TwinPregnancy:टीवी एक्ट्रेस रुबीना दिलैक इन दिनों अपनी प्रेगनेंसी को लेकर चर्चा में है। दरअसल वह जुड़वा बच्चों की मां बनने वाली हैं। रुबीना अपने नौवें महीने में इंटर कर चुकी है। अब बस नन्हें मेहमानों के आने का इंतजार है। हालांकि जुड़वा बच्चे होना खुशी की बात होती है,वहीं इसके साथ चिंताएं भी डबल हो जाती है। मां को इस दौरान कई तरह की परेशानियां हो सकती है। सिंगल प्रेग्नेंसी की तुलना में जुड़वां बच्चों की गर्भावस्था ज्यादा जटिल हो सकती है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या परेशानियां हो सकती है? कैसे ख्याल रखना चाहिए सब कुछ जानेंगे एक्सपर्ट से। इस बारे में जानकारी दे रही हैं Dr. Archna Dhawan Bajaj Gynaecologist Nurture ivf
कितना चुनौतीपूर्ण होता है Twin प्रेग्नेंसी? (Actress rubina dilaik expecting twin)
- पहले तीन महीने प्रेग्नेंट महिला को काफी ज्यादा सावधान रहना होता है क्योंकि फीटस को पहले 12 वीक स्वस्थ होकर पार करने की जरूरत होती है।कई बार संभावना होती है को एक फीटस खत्म हो जाता है। इसमें मिसकैरेज का खतरा बना रहता है।
- जुड़वां गर्भावस्था में डिलीवरी समय से पहले हो सकती है। आमतौर पर साधारण प्रेग्नेंसी 39-40 हफ्ते पूरा करती है लेकिन जुड़वां बच्चों के दौरान बहुत ज्यादा संभावना होती है कि बच्चा 36-37 सप्ताह में ही पैदा होते हैं। और समय से पहले जन्मे बच्चों का अंग पूरी तरह से विकसित नहीं होता है।
- इस दौरान एक महिला को ज्यादा कैलोरीज लेनी पड़ती है। साधारण प्रेगनेंसी में जहां महिला को रोजाना के हिसाब से 300 कैलोरीज की जरूरत पड़ती है वहीं जुड़वां बच्चे होने पर 600 कैलोरीज लेनी पड़ती है।
- इस दौरान प्रीक्लेम्पसिया और जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा भी बना रहता है।
यह भी पढ़ें-प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले लाइफस्टाइल में करें ये जरूरी बदलाव
- सिंगल प्रेगनेंसी की तुलना में जुड़वां गर्भावस्था में हार्मोन का बदलाव ज्यादा होता है, जिसके कारण उल्टी और रक्तस्राव की परेशानी होती है।
- जुड़वा गर्भावस्था में महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी होने लगती है। दरअसल जुड़वा बच्चे होने पर पेट पर ज्यादा दबाव पड़ता है और मां को ज्यादा वजन उठाना पड़ता है। इसलिए खून की जरूरत पूरी करने के लिए जुड़वा बच्चे होने पर महिला का शरीर 70 पीसीबी तक खून बनता है और स्कूल को पंप करने के लिए महिला के हृदय को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
- ट्विन प्रेगनेंसी में एनीमिया होने का भी खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है दरअसल गर्भवती महिला के रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं का स्तर सामान्य से कम हो जाता है यह मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।( ऐसे दूर करें खून की कमी)
यह भी पढ़ें-प्रेग्नेंसी के बाद क्यों हो जाता है डिप्रेशन? जानें
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों