हर मां के सामने आते हैं ये कॉमन Breastfeeding challenges

नई मां को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उसके सामने ब्रेस्टफीडिंग को लेकर कई चैलेंज होते हैं। आज उनके बारे में विस्तार से बात करते हैं। 

breastfeeding different problems

ब्रेस्टफीडिंग मां और बच्चे दोनों के लिए सीखने और समझने की एक निरंतर चलने वाली यात्रा है। सही सपोर्ट, सुझाव और मदद से ये मां के लिए ज्यादा सुविधाजनक हो सकती है। हालांकि, आपको ये कोशिश करनी होगी और समझना होगा कि समय और अभ्यास के साथ ये धीरे-धीरे आसान हो जाएगी। वैसे तो ब्रेस्टफीडिंग एक महिला की व्यक्तिगत यात्रा होती है, लेकिन कुछ आम समस्याएं हैं जो हर मां के सामने आती हैं।

ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी आम चुनौतियां-

* ब्रेस्ट एंगोर्जमेंट- ये तब होता है जब आपके ब्रेस्ट्स भरे हुए और सख्त हो जाते हैं। ये आमतौर पर दर्दभरा होता है। ये दूध के जम जाने की वजह से होता है जिससे ब्रेस्ट में दर्द, रेडनेस और सख्त हो जाने जैसे लक्षण होते हैं।

* पीड़ादायक निप्पल्स- कुछ शुरुआती हफ्तों में निप्पल्स पीड़ादायक और टेंडर हो जाते हैं। ऐसा तब होता है जब बच्चा सही से दूध नहीं पीता। बच्चा सिर्फ निप्पल्स से ही जुड़ता है और उसके आस-पास के घेरे से नहीं और इससे निप्पल्स में पीड़ा होती है।

* फंगल इन्फेक्शन्स - कई बार निप्पल्स या ब्रेस्ट्स में फंगल इन्फेक्शन हो जाता है। ये बहुत ही दर्दभरी स्थिति होती है जिसे तुरंत चिकित्सकीय सहायता चाहिए होती है। जो दर्द होता है वो काफी तेज़ और जलन भरा होता है।

* कम सप्लाई- हो सकता है आप कई बार सोचें कि आपका मिल्क प्रोडक्शन बच्चे की भूख के हिसाब से पर्याप्त है या नहीं। इसे आसानी से काउंसलिंग, दिशा निर्देश और परिवार के साथ से हल किया जा सकता है।

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* प्लग्ड डक्ट- ये ब्रेस्ट में एक टेंडर और पीड़ादायक गांठ होती है। ये तब होता है जब मिल्क डक्ट पूरी तरह से खाली नहीं होता और भरा हुआ और चोक हुआ लगता है। इसे ब्लॉक्ड डक्ट भी कहते हैं और इसे आसानी से ऑब्सटेट्रीशियन और लैक्टेशन कंसल्टेंट की मदद से ठीक किया जा सकता है।

* नर्सिंग स्ट्राइक- कुछ मामलों में महीनों तक सही तरीके से ब्रेस्टफीड करवाने के बाद भी बच्चा अचानक ब्रेस्टफीड करने से मना कर देता है।

* थकावट- मां बनने की नई भूमिका में बच्चे के सारे कामों के साथ ब्रेस्टफीडिंग भी होती है और ये कई बार मां के स्वास्थ्य पर असर डालती है जिससे वो थका हुआ महसूस करती है।

* उदास या डिप्रेस रहना- नई मां के लिए ऐसा महसूस करना आम बात है। नई जिम्मेदारियों और भूमिका के साथ सामंजस्य बैठाना मुश्किल होता है और इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है।

* खुद के लिए वक्त की कमी महसूस होना- लगातार फीडिंग सेशन्स के कारण आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आप बच्चे को कभी अकेला नहीं छोड़ सकतीं।

सभी महिलाओं के साथ ये समस्याएं नहीं होती हैं। हर महिला की यात्रा अलग होती है और ऐसे ही उनकी चुनौतियां भी अलग होती हैं। बेहतर होगा कि आप बड़ों और ट्रेन्ड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की मदद लें। आखिर आप वही चुनेंगे जो आपके बच्चे के लिए बेहतर होगा।

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वैसे तो ये चिंताएं भी होती हैं कि क्या बच्चा अच्छे से दूध पी रहा है और अपना पेट भर रहा है या नहीं। इसके अलावा कुछ आम चिंताएं भी हैं जो ब्रेस्टफीड करवाने वाली मां के सामने आती हैं। ये हैं-

* जब बच्चा ब्रेस्ट से दूध पीता है तो दर्द होता है। ब्रेस्टफीडिंग से कभी दर्द नहीं होता है, अगर आपको दर्द हो रहा है तो आप कुछ गलत कर रही हैं जिसे सही करने की जरूरत है।

* कई बार बच्चा मां के ब्रेस्ट को अपने मुंह से ठीक तरह से जकड़ नहीं पाता जिससे निप्पल फिसलता रहता है। मां द्वारा बच्चे को सही पोजीशन में रखना, जिससे वह ब्रेस्ट को मुंह में जकड़कर दूध खींच सके, बहुत जरूरी होता है।

mother and baby breastfeeding

* बच्चा फीडिंग के दौरान ही सो जाता है। क्या उन्होंने अच्छे से दूध पिया है? सभी माताओं को ये चिंता होती है- क्या मेरे बच्चो ने सही से दूध पिया है? क्या मेरा दूध पर्याप्त है? क्या मेरा बच्चा संतुष्ट है? दूध का प्रवाह और बच्चे का मुंह से ब्रेस्ट जकड़ना आसानी से मां द्वारा ही निर्धारित किया जा सकता है।

* कुछ बच्चों को लगातार ब्रेस्ट के संपर्क में रखने की जरूरत होती है भले ही वो फीड न कर रहे हों। हटाए जाने पर वो रोने लगते हैं। ऐसा फ्लो या सप्लाई से जुड़ी समस्याओं के कारण होता है।

* दूध पीते समय बच्चे उधम करते हैं और ऐसे में तेज़ी से घूंठ भर सकते हैं और चोक हो सकते हैं।

* क्रैक्ड निप्पल्स- ये तब होता है जब बच्चा मुंह से कम गहराई में ब्रेस्ट को जकड़े।

* बच्चा आपके ब्रेस्ट्स को काट सकता है जिससे वो टेंडर और दर्दभरे हो जाते हैं।

* दूध की ज्यादा सप्लाई होना

* अंदर घुसे हुए या फ्लैट निप्पल्स का होना

* इसके अलावा भी मां और बच्चे को कई समस्याएं हो सकती हैं जिन्हें व्यक्तिगत तौर पर हल करना चाहिए।

स्वस्थ्य और प्राकृतिक ब्रेस्टफीडिंग की यात्रा में आपको आनंद आना चाहिए। पहली बार मां बनी महिलाएं खासतौर पर ऐसी समस्याएं झेलती हैं और उन्हें बड़े-बूढ़ों और मेडिकल प्रोफेशनल्स से इसके बारे में सलाह लेनी चाहिए। ऐसा कुछ भी नहीं है जो थोड़ी सी मेहनत और अभ्यास के साथ सुलझाया न जा सके।

डॉक्टर जीनल (एमबीबीएस, डीसीएच, आईबीसीएलसी) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।

Reference:

https://wicbreastfeeding.fns.usda.gov/common-breastfeeding-challenges

https://www.womenshealth.gov/breastfeeding/breastfeeding-challenges/common-breastfeeding-challenges

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https://www.todaysparent.com/baby/breastfeeding/15-breastfeeding-problems-and-how-to-solve-them/

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