भारतीय तीज त्योहार, धार्मिक मान्यताओं के साथ ही अपने वैज्ञानिक महत्व के लिए भी जाने जाते हैं। बात होली की ही करें तो इस उत्सव के दौरान निभाई जाने वाली रस्में न सिर्फ धर्म-कर्म से जुड़ी होती हैं, बल्कि ये व्यवहारिक रूप से भी हमारे जीवन को बेहतर बनाने में योगदान देती हैं। जैसे कि होली के मौके पर उबटन लगाने की परंपरा रही है, माना जाता है कि ऐसा करने शरीर रोगों से मुक्त हो कर सेहतमंद रहता है।
गौरतलब है कि होली से एक दिन पहले होलिका दहन की रात को सरसों से बने उबटन का लेप लगाना अनिवार्य माना जाता है। दरअसल, धार्मिक मान्यताओं के साथ इस अनिवार्यता को जोड़ने का आशय इसके लाभ को हर जन तक पहुंचाना है। सरसों से बना उबटन अपने आप में त्वचा की कई समस्याओं के लिए रामबाण है। वहीं त्वचा हमारे शरीर का अहम हिस्सा है, जिसके जरिए शरीर में मौजूद अवशिष्ट पदार्थ काफी हद तक बाहर निकलते हैं। ऐसे में अगर त्वचा स्वस्थ है तो शरीर को भी इसका लाभ मिलता है।
सरसों के उबटन के फायदे
सबसे पहले आपको सरसों के उबटन की विशेषता के बारे में बता देते हैं। सरसों में मौजूद प्राकृतिक तेल त्वचा को जरूरी नमी और पोषण प्रदान कर सेहतमंद बनाए रखने में सीधे तौर लाभकारी होता है। वहीं इसमे एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी फंगल गुण भी पाए जाते हैं, जो त्वचा की तमाम समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार होते हैं। चलिए इस उबटन के फायदों के बारे में जरा विस्तार से जान लेते हैं।
त्वचा को मिलती है नमी और पोषण
होली का त्योहारफागुन के मौसम में आता है और उस वक्त तेज और सर्द हवाएं चलती हैं जो त्वचा की नमी छीन लेती है। ऐसे में त्वचा रूखी होकर बेजान सी दिखने लगते हैं। इस स्थिति में त्वचा को नमी और पोषण की आवश्यकता होती है, जिसके लिए सरसों का उबटन बेहद कारगर साबित होता है।
सरसों में विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो स्किन को अंदर से मॉइस्चराइज करता है। विटामिन ई स्किन को स्वस्थ बनाए रखने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसे में सरसों का उबटन रूखी और बेजान त्वचा के लिए संजीवनी की तरह काम करता है।
त्वचा पर आता है प्राकृतिक निखार
सरसों से बना उबटन स्किन को स्क्रब करने का भी काम करता है। इसके इस्तेमाल से डेड सेल्स आसानी से बाहर निकल जाते हैं और त्वचा पर प्राकृतिक निखार आता है। देखा जाए तो रेडीमेड स्क्रब में मौजूद केमिकल्स जहां स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं, वहीं सरसों से बना उबटन त्वचा को कोमलता से साफ करता है।

त्वचा संबंधी समस्याओं से निजात
सरसों का उबटन मुहांसों और त्वचा संबंधी दूसरी समस्याओं से निजात दिलाने में भी कारगर साबित होता है। सरसों में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी फंगल गुण चेहरे पर कील-मुहांसें और सूजन को कम करता है। सरसों के उबटन को अधिक असरदार बनाने के लिए इसमें शहद और नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बता दें कि सरसों में तेल की अधिकता के कारण पोर्स बंद होने की समस्या हो सकती है, जिससे बचने के लिए शहद और नींबू का प्रयोग जरूरी है।
दाग-धब्बों को कम करने में मददगार
सरसों के उबटन का नियमित रूप से प्रयोग किया जाए तो यह चेहरे के दाग-धब्बों को कम करने में असरदार साबित हो सकता है। ऐसे में यह स्किन को ईवेन टोन के साथ ही उसे हल्का करने में भी मददगार होता है।
चेहरे की डीप क्लीनिंग में असरदार
स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए उसकी डीप क्लीनिंग जरूरी है और सरसों का उबटन इस काम को बखूबी अंजाम देता है। खासकर चेहरे की डीप क्लीनिंग के लिए सरसों का उबटन बेहद असरदार साबित होता है। यह पोर्स में जमा गंदगी को बाहर निकाल कर स्किन की अच्छी तरह से सफाई करता है।
ऐसे में जिन लोगों को ओपन पोर्स की समस्या है तो उनके लिए भी सरसों के उबटन का प्रयोग काफी मददगार साबित हो सकता है। यह पोर्स की डीप क्लीनिंग के साथ बड़े उभरे हुए पोर्स को छोटा करने में भी सहायक साबित होता है। इस तरह से सरसों के उबटन का प्रयोग त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने में लाभकारी होता है। इसलिए इस होली आप भी सरसों के उबटन का इस्तेमाल कर इसका लाभ ले सकते हैं।
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