हर महिला को प्रति माह एक निश्चित समय पर पीरियड्स होते हैं। पीरियड्स की डेट महिला के मेंस्ट्रुअल साइकल पर निर्भर करती है। लेकिन जब कभी पीरियड मिस हो जाते हैं या फिर समय पर नहीं आते हैं तो महिला के मन में सबसे पहले प्रेग्नेंसी का ही ख्याल आता है। हालांकि, अगर महिला फिजिकली रूप से एक्टिव नहीं है तो उसके मन में अन्य भी कई विचार घूमने लगते हैं। मसलन, पीसीओएस या पीसीओडी के कारण भी पीरियड्स में देरी हो सकती है।
यकीनन यह कुछ कारण होते हैं, जो पीरियड मिस होने या फिर देरी से आने की वजह बन सकते हैं। लेकिन सिर्फ यही कारण नहीं है तो डीले पीरियड्स की वजह बनते हैं। इसके अलावा भी कुछ ऐसी वजहें होती हैं, जो पीरियड्स में देरी की समस्या को जन्म दे सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इन वजहों के बारे में बता रहे हैं-
जब आपके शरीर में तनाव का स्तर बढ़ जाता है तो इससे आपके हार्मोन का स्तर भी गड़बड़ा जाता है। यही कारण है कि तनाव के कारण आपके पीरियड्स लंबे या छोटे हो सकते हैं। यह देरी से आ सकते हैं या फिर स्किप हो सकते हैं। कई बार तो तनाव के कारण महिलाओं को पीरियड्स में बहुत अधिक दर्द हो सकता है। इसलिए खुद को तनावमुक्त रखने का प्रयास करें। आप नियमित व्यायाम, योग, मेडिटेशन या ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद से तनाव को आसानी से मैनेज कर सकती हैं।
अत्यधिक या अचानक वजन घटने से भी आपके पीरियड्स की समस्यारुक सकते हैं। दरअसल, जब आप वेट लॉस करने के लिए कैलोरी की मात्रा को बहुत अधिक कम कर देती हैं तो इससे ओव्यूलेशन के लिए आवश्यक हार्माेन का उत्पादन बंद हो जाता है। जिससे पीरियड्स की नियमितता पर असर पड़ता है। इसलिए हेल्दी वेट मेंटेन करने का प्रयास करें।
वजन कम होने की तरह ही अगर वजन बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो इससे भी महिला के पीरियड्स प्रभावित हो सकता है। ऐसी महिलाओं में उनका शरीर अतिरिक्त मात्रा में एस्ट्रोजन का उत्पादन कर सकता है। यही अतिरिक्त एस्ट्रोजन प्रभावित कर सकता है कि आपको कितनी बार और कब पीरियड्स आते हैं। कभी-कभी इससे महिला के पीरियड्स रुक भी सकते हैं।
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हेल्दी रहने के लिए व्यायाम करना आवश्यक है। लेकिन अगर आवश्यकता से अधिक व्यायाम किया जाता है तो यह आपकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। बहुत अधिक एक्सरसाइज करने सेआपके पीरियड्स के लिए जिम्मेदार हार्मोन पर भी विपरीत असर पड़ सकता है। जब आप इंटेंस वर्कआउटक करके बहुत अधिक शरीर की चर्बी को कम करने का प्रयास करती हैं, तो इससे यह आपको ओवुलेट करने से रोक सकता है। ऐसे में पीरियड्स को फिर से नियमित करने के लिए आप अपनी फिजिकल एक्टिविटी को कम करें।
कुछ महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, लेकिन इससे कभी-कभी उनके पीरियड्स नहीं आते हैं या फिर लेट पीरियड की समस्या होती है। ऐसे में आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए आप अपनी डॉक्टर से मिलकर इस विषय पर चर्चा करें। आप उनकी सलाह पर कुछ खास तरह की गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग बंद कर दें, इससे आपके पीरियड्स फिर से नार्मल हो जाएंगे।
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अगर बच्चे के जन्म के बाद आपके पीरियड्स नहीं आ रहे हैं तो आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। बेबी के जन्म के बाद ब्रेस्टफीडिंग पीरियड में ऐसा करना सामान्य है। इसे लैक्टेशनल एमेनोरिया के रूप में जाना जाता है। कुछ महीनों के बाद, आपके पीरियड्स नार्मल आने शुरू हो जाएंगे।
तो अब अगर आपके पीरियड्स भी हर बार देरी से आते हैं तो आप इन कारणों को भी एक बार जरूर चेक करें। साथ ही साथ किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले एक बार डॉक्टर से मिलकर उनका परामर्श अवश्य ले लें।
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