Myth vs Fact: क्या पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं?

पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं अक्सर गर्भधारन को लेकर चिंतित होती हैं। लेकिन, ओव्यूलेशन प्रेरित करने वाली दवाएं और सही जीवनशैली अपनाकर महिलाएं सफलतापूर्वक गर्भधारण कर सकती हैं।
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2025-02-10, 20:21 IST
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पीसीओएस यानी कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, यह महिलाओं को होने वाला एक हार्मोनल विकार है, जिसमें महिलाओं की ओवरी प्रभावित होती है। इस समस्या में महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन की अधिकता होने लगती है, जिसके कारण महिलाओं के अंडाशय पर सिस्ट बन जाती है। इस बीमारी के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे, मुंहासे, मोटापा, चेहरे पर हेयर का ग्रोथ हो जाना, बालों का झड़ना, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल का हाई होना, डिप्रेशन, अनियमित पीरियड।

वहीं पीसीओएस के बारे में एक और आम धारणा है, कि इससे पीड़ित महिलाएं कभी मां नहीं बन सकती हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है, हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे। इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट लवनीत बत्रा ने जानकारी साझा की है।

क्या पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं?

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एक्सपर्ट बताती है कि पीसीओएस में प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है, लेकिन पीड़ित महिलाएं मां नहीं बन सकती हैं, यह पूरी तरह से सत्य नहीं है। हार्मोनल असंतुलन और अनियमित ओवुलेशन के कारण गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है, लेकिन उचित इलाज और जीवन शैली में बदलाव के साथ गर्भधारण।

अगर कोई महिला पीसीओएस से पीड़ित है, तो गर्भधारण की योजना बनाते समय स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। वह आपकी स्थिति के अनुसार उचित उपचार की सलाह देंगी। कुछ ऐसी दवाई चलाई जाती है, जो ओव्यूलेशन को प्रेरित करने में मदद करती है।

नियमित एक्सरसाइज,संतुलित आहार और हेल्दी वजन बनाए रखना जरूरी है। वजन कम करने से हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है और ओवुलेशन नियमित हो सकता है।

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इसके अलावा मेडिटेशन और योग करके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं, जिससे हार्मोनल संतुलन में सुधार हो सकता है।

पीसीओएस में कम से कम कार्बोहाइड्रेट लें। रिफाइंड कार्ब्स जैसे कि शुगर, व्हाइट ब्रेड, सफेद राइस, ब्लड शुगर लेवल और इन्सुलिन लेवल को प्रभावित कर सकते हैं।

नट्स, मछली और हरी पत्तेदार सब्जियों को डाइट में शामिल करें। इससे भी हार्मोनल संतुलन बना रहता है।

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Image Credit- freepik

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