क्या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं रमजान का रोजा रख सकती हैं?

रमजान के दौरान 30 दिनों तक रोजा रखा जाता है। अब सवाल है कि क्या स्तनपान कराने वाली महिलाएं रोजा रख सकती हैं? रोजा रखने से मां और बच्चे की सेहत पर क्या असर पड़ेगा। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2025-03-11, 23:26 IST
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रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है। इस पूरे महीने में रोजा रखा जाता है। इससे आध्यात्मिक फायदा तो होता है, साथ ही सेहत को भी कई लाभ मिलते हैं। हालांकि कुछ खास हेल्थ कंडीशन में रोजा रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है, जनमें से एक ब्रेस्टफीडिंग। अक्सर सवाल होता है कि क्या ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को रोजा रखना चाहिए। यह सवाल इसलिए है क्योंकि रोजे के दौरान दिनभर कुछ भी खाने या पीने पर पाबंदी होती है। जबकि, मां जो कुछ भी खाती-पीती है,उससे शिशु का पेट भरता है। मां का दूध ही बच्चे के लिए संपूर्ण आहार होता है। क्या ऐसे में रोजा रखने से बच्चे को दूध की आपूर्ति हो पाएगी या इस दौरान मां को कमजोरी होगी। इन सभी सवालों का जवाब लेने के लिए हमने हेल्थ एक्सपर्ट से बात की है। डॉक्टर शकुंतला नाग इस बारे में जानकारी साझा कर रही हैं।

क्या बेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं रमजान का रोजा रख सकती हैं?

breastfeeding mother observe roza

एक्सपर्ट बताती हैं कि रोजा रखना पूरी तरह से मां के कंडीशन पर निर्भर करता है। अगर मां एकदम फिट हैं, बच्चे का जन्म हुए 6 महीने से ज्यादा हो गया है, दूध का उत्पादन एकदम पर्याप्त हो रहा है, तो महिलारोजा रख सकती हैं। वहीं, अगर आपको किसी भी तरह की हेल्थ कंडीशन है जैसे,कमजोरी, चक्कर, या आपकी किसी प्रकार की दवाई चल रही है , तो आपको इससे परहेज करना चाहिए। रोजा रखने के दौरान लंबे वक्त तक खाना और पानी न पीने से शरीर पर असर पड़ सकता है, जो कि एक स्तनपान कराने वाली मां के लिए चिंता का विषय है। शरीर में पानी की कमी हो सकती है। दूध की आपूर्ति कम हो सकती। बीपी लो सकता है।

breastfeeding in fasting

अगर कोई महिला पूरी तरह से स्वस्थ है, बच्चा दिन में एक बार ही मां का दूध पीता है, तो वह रोजा रख सकती हैं। हालांकि, इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का खास ध्यान रखना होगा

  • सहरी और इफ्तार में न्यूट्रिशनल डाइट लें- प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, फाइबर और हाइड्रेटिंग फूड्स को शामिल करें।
  • ब्रेस्टफीड करा रही महलाओं को हाइड्रेशन का पूरा ध्यान रखना होगा। इफ्तार और सेहरी के बीच में जितना हो सके पानी पिएं।
  • रोजे के दौरान शरीर को ऊर्जा की कमी हो सकती है, इसलिए कोई भी थकावट वाला काम न करें।
  • जरूरत पड़ने पर कुछ दिन का गैप लेकर रोजा रखें।

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Image Credit:Freepik

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