डायबिटीज के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। आज के दौर में यह सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनकर उभर रही है। इसके पीछे का कारण है खराब लाइफस्टाइल। चिंता की बात तो यह है कि डायबिटीज अब युवाओं में भी देखने को मिल रही है।
यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज नहीं है। इसे आप सिर्फ सही लाइफस्टाइल को फॉलो करके ही कंट्रोल कर सकते हैं। अनियंत्रित डायबिटीज कई सारी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के जोखिम को बढ़ा देती है। इसका मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। आइए जानते हैं डायबिटीज मेंटल हेल्थ को कैसे खराब कर सकती है।
क्या डायबिटीज मेंटल हेल्थ को प्रभावित करती है?
एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक डायबिटीज और मेंटल हेल्थ के बीच संबंध होता है। दरअसल जब ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं रहता है,इसमें लगातार उतार-चढ़ाव बना रहता है तो व्यक्ति इसे मैनेज करने के लिए परेशान होता है। इससे मूड में तेजी से बदलाव आता है। ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना काफी तनावपूर्ण हो सकता है।
डायबिटीज का लगातार प्रबंधन जैसे ब्लड शुगर की निगरानी करना, दवा लेना, आहार में बदलाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव डाल सकता है। इससे चिंता, तनाव और डिप्रेशन की स्थिति पैदा हो सकती है।
डायबिटीज के मरीजों को अक्सर खाने पीने का खास ध्यान रखना पड़ता है। इस वजह से वह सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने से कतराते हैं। इससे अकेलापन और सामाजिक अलगाव बढ़ता है। इस स्थिति से भी अवसाद को बढ़ावा मिलता है।
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जब व्यक्ति का ब्लड शुगर बढ़ता है तो उसे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है। ऊर्जा की कमी महसूस होती है, थकान महसूस होती है।
जब किसी व्यक्ति को शुरुआत में डायबिटीज का पता लगता है तो उसे स्ट्रेस, एंजायटी जैसा महसूस होता है, क्योंकि उसे यह मालूम चलता है कि उसकी पूरी लाइफस्टाइल बदलने वाली है।
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Image Credit:Freepik
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