आत्मन्तन वेलनेस सेंटर के वेलनेस डायरेक्टर डॉक्टर मनोज कोठारी का कहना है कि ''ज्यादातर बीमारियों को मेडिकल रूप से हल करना थोड़ा जटिल होता है। एक बार जब किसी व्यक्ति को कोई खास बीमारी हो जाती है, तो दवाओं और दुखों की एक सीरिज शुरू हो जाती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव करके जटिल बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
डॉक्टर मनोज कोठारी ने कुछ ऐसी बीमारियां शेयर की, जिन्हें सिर्फ एक डाइट पैटर्न को फॉलो करके या नींद के चक्र में मामूली बदलाव करके ठीक किया जा सकता है। यह न केवल आपके मन, शरीर और आत्मा को के लिए अच्छा है बल्कि आपको हेल्दी और खुश रखने में भी हेल्प करेगा।
कैंसर
अच्छी तरह से विकसित चिकित्सा सुविधाओं वाले देशों में भी कैंसर सबसे भयानक बीमारियों में से एक है। आंकड़े कहते हैं कि संयुक्त राज्य में हर रोज 4 में से 1 की मौत कैंसर के कारण होती है। कैंसर के अधिकांश प्रकारों से बचने के लिए एहतियाती उपायों में हेल्दी डाइट को फॉलो करना शामिल है। पैक्ड फूड जिसमें अधिक मात्रा में शुगर होता है, सीधे तौर पर कैंसर पैदा करने के जोखिम से जुड़ा होता है। ताजा सब्जियों और फलों में बड़ी मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो कैंसर के संभावित दुश्मन हैं। विशेष रूप से, एवोकाडो की पहचान कैंसर के उपचार के साइड इफेक्ट को दूर करने के लिए की गई है। फ्लैक्स सीड्स की पहचान कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को कम करने के लिए की जाती है। कोलोरेक्टल कैंसर के कारण को कम करने के लिए हाई फाइबर सामग्री वाले दालों की खोज की गई है। लहसुन, ऑलिव, हल्दी, अदरक और मछली जैसे अन्य उपभोग्य पदार्थों को भी कैंसर के उपचार के जोखिम और दुष्प्रभावों को कम करने के लिए पहचाना गया है।
टाइप-2 डायबिटीज
डायबिटीज एक भयानक बीमारी है। जिसे एक लाइफस्टाइल डिजीज के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि जिस तरह का फूड आप खाती हैं वह इस बीमारी को बिगाड़ सकते हैं। इससे बचने के लिए फास्ट फूड खाने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, कैंडी, सोडा, प्रोसेस्ड फूड और ड्रिंक का अधिक सेवन डायबिटीज होने के कारण है। इस बीमारी के जोखिम को भी ताजे और कच्चे फलों और सब्जियों का सेवन करके कम किया जा सकता है। विशेष रूप से पत्तेदार सब्जियों और नट्स को बीमारी के प्रभाव को कम करने के लिए जाना जाता है। नींद भी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में हेल्प करती है। दिन में कम से कम 6 घंटे तक सोने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।
सीलिएक रोग
यह अभी तक एक और डाइट डिस्ऑर्डर है, जिसे एक स्पेशल डाइट को फॉलो करके कंट्रोल या ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी का प्रमुख कारण ग्लूटेन है जो हमारे द्वारा ग्रहण किए जाने वाले भोजन में मौजूद होता है। इस बीमारी के प्रभाव को रोकना बहुत आसान है। एक ग्लूटेन-फ्री डाइट लेने और फल, सब्जियां, सेम, नट और प्रो-बायोटिक्स जैसे हेल्दी यौगिकों को शामिल करके, व्यक्ति को सीलिएक रोग की जटिलताओं से बचने में हेल्प करता है। एक बार इस बीमारी का पता चलने पर, रोगी को एक हेल्दी डाइट पैटर्न को अपनाना पड़ता है।
ऑटिज्म
ऑटिज्म एक डिस्ऑर्डर है जो विशेष रूप से ब्रेन को नुकसान पहुंचाता है। यह बीमारी बच्चों में पाई जाती है। आहार में विटामिन, आयरन और मैग्नीशियम की अधिक मात्रा को शामिल करके, छोटे बच्चों में ब्रेन के विकास को बढ़ाया जा सकता है, जिससे ऑटिज़्म का खतरा कम होता है। ग्लूटेन-फ्री और कैसिइन फ्री डाइट भी काफी हद तक हेल्प करती है। ब्रेन के विकास को बढ़ाने और ऑटिज्म से बचने के लिए फैटी फिश और नट्स को शामिल करने का कोशिश करें।
हार्ट डिजीज
फास्ट फूड लेने से, कोलेस्ट्रॉल के लेवल और दिल के ब्लॉक होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन मछली के सेवन से इसे कंट्रोल या रोका जा सकता है। फैटी फिश में ओमेगा 3 फैटी एसिड का हाई लेवल में होता है जो हार्ट संबंधी विकारों और बीमारियों से प्रभावित होने के जोखिम को कम करने के लिए जाना जाता है। फैटी फिश की दो सर्विंग खाने से ब्लड में फैट का लेवल कम हो सकता है और आपको आसानी से जोखिमों से बचने में मदद मिल सकती है। इस भयानक बीमारी के चंगुल से खुद को फ्री करने के लिए अपनी डाइट में फलों, सब्जियों और फलियों को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें। भरपूर नींद लेने से ब्लड प्रेशर लेवल पर असर पड़ता है, जो कुछ ही लोगों में दिल की बीमारियों का कारण हो सकता है।
तो देर किस बात की अगर आप इन 5 बीमारियों से बची रहना चाहती हैं तो अपनी डाइट और नींद के पैटर्न में सुधार करें।
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