बदलते जमाने ने हमारी जीवनशैली को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। आज कपल्स बेबी प्लान करने से पहले फाइनेंशियली और मेंटली सेटल होना चाहते हैं, ऐसे में कई बार देरी भी हो जाती है। जिसकी वजह से नेचुरल प्रेगनेंसी कंसीव करने में परेशानियां आ सकती हैं, तब कुछ लोग फर्टिलिटी ट्रीटमेंट या IVF का सहारा लेते हैं।
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट नई उम्मीदों और आशा की किरण की तरह होता है, लेकिन यह कई तरह की दुविधाएं भी खड़ी कर सकता है। ऐसे में आप 35 या उसके बाद अगर आप मां बनना चाहती हैं और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बारे में सोच रही हैं, तो कुछ बातें जान लेना बहुत जरूरी हो जाता है।
35 के बाद फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से पहले जान लें ये बातें
ज्यादा उम्र में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से पहले किन नैतिक विचारों का ध्यान रखने की जरूरत होती है, इसके बारे में हमें डॉ. निशि सिंह ने बताया है। डॉ. निशि सिंह, प्राइम आईवीएफ में हेड ऑफ फर्टिलिटी हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, रिप्रोडक्टिव टेक्नोलोजी की वजह से अब ज्यादा उम्र की महिलाएं भी मां बनने के लिए फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले सकती हैं। इस विकास ने नई उम्मीद जगाई है लेकिन साथ ही कई नैतिक दुविधाओं को भी जगाया है।
फैसला लेने की स्वतंत्रता
पर्सनल वैल्यू, इच्छा और रिस्क को समझने के बाद फर्टिलिटी ट्रीटमेंट लेना है या नहीं इसका फैसला पूरी तरह से महिला पर निर्भर करता है। ऐसे में डॉक्टर की जिम्मेदारी होती है कि वह सभी जानकारी पेशेंट को दें और फैसला लेने में मदद करें। साथ ही पेशेंट के फैसले को बिना किसी दबाव के सपोर्ट करे। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट में डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखने की भी जरूरत होती है।
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मेडिकल और हेल्थ रिस्क
ज्यादा उम्र में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के साथ मेडिकल रिस्क भी हो सकते हैं। 35 से ज्यादा की महिलाओं को प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन के ज्यादा रिस्क होते हैं। साथ ही जेस्टेशनल डायबिटीज, हाइपरटेंशन और क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटीज भी हो सकते हैं। मां के साथ-साथ बच्चे को भी खतरा हो सकता है। लो बर्थ वेट और प्री-टर्म जैसी समस्या का रिस्क भी बढ़ जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे उनकी पूरी सेहत और बच्चे के जन्म के बाद रिकवर होने की क्षमता पर असर पड़ता है।
पूरी जानकारी
ज्यादा उम्र की महिलाएं जो फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बारे में सोच रही हैं, उन्हें सभी तरह के रिस्क और फायदों की पूरी तरह से जानकारी होनी चाहिए। जिसमें सिर्फ शुरुआती ही नहीं, बल्कि लंबे समय वाले भी शामिल होने चाहिए। ऐसे में यह जिम्मेदारी फर्टिलिटी क्लिनिक की होती है कि वह पेशेंट को सारी जानकारी दें, जिससे वह सब कुछ जानने के बाद ही फैसला लें।
समाज और परिवार पर प्रभाव
एक उम्र के बाद मां बनने का फैसला लेना फैमिली के डायनामिक्स पर भी असर डाल सकता है। जिसमें माता-पिता और बच्चे के बीच उम्र का अंतर, छोटे बच्चों के पालन-पोषण के दौरान बड़े उम्र के माता-पिता की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां शामिल हैं। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से पहले इन सभी पर अच्छे से विचार कर लेना चाहिए, क्योंकि यह बच्चे के एक्सपीरियंस और फ्यूचर से जुड़े होते हैं।
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सक्सेस रेट
एक्सपर्ट के मुताबिक, ज्यादा उम्र की महिलाओं में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट, जैसे IVF का सक्सेस रेट कम हो जाता है। ऐसे में नैतिक विचार यही है कि फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के बारे में सोच रही महिला को सभी जानकारी दी जाए और उनके साथ अन्य उपायों के बारे में भी बात की जाए।
एक्सपर्ट के मुताबिक, ज्यादा उम्र की महिलाओं को फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का फैसला लेने से पहले लंबे समय के प्रभावों पर विचार करना चाहिए, जिसमें बच्चे का भविष्य भी शामिल है। फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से पहले किन बातों को जान लेना जरूरी होता है, यह तो आप समझ ही गई होंगी। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik
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