काली मिर्च दुनिया भर में व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में से एक है। यह न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ावा देता है, बल्कि इसे अन्य कई चीजों में भी इस्तेमाल किया जाता है, जैसे मेडिसिन, प्रिजर्वेटिव और परफ्यूम आदि में। हाल के दशकों में हुए कई अध्ययनों से यह भी पता चला है कि काली मिर्च के तेल से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
यह दर्द में राहत देने से लेकर बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन और स्ट्रेस बस्टर में भी बेहतरीन तरीके से मदद करता है। एनसीबीआई की एक रिसर्च में बताया गया है कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, गैस्ट्रो-प्रोटेक्टिव और एंटीडिप्रेसेंट गुण होते हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. जैना विशाल पटवा कहती हैं, 'यह गुणों की खान है। इसे मसाले के तौर पर ही नहीं बल्कि इसके तेल को मेडिसिनल परपस के लिए यूज किया जाता है। यह दर्द में राहत पहुंचाता है और चेस्ट, नेजल कंजेशन को खत्म करने का काम करता है। गैस की समस्या और पेट के दर्द में आप इसे नाभि के आसपास लगाएं, तो बड़ा आराम मिलता है।'
वह आगे बताती हैं,'इसकी खुश्बू बहुत तेज होती है, इसलिए यह थोड़ा सा इरिटेंट स्वभाव का होता है।अगर आपकी सेंसेटिव स्किन है तो इसे लगाते वक्त किसी कैरियर ऑयल को साथ में जरूर ऐड करना चाहिए।'
ब्लैक पेपर ऑयल आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए किस तरह से फायदेमंद है, यह आपको नहीं पता होगा। इसलिए हम अपने इस आर्टिकल में आपको इसके अद्भुत फायदों के बारे में जानकारी देंगे।
दर्द में राहत पहुंचाता है
काली मिर्च का तेल अपने वार्मिंग, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पास्मोडिक गुणों के कारण मांसपेशियों की चोटों, टेंडोनाइटिस और गठिया के दर्द में राहत पहुंचाने का काम करता है। जर्नल ऑफ अल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन में प्रकाशित 2014 के एक अध्ययन में पाया गया था कि ब्लैक पेपर अरोमाथेरेपी ऑयल से गर्दन के दर्द में राहत मिल सकती है। इसके साथ ही यह मसल पुल्स, स्पाज्म और क्रैम्पस आदि में आराम पहुंचा सकता है।
शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है
यह शरीर को ऑक्सीडेंट (फ्री रेडिकल्स) से होने वाले नुकसान से बचाता है और पहले से हो चुके डैमेज को रिपेयर करने में मदद करता है। इसके कारण शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जो स्किन के पोर्स को साफ करने में मदद करते हैं और शरीर को डिसइनफेक्ट करते हैं। यह एजिंग, डिजेनेरेशन, मसल्स की शिथिलता, मेमोरी लॉस जैसे अन्य कारकों पर भी काम करता है और उम्र बढ़ने के प्रभावों को कम करने में मदद करता है।
नेजल कंजेशन में राहत देता है
साइनस से परेशान लोगों के लिए काली मिर्च का अरोमाथेरेपी ऑयल काफी लाभदायक हो सकता है। काली मिर्च एक प्राकृतिक डिकॉन्गेस्टेंट है। इसमें मौजूद केमिकल्स रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा बलगम को पतला करता है। इस तरह बलगम या कफ बाहर निकलता है, जिसके कारण यह साइनसाइटिस और नेजल कंजेशन के लिए एक बेहतर उपाय हो सकता है।
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स्ट्रेस बस्टर का करता है काम
काली मिर्च अरोमाथेरेपी ऑयल चिंता और तनाव को कम करने के लिए जाना जाता है। इसकी सुगंध नसों को शांत करके और आपकी मांसपेशियों को आराम देकर आपको शांत करने में मदद करती है। यह आपकी भावनाओं में संतुलन को रिस्टोर करता है और आपके मूड में जबरदस्त सुधार कर सकता है। इतना ही नहीं यह तेल स्मोकिंग करने वाले लोगों के लिए भी असरदार साबित होता है। ड्रग एंड अल्कोहल डिपेंडेंस में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि काली मिर्च का तेल सिगरेट पीने की इच्छा के कुछ लक्षणों को दबा सकता है।
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पाचन में मदद करता है
काली मिर्च का तेल कब्ज, दस्त और गैस की परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है। इन विट्रो और इन विवो एनिमल रिसर्च से पता चला है कि डोसेज के आधार पर, काली मिर्च की पिपेरिन एंटीडायरियल और एंटीस्पास्मोडिक एक्टिविटीज को प्रदर्शित करती है या वास्तव में इसका एक स्पास्मोडिक प्रभाव हो सकता है, जो कब्ज की समस्या में सहायक होता है। ब्लैक पेपर ऑयल कार्मिनेटिव होता है और पेट में बन रही गैस को दूर करने में मदद करता है।
भूख बढ़ाने में करता है मदद
अगर आपको भूख नहीं लगती है या कुछ खाने का मन नहीं करता है, तो आपको ब्लैक पेपर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि यह तेल आपकी भूख बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसे सूंघने या लेने के कारण आर्बिटोफ्रंटल कॉर्टेक्स सक्रिय होता है, जिसके परिणामस्वरूप रिफ्लेक्सिव स्वालोइंग मूवमेंट में सुधार होता है।
काली मिर्च के तेल का उपयोग कैसे करें
Image Credit : herbsvillage
घर पर काली मिर्च के तेल का उपयोग करने के कुछ आसान तरीके इस प्रकार हैं-
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- सर्कुलेशन और ब्लड फ्लो को मसल्स में बढ़ाने के लिए ब्लैक पेपर ऑयल के 3-5 बूंद को लेकर गर्म करें और फिर इसे प्रभावित एरिया में लगाएं।
- कब्ज, गैस या पेट दर्द में राहत पाने के लिए आप इसकी 1-2 ड्रॉप्स को अपने सूप, स्मूदी आदि में डालकर ले सकते हैं। इसके अलावा इसके तेल को लेकर पेट पर लगाने से भी राहत मिलेगी।
- नेजल कंजेशन या साइनस की समस्या में इस तेल को सूंघा जा सकता है या छाती पर लगाया जा सकता है।
- बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने के लिए ब्लैक पेपर एसेंशियल ऑयल की 1-2 ड्रॉप्स को लिया जा सकता है। इसके अलावा रात को इसके 2-3 बूंद लेकर अपने पैरों के तले को अच्छे से मसाज करें।
ब्लैक पेपर अरोमाथेरेपी ऑयल आपके स्वास्थ्य के कितने काम आता है, ये हमने आपको बताया। इसे त्वचा पर सीधा इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें और कोई समस्या होने पर अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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