आंख और दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आंखों के बिना दुनिया नहीं देख सकते हैं और दिल धड़कना बंद हो जाए, जिंदगी से हार बैठते हैं। बता दें कि, दोनों ही एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अधिकतर लोग दिल के रोगों को सिर्फ दिल तक ही सीमित मानते है। लेकिन दल संबंधी समस्याओं का असर आंखों पर भी पड़ सकता है। Dr. Priyamvada Bhasin is the Medical Director, Specialist Comprehensive Ophthalmology,Squint & Vitreo-Retinal Specialist in Ratan Jyoti Netralaya, Gwalior इस बारे में जानकारी दे रही हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक हृदय की सेहत और रक्त संचार प्रणाली का सीधा संबंध आंखों के स्वास्थ्य से होता है। चलिए जानते हैं इस बारे विस्तार से
हृदय रोग और आंखों के बीच संबंध
एक्सपर्ट बताती हैं हृदय शरीर में रक्त को पंप करने का काम करता है, जिससे सभी अंगों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। अगर हमारी हृदय की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, तो रक्त संचार में बाधा आती है, जिससे आंखों की रक्त वाहिकाओं पर असर पड़ता है। आंखें बहुत ज्यादा संवेदनशील अंग है, और इनमें मौजूद छोटी रक्त वाहिकाएं दिल से जुड़ी किसी भी समस्या से जल्दी प्रभावित हो सकती है।
क्या दिल की बीमारी आंखों की सेहत पर असर डाल सकती है?
हाइपरटेंशन और आंखों की समस्याएं
उच्च रक्तचाप आंखों की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी हो सकती है। इस स्थिति में दृष्टि धुंधली हो सकती है, आंखों में सूजन आ सकती है, और गंभीर मामलों में आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
हृदय रोग और रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन
अगर दिल की स्थिति सही नहीं हो, तो रक्त संचार में रुकावट आ सकती है, जिससे आंखों की रेटिनल धमनियां बंद हो सकती है। इसे रेटिनल ऑर्टरी ऑक्लूजन कहा जाता है, जिससे अचानक दृष्टि हानि हो सकती है।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण आंखों की रक्त वाहिकाओं में प्लाक जम सकता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है। यह स्थिति एम्बोलिज्म पैदा कर सकती है, जिससे एक या दोनों आंखों की अस्थायी या स्थायी रोशनी कम हो सकती है।
- हृदय की अनियमित धड़कन यानी एट्रियल फाइब्रिलेशन स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं, जिससे आंखों की तंत्रिकाओं को रक्त की आपूर्ति प्रभावित होती है। यह स्थिति आईशेमिक ऑप्टिक न्यूरोपैथी पैदा कर सकती है, जिससे दृष्टि हानि हो सकती है।
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हृदय रोग अक्सर डायबिटीज से जुड़े होते हैं, और मधुमेह से पीड़ित लोगों को डायबिटीज रेटिनोपैथी होने का अधिक खतरा हो सकता है। इसमें आंखों की रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती है और रिसाव करने लगती है, जिससे दृष्टि पूरी तरह से धुंधली हो सकती है या पूरी तरह से रोशनी जा सकती है।
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Image Credit:Freepik
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