सीने में दर्द का उभरना अपने आप में बेहद खतरनाक है और इसके कारण डरना भी स्वाभाविक है, पर इसे सिर्फ हृदय रोगों से जोड़कर देखना गलत है। असल में सीने में दर्द सिर्फ हृदय संबंधी समस्याओं के कारण उत्पन्न नहीं होता है, बल्कि इसके लिए कई सारी दूसरी शारीरिक और मानसिक समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं। यहां हम आपको ऐसी ही 5 समस्याओं के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि सीने में दर्द की वजह हो सकती हैं।
बता दें कि इस बारे में हमने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कार्यरत डॉ. सतीश कुमार से बात की और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं। डॉ. सतीश कुमार बताते हैं कि सीने में दर्द, हृदय से संबंधित रोगों के अलावा पाचन और श्वसन संबंधी समस्याओं के कारण भी हो सकता है। असल में सीने में हृदय के अलावा पाचन और श्वसन प्रणाली से जुड़े अंग भी स्थित होते हैं, ऐसे में इन सभी अंगों के कार्यप्रणाली में आई दिक्कत सीने के दर्द की वजह बन सकती है। तो चलिए इन समस्याओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
एसिड रिफ्लक्स
एसिड रिफ्लक्स पाचन से जुड़ी समस्या है, जिसमें पेट के अंदर बना एसिड आपके ग्रासनली में प्रवाहित होने लगता है। ऐसे में इस एसिड के उल्टे प्रवाह के कारण सीने में दर्द महसूस होता है। बता दें कि एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत गलत खान-पान के साथ ही गलत तरीके से सोने से भी उत्पन्न हो सकती है। इसके कारण रात में सीने में दर्द और उल्टी की समस्या पेश आती है।
एसिड रिफ्लक्स से निजात के लिए एंटासिड दवाओं का सेवन किया जाता है, लेकिन बेहतर होगा कि आप उन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें जोकि नेचुरल एंटासिड का काम करते हैं। जैसे कि अदरक, पपीता, हल्दी दही और कैमोमाइल टी।
आंतों का अल्सर
आंतों का अल्सर भी पाचन तंत्र से जुड़ी एक घातक समस्या है, जिसके लक्षण स्वरूप सीने में दर्द की समस्या पेश आती है। इसमें पेट में बने एसिड के कारण आंत की आंतरिक परतें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे आंत में घाव बन जाता है। ऐसी स्थिति में सीने में तेज या कम दर्द महसूस हो सकता है। बात करें इसके इलाज की तो एंटीबायोटिक दवाओं और प्रोटॉन पंप अवरोधक दवाओं के जरिए आंतों के अल्सर के लक्षणों को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है। ये दवाएं उन कोशिकाओं को अवरुद्ध करती हैं जिनसे पेट में एसिड पैदा होता है।
श्वसन संबंधी समस्या
फेफड़ों की धमनियों में उच्च रक्तचाप के कारण सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, जिससे सीने में दर्द उभर सकता है। वहीं फेफड़ों में ब्लॉकेज यानी फेफड़ों की धमनियों के मार्ग अवरोधित होने पर भी सीने में दर्द उभरता है। इसके साथ ही अस्थमा की गंभीर स्थिति में भी सीने में दर्द हो सकता है। दरअसल, ऐसी स्थिति में श्वसन नली में सूजन और जकड़न के कारण सीने में दर्द महसूस होता है।
इसलिए अगर आपको सीने में दर्द के साथ ही सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है, तो इसके लिए तुरंत किसी पल्मोनोलॉजिस्ट यानी श्वसन रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं। फेफड़े की जांच के आधार पर डॉक्टर आपको उचित उपचार की सलाह देंगे।
पित्ताशय संबंधी समस्या
कोलेसीस्टाइटिस यानी पित्ताशय की पथरी और पित्ताशय की सूजन की समस्या में भी सीने में दर्द उभर सकता है। असल में पित्ताशय में उपजी समस्या का असर पेट के ऊपरी हिस्से तक पहुंचाता है, जिसके कारण व्यक्ति को सीने में दर्द महसूस हो सकता है। इसलिए इस दर्द को हृदय संबंधी रोग समझने की गलती न करें।
मानसिक समस्या
तनाव और एंजाइटी जैसी मानसिक समस्याएं भी सीने में दर्द के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। असल में जब आप तनाव में होते हैं तो ऐसी स्थिति में रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे हृदय गति असंयमित होती है। इसके कारण सीने में भारीपन और दर्द महसूस हो सकता है। इसलिए अगर आपको सीने में दर्द के साथ घबराहट और तनाव महसूस हो रहा है तो इसके लिए तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें। मनोचिकित्सक काउंसलिंग के जरिए आपकी समस्या की वजह समझकर उसके लिए उचित समाधान बताएंगे।
उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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