ज्यादातर महिलाएं सोचती हैं कि रीढ़ की हड्डी बेहद नाजुक होती है। ऐसा सोचना स्वाभाविक भी है क्योंकि 80 फीसदी से ज्यादा लोग रीढ़ की हड्डी के दर्द से परेशान रहते हैं। अगर आप भी ऐसा ही सोचती हैं तो जरा ठहरिए, एक नई स्टडी के अनुसार हमारी रीढ़ की हड्डी एक बेहद मजबूत ढ़ाचा होता है, लेकिन हम इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते। ज्यादातर महिलाएं अत्यधिक वजन वाला सामान झुककर वजन उठाती हैं, जिससे ऐसा दर्द होने लगता है लेकिन अगर झुकने के बजाय बैठकर वजनी सामान उठाया जाए तो ऐसी समस्या नहीं आती। हकीकत यह है कि रीढ़ की हड्डी का दर्द बचाने के लिए वजनी सामान ना उठाने की प्रवृत्ति बेअसर साबित होती है।
कई वर्कप्लेसेस में रीढ़ की हड्डी से जुड़ी इस तरह की प्रॉब्लम्स से बचाव के लिए लिफ्ट ट्रेनिंग एक्सरसाइज भी कराई जाती है। इस स्टडी में पाया गया कि वजन न उठाने से रीढ़ की हड्डी कमजोर होती है। अंतरिक्षयात्रियों पर हुए एक अध्ययन में कहा गया कि माइक्रोग्रेविटी में वजन न उठा पाने के कारण उनमें muscle wasting, spine stiffness और disc swelling जैसी समस्याएं पाई गईं।
लचीलेपन से मजबूत होती है रीढ़ की हड्डी
जब वजन उठाना हो तो रीढ़ की हड्डी को सीधा रखकर और हिप्स को bend करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर हिप्स की मांसपेशियां कमजोर हों तो यह सलाह काम नहीं आती। इसीलिए इन मांसपेशियों को मजबूत करने पर जोर होना चाहिए।
आजकल की जीवनशैली में एक्टिविटी घटती जा रही है और इसी वजह से महिलाएं किसी भी काम को करने में थक जाती हैं। इसीलिए एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि पीठ के दर्द से बचाव के लिए एक्सरसाइज जरूर की जानी चाहिए। साथ ही वजन उठाने से बचाव के बजाय नियमित रूप से वजन उठाने की प्रैक्टिस करनी चाहिए। रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियां मजबूत बनाने के लिए ठीक-ठाक वजन उठाना जरूरी है, जो किसी भी वेट ट्रेनिंग में सिखाया जाता है।Read more :आड़ी-तिरछी कमर और ऊंचे-नीचे हिप्स ने बिगाड़ दी है आपकी शेप, तो कीजिये ये एक्सरसाइज
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