सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है जो वेजाइना से जुड़ा होता है। सर्वाइकल कैंसर इस हिस्से की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के अलग-अलग तरह के एचपीवी स्ट्रेन्स के कारण होते हैं। एचपीवी एक बहुत ही आम यौन संचारित रोग है जो जननांग में मस्से के रूप में देखा जा सकता है। अगले कुछ वर्षों में, एचपीवी वायरस कुछ मामलों में सर्वाइकल कोशिकाओं को कैंसरस कोशिकाओं में बदलने का कारण बन सकता है। एचपीवी वायरस के लिए वैक्सीनेशन और नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट सर्वाइकल कैंसर का समय पर पता लगाने और उपचार को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
जब सर्विक्स की स्वस्थ कोशिकाओं के डीएनए में बदलाव होता है और इससे उनकी बनावट पर असर होता है तो ये कैंसर बन जाता है। स्क्रीनिंग टेस्ट्स की मदद से सर्विक्स में होने वाली कैंसर से जुड़ी अनियमितताओं का पता लगाया जा सकता है। कोई भी संकेत या लक्षण दिखने से पहले भी ये टेस्ट्स कैंसर का पता लगाने में मदद करते हैं। हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि सर्वाइकल कैंसर के कारण क्या हैं, लेकिन यह बहुत निश्चितता के साथ कहा जा सकता है कि एचपीवी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जीवनशैली के कुछ विकल्प और कुछ जहरीले वातावरण के संपर्क में आने से भी सर्वाइकल कैंसर होता है। सर्वाइकल कैंसर के सामान्य कारण हैं:
इसे जरूर पढ़ें:जानें क्या है सर्वाइकल कैंसर, लक्षण, निदान और उपचार
सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में प्रचलित चौथा सबसे आम प्रकार का कैंसर है। भारत में प्रतिवर्ष 120 हजार नए सर्वाइकल कैंसर के मामले सामने आते हैं और लगभग 60 हजार महिलाओं की इस बीमारी से मौत हो जाती हैं। असरदार वैक्सीनेशन प्रोग्राम्स, स्क्रीनिंग टेस्ट्स और प्रारंभिक चरण में घावों के उपचार से सर्वाइकल कैंसर के मामलों को रोकने में मदद मिल सकती है। जब समय पर सर्वाइकल कैंसर के मामलों का पता लगाया जाता है और इलाज किया जाता है तब इससे आसानी से बचा जा सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए उचित स्वास्थ्य प्रबंधन और नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट्स महत्वपूर्ण होते हैं। रोकथाम, स्क्रीनिंग और उपचार से जुड़े व्यापक दृष्टिकोण के साथ, सर्वाइकल कैंसर को एक बीमारी के रूप में कैंसर की दुनिया से समाप्त किया जा सकता है।
एचपीवी वैक्सीन को 9 वर्ष की उम्र से 26 वर्ष की उम्र तक रेगुलर लगवाया जा सकता है और इसके विस्तारित वैक्सीनेशन को 45 वर्ष उम्र तक लगवाया जा सकता है।
30 से 70 वर्ष की उम्र के बाद सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का नियमित स्क्रीनिंग टेस्ट कराना चाहिए।
पैप टेस्ट - यह टेस्ट उन कोशिकाओं के शुरुआती परिवर्तनों का पता लगाने में मदद करता है जिनके कैंसरस होने की संभावना होती है। पैप स्मीयर टेस्ट में, सर्विक्स से कोशिकाओं को एकत्र किया जाता है और किसी भी अनियमितताओं का पता लगाने के लिए अध्ययन किया जाता है।
एचपीवी टेस्ट - कोशिकाओं के नमूने को सर्विक्स से इकट्ठा दिया जाता है और किसी भी अनियमितताओं का पता लगाने के लिए अध्ययन किया जाता है। आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर के लिए जिम्मेदार एचपीवी के उन स्ट्रेन्स को खोजने के लिए नमूने की जांच की जाती है। ये टेस्ट नियमित रूप से 3-5 वर्षों के नियमित अंतराल पर किया जाना चाहिए।
स्क्रीनिंग टेस्ट्स की मदद से सर्विक्स में होने वाली कैंसर से जुड़ी अनियमितताओं का पता लगाया जा सकता है। कोई भी संकेत या लक्षण दिखने से पहले भी कुछ टेस्ट्स कैंसर का पता लगाने में मदद करते हैं। कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट्सका मुख्य उद्देश्य प्रारंभिक अवस्था में कोशिकीय अनियमितताओं का पता लगाना, उन लोगों का प्रतिशत कम करना, जिन्हें कैंसर हो रहा है और अंत में इस बीमारी से होने वाली मृत्यु दर को कम करना है।
इसे जरूर पढ़ें:सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए HPV Vaccine के बारे में जरूर जानिए
सर्वाइकल कैंसर एकमात्र ऐसा कैंसर है जिससे बचा जा सकता है। नियमित रूप से स्क्रीनिंग टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर को आसानी से रोका जा सकता है। इस प्रकार 30 वर्ष से ऊपर की सभी महिलाओं के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि वे नियमित रूप से टेस्ट्स करवाएं और किसी भी गंभीर सर्वाइकल कैंसर की जटिलताओं से मुक्त रहें।
एक्सपर्ट सलाह के लिए डॉक्टर अनीता सिंह (एमएस, डीजीओ, डीएनबी) को विशेष धन्यवाद।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।