Breast Cancer Awareness Month 2022: ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े यह मिथ्स नहीं हैं सच

ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े ऐसे कई मिथ्स हैं, जिन्हें लोग सच मानते हैं। 

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ब्रेस्ट कैंसर एक बेहद ही घातक कैंसर है और इससे महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। जागरूकता के अभाव और इस बीमारी का संपूर्ण ज्ञान ना होने के कारण अक्सर महिलाएं खुद को इस ब्रेस्ट कैंसर से सुरक्षित नहीं रख पाती हैं। इतना ही नहीं, कभी-कभी वह लोगों की बातों में आकर भ्रमित हो जाती हैं और बिना सोचे-समझे कई तरह के मिथ्स को सच मानने लग जाती हैं।

चूंकि ब्रेस्ट कैंसर बेहद ही खतरनाक है और यही कारण है कि लोग इस बीमारी को लेकर तरह-तरह की बातें करते हैं। हो सकता है कि आपने भी ब्रेस्ट कैंसर के बारे में काफी कुछ सुना हो। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी वास्तविकता के बारे में बता रहे हैं-

मिथक- फैमिली हिस्ट्री ना होने पर नहीं रहता ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क

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सच्चाई- अधिकतर महिलाएं यह सोचती हैं कि अगर उनकी ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री नहीं है तो उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। जबकि ऐसा नहीं है। ब्रेस्ट कैंसर किसी को भी हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप करवाती रहें और अगर आपको कोई भी प्रारंभिक लक्षण नजर आए तो उसे बिल्कुल भी अनदेखा ना करें।

मिथक- यंग महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर एक महामारी बन चुका है।

सच्चाई- हालांकि सभी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है, लेकिन 95 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के मामले 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं में देखे जाते हैं। इसलिए, महिला की उम्र चाहे कोई भी हो, ब्रेस्ट कैंसर उसे प्रभावित कर सकता है।

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मिथक- केवल महिलाओं को ही ब्रेस्ट कैंसर होता है।

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सच्चाई- यह सच है कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है, लेकिन सिर्फ महिलाओं को ही ब्रेस्ट कैंसर होता है, यह गलत है। यह कभी-कभी पुरुषों में होता है, हालांकि अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है। दरअसल, पुरूषो में भी ब्रेस्ट टिश्यूज होते हैं और इसलिए उन्हें भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।

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मिथक- सिलिकॉन ब्रेस्ट इम्प्लांट कराने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।

सच्चाई- यह सच है कि सिलिकॉन ब्रेस्ट इम्प्लांट कराने से ब्रेस्ट में स्कार टिश्यू बन सकते हैं। हालांकि, इससे आपको ब्रेस्ट कैंसर हो, यह जरूरी नहीं है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि वे स्तन कैंसर के खतरे को नहीं बढ़ाते हैं।

मिथक- ब्रेस्ट में चोट लगने से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।

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सच्चाई- कुछ महिलाएं यह भी सोचती हैं कि अगर ब्रेस्ट में चोट लग जाती है तो इससे ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। जबकि ऐसा नहीं है। ब्रेस्ट में चोट या आघात कैंसर का कारण नहीं बनता है।

मिथक- ब्रेस्ट में गांठ का अर्थ है कि आपको ब्रेस्ट कैंसर है।

सच्चाई- यह सच है कि ब्रेस्ट कैंसर का एक प्रमुख लक्षण है गांठ नजर आना। लेकिन आपको यह भी जानना चाहिए कि ब्रेस्ट में गांठ का केवल एक छोटा प्रतिशत ही कैंसर होता है। लेकिन अगर आपको अपने स्तन में लगातार गांठ दिखाई देती है या ब्रेस्ट के टिश्यू में कोई बदलाव दिखाई देता है, तो इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसलिए, अपने मन की किसी भी शंका को दूर करने के लिए जरूरी टेस्ट अवश्य करवाएं।

मिथक- ब्रेस्ट कैंसर एक संक्रामक बीमारी है


सच्चाई- बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि ब्रेस्ट कैंसर एक संक्रामक बीमारी है, जबकि सच्चाई यह है कि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर नहीं होती है। ब्रेस्ट कैंसर वास्तव में अनियंत्रित सेल ग्रोथ का परिणाम है जो स्तन के भीतर अन्य टिश्यूज में फैलने लगती हैं।

अब इस लेख को पढ़ने के बाद यकीनन आपके मन के भी कई तरह के भ्रम दूर हो गए होंगे।

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Image Credit- freepik

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