सेल्फ-रेगुलेट कर सकता है। हालांकि हम जो पीते हैं, उस पर यह लागू नहीं होता है। शरीर लिक्विड कैलोरी को समायोजित नहीं करता है इसलिए समय के साथ इससे वजन बढ़ने लगता है।"
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चिकित्सकों ने कुछ टिप्स:
- जटिल कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम ही करें क्योंकि वे ब्लड शुगर के लेवल और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं। इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों में, इस वृद्धि से आगे वजन बढ़ सकता है। नियमित अंतराल पर अपने ब्लड शुगर के लेवल की निगरानी करें।
- वीक में पांच बार हर दिन लगभग 30 से 45 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करने का लक्ष्य रखें।
- किसी भी रूप में रिफाइंड चीनी का उपभोग न करें क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन में अधिक आसानी से अवशोषित हो सकता है और आगे जटिलताओं का कारण बन सकता है।
- ध्यान और योग जैसी एक्टिविटी के माध्यम से स्ट्रेस कम करें।
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