आंतों की सेहत के लिए खतरनाक है तनाव, जानें कैसे?

 

क्रोनिक स्ट्रेस कई बीमारियों की वजह बन सकता है। यह हमारी गट हेल्थ पर विपरीत प्रभाव डालता है। इसके चलते डाइजेशन से जुड़ी कई दिक्कतें होने लगती हैं। आइए इस बारे में जानते हैं।

 
how much does stress affect the gut

भागदौड़ से भरी इस जिंदगी में तनाव बेहद आम है। तनाव का असर यूं तो हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है लेकिन हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम और खासकर आंतों के लिए ये बेहद नुकसानदेह है। लंबे समय तक स्ट्रेस का बने रहना हमारी डर हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करता है। जब हम स्ट्रेस में होते हैं तो हमारे शरीर में कई ऐसे हार्मोनल बदलाव होते हैं। स्ट्रेस के दौरान कुछ हार्मोन्स अधिक रिलीज होते हैं जो गट हेल्थ पर खराब असर डालते हैं। आपने अक्सर नोटिस किया होगा कि लंबे समय तक तनाव में रहने के चलते पाचन से जुड़ी दिक्कतें होने लगती है। इसकी वजह गट हेल्थ का खराब होना ही है।

इस बारे में डाइटीशियन मनप्रीत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि किस तरह स्ट्रेस का गट हेल्थ पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। आइए इस बारे में जानते है।

क्या होता है स्ट्रेस का प्रभाव?

long term effects of stress on the digestive system

जब हम तनाव में होते हैं तो हमारे शरीर में कई ऐसे हार्मोन्स और न्यूरोट्रांसमीटर्स रिलीज होते हैं जो हमारी गट हेल्थ पर बुरा असर डालते हैं। न्यूरोट्रांसमीटर्स को लोकल हार्मोन भी कहा जाता है। यह हमारी बॉडी के जिस हिस्से में रिलीज होते हैं, उसी के सेल्स पर काम करते हैं। इसकी वजह से हमारे पेट में खून का फ्लो और ऑक्सीजन कम हो सकती है जिसके चलते क्रैम्पिंग, इंफ्लेमेशन या गट बैक्टीरिया में असंतुलन हो सकता है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर को भी बढ़ा सकता है।

यहां देखें एक्सपर्ट का पोस्ट

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जानिए क्या होता है इसका असर?

stress gut symptoms

जब आप तनाव में होते हैं तो यह कॉन्स्टिपेशन की वजह बन सकता है। डाइजेशन की प्रक्रिया के दौरान हमारे खाने में डाइजेस्टिव जूस मिलता है और फिर खाने से जरूरी पोषक तत्व शरीर में अब्जॉर्ब होते हैं। क्रोनिक स्ट्रेस डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए न्यूट्रिशन्स को अब्जॉर्ब करना मुश्किल बनाता है।

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  • तनाव में रिलीज होने वाला कोर्टिसोल हार्मोन गट बैलेंस को प्रभावित करता है जिसकी वजह से ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।
  • गलत खान-पान और नींद पूरी न होने की वजह से तो पेट में एसिड ज्यादा बनता ही है लेकिन तनाव भी पेट में एसिड को बढ़ा सकता है। जिसकी वजह से इनडाइजेशन और सीने में जलन की समस्या हो सकती है।
  • क्रोनिक स्ट्रेस की वजह से डायरिया की समस्या भी हो सकती है। ऐसा पेट में कोलन एक्टिविटी के बढ़ने के कारण होता है।
  • इसके अलावा क्रोनिक स्ट्रेस पेट में ऐंठन की वजह भी बनता है जिसके कारण पेट में तेज दर्द हो सकता है।

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अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit- Freepik

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