क्या पीरियड्स में सैनिटरी पैड बन सकता है कैंसर का कारण? डॉक्टर से जानें

Sanitary Napkin Harmful Effects: पीरियड्स के दिनों को मैनेज करने के लिए, ज्यादातर महिलाएं सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती हैं। उन दिनों में सेफ्टी के लिहाज से इसका इस्तेमाल सबसे बेहतर समझा जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ये पैड्स कैंसर का कारण बन सकते हैं?
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पीरियड्स के दिनों में आमतौर पर महिलाएं सेफ्टी के लिए, सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि, इस समय पर टैंपून और मेंस्ट्रुअल कप का यूज भी चलन मे है। लेकिन, ज्यादा महिलाएं पैड्स या पीरियड पेंटी के इस्तेमाल को ज्यादा कम्फर्टेबल मानती हैं। ये पैड्स सेफ्टी के लिहाज से अच्छे होते हैं लेकिन इन्हें हर कुछ घंटे में बदलना जरूरी है। कई रिसर्च में इस बात का दावा किया जा रहा है कि ये पैड्स महिलाओं की सेहत के लिए सही नहीं है और इनका इस्तेमाल कैंसर का कारण भी बन सकता है। इनमें मौजूद कई केमिकल्स नुकसानदेह हैं। क्या वाकई ऐसा है, इस बारे में हमने एक्सपर्ट से बात की और उनसे इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की। इस बारे में डॉक्टर रुचि श्रीवास्तव जानकारी दे रही हैं। वह शारदा हॉस्पिटल में सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट हैं।

क्या सैनिटरी पैड्स कैंसर का कारण बन सकते हैं? (Can a Sanitary Pad cause Cervical Cancer?)

period pad side effects

  • सैनिटरी पैड्स, मेंस्ट्रुअल हाइजीन का अहम हिस्सा हैं। लेकिन, ये हेल्थ को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं। कैंसर इन्हीं में से एक है।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि सैनिटरी पैड्स में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ केमिकल्स, कैंसर का जोखिम पैदा कर सकते हैं।
  • कई कमर्शियल पैड्स में डाइऑक्सिन, सिथेंटिक फाइबर और फ्रैंगरेंस का इस्तेमाल होता है, जो स्किन इरिटेशन और हार्मोनल इंबैलेंस का कारण बन सकते हैं। हालांकि, इनका इस्तेमाल आमतौर पर कम किया जाता है। लेकिन, अगर लंबे समय तक इस तरह के पैड्स का इस्तेमाल किया जाए, तो सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
  • डाइऑक्सिन, ब्लीचिंग प्रक्रिया का बाइप्रोडक्ट है। इसे WHO ने कार्सिनोजेन के तौर पर बताया है। हालांकि, थोड़ी मात्रा में मौजूद होने के बावजूद, अगर इसका लंबे समय तक इस्तेमाल किया जाए, तो यह शरीर में हार्मोन्स को प्रभावत कर सकता है और गंभीर मामलों में, कैंसर का कारण बन सकता है।

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Period fact women should know

  • इसके अलावा, सिथेंटिक सामग्री से बनने वाले पैड्स, नमी को ट्रैप कर सकते हैं और इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से क्रॉनिक इंफ्लेमेशन हो सकता है। यह कैंसर के विकास का अहम फैक्टर है।
  • पीरियड के दिनों में ऑर्गेनिक कॉटन पैड्स और मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना बेहतर रहेगा। इसके साथ ही, मेंस्ट्रुअल हाइजीन मेंटेन करें और हर 4-6 घंटे में पैड जरूर बदलें जिससे इंफेक्शन का खतरा न हो।
  • डॉक्टर का कहना है कि आमतौर पर सिर्फ सैनिटरी पैड्स, कैंसर का कारण नहीं बनते हैं लेकिन इन्हें खरीदते वक्त इनकी कम्पोजिशन के बारे में जरूर जान लें ताकि बाद में सेहत पर बुरा असर न हो।

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पीरियड्स के दिनों में हाइजीन का खास ख्याल रखना जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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