आजकल फैशन की तरह ही हेल्थ से जुड़े भी कई ट्रेंड्स सामने आने लगे हैं। चाहे डाइट से जुड़े ट्रेंड्स हों या फिर वर्कआउट से जुड़े ट्रेंड्स, कुछ ना कुछ नया सामने आता ही रहता है। एल्कलाइन डाइट, कीटो डाइट, लो जीआई डाइट और एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट, ऐसी कई तरह की डाइट्स हैं जिनका चलन हाल में ज्यादा बढ़ा है। वजन कम करने के लिए, हेल्दी रहने के लिए या फिर खुद को मेंटेन रखने के लिए, अलग-अलग डाइट्स ली जाती हैं। ऐसी ही एक डाइट जिसका पिछले काफी वक्त से अधिक चर्चा है वह है एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट। आज के वक्त में लोग एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट को ज्यादा अच्छा मानने लगे हैं लेकिन यहां कुछ सवाल हैं जो दिमाग में जरूर आते हैं जैसे कि
- एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट क्या होती है?
- क्या इंफ्लेमेशन शरीर के लिए बुरा होता है ?
- इंफ्लेमेशन घटने और बढ़ने की वजह क्या होती हैं?
- इंफ्लेमेशन को कैसे मैनेज किया जा सकता है ?
इन सारे सवालों के जवाब और एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड से जुड़ी सही जानकारी न्यूट्रिशनिस्ट मुनमुन गनेरीवाल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर दी है। आइए इस बारे में जानते हैं।
क्या होता है इंफ्लेमेशन?
आज के वक्त में ऐसी धारणा बन गई है कि इंफ्लेमेशन शरीर के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए हमें एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स खाने चाहिए ताकि इंफ्लेमेशन को रोका जा सके हालांकि असल में ऐसा मानना गलत है। हमारे शरीर के अंदर खुद को हील करने की पावर होती है और इंफ्लेमेशन हीलिंग प्रोसेस के लिए बहुत जरूरी होता है। जब हमें कोई चोट लगती है या हम बीमार होते हैं तो शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ जाता है। ये बीमारी से लड़ने में हमारी मदद करता है। जब शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन ना हो या फिर बॉडी को जरूरत ना हो फिर भी इंफ्लेमेशन बढ़ा हुआ हो तो यह परेशानी का कारण बन सकता है।
इंफ्लेमेशन अच्छा होता है या बुरा?
इसका कोई सटीक जवाब नहीं है। जब हमारे शरीर को किसी तरह का खतरा ना हो फिर भी इंफ्लेमेशन बढ़ा रहे तो ये ठीक नहीं है। इंफ्लेमेशन प्रोसेस का बैलेंस होना बहुत जरूरी है। जरूरत से कम या अधिक इंफ्लेमेशन शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
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उदाहरण से समझें
अगर किसी के घर में आग लगी हो तो आग बुझाने की मशीन को ऑन किया जाता है जिससे आग बुझ सके। लेकिन इस मशीन को हमेशा के लिए ऑन नहीं छोड़ा जा सकता है। बस ऐसा ही कुछ इंफ्लेमेशन प्रोसेस भी है।
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यहां देखें एक्सपर्ट का पोस्ट
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क्या होती है एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट?
वैसे तो इंफ्लेमेशन हमारे ट्रीटमेंट प्रोसेस का ही एक हिस्सा है लेकिन क्रॉनिक इंफ्लेमेशन की समस्या कई बार बीमारियों की जड़ बनती है। ऐसे में एंटी- इंफ्लेमेटरी डाइट को फॉलो करने का सुझाव दिया जाता है ताकि इंफ्लेमेशन के लक्षणों को मैनेज किया जा सके। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट में साबुत अनाज, फल, सब्जियां और भी कई चीजें शामिल रहती हैं। एक्सपर्ट की मानें तो बिना जरूरत एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट को लेने का कोई मतलब नहीं है। (हेल्दी रहने के लिए अपनाएं ये ट्रिक्स)
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