प्रेग्नेंसी एक महिला की जिंदगी में ऐसा अवसर होता है जिसमें उसके शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं। उठने-बैठने, खाने-पीने से लेकर सोने और जागने तक की समस्याएं भी होती हैं। होने वाली मां अपने हिसाब से सो भी नहीं सकती हैं। कई बार तो ऐसा होता है कि रात भर सिर्फ एंग्जायटी के कारण निकल जाती है क्योंकि सही पोजीशन में आराम नहीं मिलता।
प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्रायमेस्टर में ही डॉक्टर्स पीठ और पेट के बल सोने से मना कर देते हैं। पर क्या आपको पता है कि प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एक सही स्लीपिंग पोजीशन भी होती है।
ऑब्सटेट्रिशियन-गायनेकोलॉजिस्ट (OBGYN), इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर तनुश्री पांडे पडगांवकर ने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी बातें शेयर की हैं। उन्होंने सही स्लीपिंग पोजीशन की बात भी की है कि कहां हमें सही तरह से सोना चाहिए।
क्यों पीठ और पेट के बल सोने को किया जाता है मना?
डॉक्टर तनुश्री के मुताबिक, पीठ के बल सोने से आपके बैक पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इसके कारण आपकी रीढ़ की हड्डी पीछे की ओर मौजूद कोशिकाओं को दबाती है। यह नॉर्मली तो ठीक होता है, लेकिन बच्चे का ऑक्सीजन फ्लो कम कर सकता है। यही कारण है कि डॉक्टर्स प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर यानी चौथे महीने से ही पीठ के बल सोने को मना कर देते हैं।
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ऐसे ही पेट के बल सोना तो बच्चे के लिए और भी घातक हो सकता है। ऑक्सीजन फ्लो बहुत ज्यादा कम होने के साथ-साथ इस कारण जरूरी अंगों के बनने में भी दिक्कत होती है। ऐसे में पेट के बल सोने से बच्चे को नुकसान होगा और होने वाली मां को भी पीठ और पेट दोनों में दर्द महसूस होगा। जैसे-जैसे फीटस यूट्रस में बड़ा होता है वैसे ही
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए क्या है सही स्लीपिंग पोजीशन?
डॉक्टर तनुश्री के मुताबिक, आपको इस दौरान करवट लेकर सोना चाहिए। ऐसे में आपके शरीर का ऑक्सीजन फ्लो बच्चे तक सही तरह से पहुंचता है। आपको इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि किसी भी तरह से आपके पेट में दबाव महसूस ना हो रहा हो।
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए करवट लेकर सोना भी आरामदायक नहीं होता है। ऐसे में आप तकिया की मदद से अपनी स्लीपिंग पोजीशन सही कर सकती हैं। आप दोनों पैरों के बीच में एक तकिया रख सकती हैं या पैर के नीचे तकिया रख सकती हैं। इससे आपकी पीठ को सपोर्ट मिलेगा और आपका काम भी आसानी से मैनेज हो जाएगा।
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कौन सी तरफ करवट लेकर सोना होगा बेहतर?
यह आपके कंफर्ट पर निर्भर करता है। लेफ्ट या राइट दोनों तरफ की करवट लेकर सोया जा सकता है। हां, आखिरी ट्रायमेस्टर में तकिये के सपोर्ट से सोना ज्यादा बेहतर होगा। इसका कारण यह है कि जब बच्चे का वेट बढ़ता है तब दिल को आपके और उसके शरीर में ब्लड पंप करने में बहुत मुश्किल होती है। ऐसे में बच्चे का वजन सबसे बड़ी कोशिका (inferior vena cava- इन्फीरियर वेना कावा) में प्रेशर डालता है। यह कोशिका हमारे दिल से लेकर पैरों तक ब्लड पंप करती है।
ऐसे में अगर इस पर प्रेशर पड़ता रहेगा, तो बच्चे तक सही मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाएगा। ऐसे में बच्चे का वजन बढ़ते ही आपको तकिये के सहारे करवट लेकर सोने की तैयारी करनी चाहिए।
सोने में दिक्कत महसूस हो रही है तो क्या करें?
अगर किसी भी वजह से सोने में दिक्कत महसूस होती है या फिर पेट और पीठ में जबरदस्त दर्द महसूस होता है, तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी जरूरी है। आप डॉक्टर से बात करें और उन्हें अपनी समस्या के बारे में बताएं। अगर पिंचिंग या फिर किसी तरह की चुभन महसूस हो रही है, तो भी आपको डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए।
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