गर्मी के मौसम में गर्म हवा और तापमान के बढ़ने से लू लगने का खतरा बहुत बढ़ जाता है, खासतौर पर धूप में निकलने पर लू लगने का बहुत खतरा ज्यादा रहता है। ये गर्म हवाएं यानी लू लोगों को अपनी चपेट में लेकर बीमार कर देती है। लू लगने पर शरीर का तापमान एकदम से बढ़ जाता है। अगर आपको भी गर्मियों में लू का डर सता रहा है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि पानी से आप हीट स्ट्रोक (लू) से आसानी से बच सकती हैं।
जी हां लंबे समय तक गर्मी में रहने से आपको तीन तरह की सबसे समस्याएं हो सकती हैं जो बेहद ही आम है। इसमें ऐंठन, थकावट और हीट स्ट्रोक यानी लू शामिल हैं। गर्मियों में बहुत ज्यादा पसीना निकलने से, यूरीन और स्लाइवा के रूप में तरल पदार्थ तथा इलेक्ट्रोलाइट्स का प्राकृतिक नुकसान होता रहता है, जिससे शरीर में डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स का तीव्र असंतुलन हो सकता है।
इसे जरूर पढ़ें: लू से बचना चाहती हैं तो गर्मियों में जरूर खाएं ये 8 सब्जियां
अधिक समय तक धूप में रहने, फिजिकल एक्टिविटी, व्रत, मसाले वाले फूड्स, कुछ दवाओं और बीमारी व इंफेक्शन के चलते डिहाइड्रेशन कहीं भी और कभी भी हो सकता है। इसके आम लक्षणों में थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, गहरे पीले रंग का यूरीन, ड्राईनेस मुंह और चिड़चिड़ापन शामिल हैं। इसलिए इस मौसम में खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना बहुत जरूरी है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआइे) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉक्टर के.के. अग्रवाल का कहना है, "गर्मियों में अत्यधिक पसीना आने के कारण वयस्कों में पानी की आवश्यकता 500 मिलीलीटर तक बढ़ जाती है। यह टाइफाइड, पीलिया और दस्त का मौसम भी है। इसके कुछ कारणों में पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना और खराब भोजन, पानी और हाथों की सफाई न रखना शामिल है।"
के.के. अग्रवाल का कहना है कि लौकी, तोरी, टिंडा, कद्दू आदि गर्मियों की सब्जियां हैं, जो बेलों पर उगती हैं। इन सभी में पानी की मात्रा अधिक होती है और ये मूत्रवर्धक होती हैं। ये प्रकृति के कुछ नियमों का पालन करती हैं। प्रकृति हमेशा उस मौसम के बीमारियों को रोकने के लिए जानी जाने वाली सब्जियों और फलों का उत्पादन करती है। उदाहरण के लिए, नारियल तटीय क्षेत्रों में उगते हैं, क्योंकि ये बीमारी से लड़ने के लिए इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। गर्मियों में आम पकते है, क्योंकि आम का पना गर्मी की समस्याओं को रोक सकता है।
डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि पसीने या 8 घंटे तक यूरीन न आना या गर्मियों में हाई फिवर - ये सभी खतरे के संकेत हैं और आपको तुरंत डॉक्टर की हेल्प लेनी चाहिए। हाथ, पैरों या पेट की मसल्स में ऐंठन हीट क्रैंप कहलाते हैं, जो बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने से बड़ी मात्रा में नमक और पानी की हानि के परिणामस्वरूप होते है। इसका ट्रीटमेंट लिक्विड और नमक का सेवन।
उन्होंने आगे कहा, "आपका पर्यावरण तय करता है कि आपको कितना पानी पीना चाहिए। गर्म इलाकों में रहने वाले लोगों को पसीने के माध्यम से निकले लिक्विड की भरपाई करने के लिए अधिक पानी पीना चाहिए। अधिक ऊंचाई पर रहने वाले लोगों को भी अधिक पानी पीने की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि हवा में ऑक्सीजन की कमी अधिक तेजी से सांस लेने और सांस के दौरान नमी का अधिक नुकसान होने का संकेत देती है। तो नियम यह है कि आपको गर्मी के महीनों में अधिक पानी पीना चाहिए, क्योंकि गर्मी और अतिरिक्त समय बाहर बिताने से लिक्विड का बहुत नुकसान हो सकता है।"
इसे जरूर पढ़ें: "1 चम्मच प्याज का रस" और "1 तुलसी के पत्ते" में छुपा है लू से बचाव का तरीका
इन टिप्स को ध्यान में रखकर आप आसानी से गर्मियों में हीट स्ट्रोक से बच सकती हैं।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।