मोटापे से न केवल आपकी सुंदरता कम होती है बल्कि आप कई तरह की बीमारियों के शिकार भी होते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि मोटापा महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर करता है। जी हां एक्सपर्ट की मानें तो महिलाओं का मोटापा उनकी प्रजनन क्षमता पर असर करता है और गर्भपात की आशंका भी दोगुना ज्यादा रहती है। आइए एक्सपर्ट से जानें कि कैसे मोटापा महिलाओं को कई तरह की प्रॉब्लम्स का शिकार बना देता है। इतना ही नहीं, मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को डिलीवरी के समय भी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि मोटापे के ग्रस्त महिलाओं को ज्यादातर ऑपरेशन का सहारा लेना पड़ता है।
अधिक वजन वाली महिलाओं को गर्भधारण में संतुलित वजन वाली महिलाओं के मुकाबले एक साल से अधिक का समय लग सकता है। मोटापे से पीड़ित महिलाओं में गर्भपात की आशंका भी दोगुनी से अधिक रहती है। फर्टिलिटी साल्यूशंस, मेडिकवर फर्टिलिटी की क्लीनिकल डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर श्वेता गुप्ता के अनुसार, अधिक वजन या मोटापे से पीड़ित महिलाओं में गर्भधारण की संभावनाएं अपेक्षाकृत कम रहती हैं।
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शोध बताते हैं कि मोटापा मुख्य कारण तो नहीं है, लेकिन इनफर्टिलिटी का महत्वपूर्ण कारण जरूर है। मोटापे के कारण एंड्रोजन, इंसुलिन जैसे हार्मोन का अत्यधिक निर्माण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं या अंडोत्सर्जन तथा शुक्राणु के लिए नुकसानदेह प्रतिरोधी हार्मोन बनते हैं। इसलिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। इससे न सिर्फ आपकी प्रजनन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि आप फिट भी रह सकती हैं।
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धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशियल्टी हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर गौरव जैन के अनुसार, "मोटापे के कारण आपकी बॉडी को बहुत ज्यादा नुकसान होता है। मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर, हार्ट डिजीज और यहां तक कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी उभर सकती हैं। आज युवाओं में मोटापे के मामले आश्चर्यजनक रूप से बढ़ रहे हैं।
एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठ कर लगातार वेब सीरीज देखते रहना आज युवाओं में एक नया चलन बन गया है और इस वजह से भी बचपन से ही लोग मोटापे का शिकार हो जाते हैं। हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि अस्थमा से पीड़ित बच्चों में मोटापे का शिकार होने की संभावना अधिक रहती है, क्योंकि अपनी हेल्थ स्थिति के कारण वे एक्सरसाइज करने से दूर रहते हैं और इनहेलर के तौर पर स्टेरॉयड लेने से उनकी भूख बढ़ती जाती है।
इसलिए इन सभी प्रॉब्लम्स से बचने के लिए लोगों को सलाह है कि वे हेल्दी डाइट लें, अपना बीएमआई संतुलित रखें और अपने लाइफस्टाइल में फिजिकल एक्टिविटी को महत्व दें।"
बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट, गैस्ट्रोइंट्रोलोजिस्ट, डॉक्टर जी.एस. लांबा के अनुसार, "अगर आप तनाव में रहते हैं तो आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं। तनाव कई तरीके से वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है। तनाव की वजह से हमारे शरीर में कई हार्मोन पैदा होते हैं जिनमें कोर्टिसोल भी एक है। यह हार्मोन फैट स्टोरेज और शरीर की एनर्जी खपत प्रबंधित करने का काम करता है। कोर्टिसोल का लेवल बढ़ने से भूख भी बढ़ जाती है। इस वजह से मीठा और वसायुक्त भोजन खाने की इच्छा बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा, "गंभीर तनाव की स्थिति में फैट के रूप में बॉडी में एनर्जी इकट्ठा होने लगती है और यह हमारे पेट पर सबसे ज्यादा असर करती और फैट बढ़ाता है। मोटापे के कारण हार्ट डिजीज, डायबिटीज, ओस्टियो-अर्थराइटिस आदि जैसी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स पैदा होती हैं। इन सभी बीमारियों का रिस्क फैक्टर कम करने के लिए आपको रोजाना कम से कम एक घंटे तक कुछ फिजिकल एक्सरसाइज करना और अपने खानपान में संतुलित आहार लेना जरूरी है। ज्यादा तनाव न लें और फिट एवं हेल्दी रहने के लिए अपने व्यक्तिगत तथा प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाए रखें।"
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Source: IANS
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