ठंड के दिनों में सर्दी-जुकाम के साथ ही कफ की समस्या भी आम हो जाती है। कुछ लोगों को तो पूरे ठंड के मौसम में कफ की समस्या का सामना करना पड़ता है और इलाज के बावजूद भी इससे राहत नहीं मिल पाती है। अगर आपके साथ ही कुछ ऐसी ही समस्या पेश आ रही है तो यह आर्टिकल आपके लिए है।
असल में कफ को दूर करने के लिए जिन एलोपैथिक दवाओं का सेवन किया जाता है, उनमें से ज्यादातर सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। ऐसे में कफ से निजात के लिए प्राकृतिक उपाय ही सुरक्षित होते हैं और जब बात प्राकृतिक उपायों की हो तो योग से बेहतर क्या हो सकता है। इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे आसान योगासन के बारे में बता रहें है जिनके नियमित अभ्यास से आसानी से कफ की समस्या निजात मिल सकती है। दरअसल, इस बारे में हमने योगा एक्सपर्ट त्रिधा जायसवाल से बातचीत की और उनके द्वारा बताई योग विधि यहां हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
प्राणायाम
योगा एक्सपर्ट त्रिधा बताती हैं कि प्राणायाम एक तरह से सांसों का योग है, जिसमें सांसों की गति को नियंत्रण किया जाता है। ऐसे में प्राणायाम के दौरान सांसों को नियमित करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है और इससे फेफड़ों की सफाई के साथ उन्हें मजबूती मिलती है। इसके चलते खांसी-जुकाम, सर्दी और अस्थमा जैसे रोगों के इलाज में मिलती है। साथ ही यह फेफड़ों में जमा कफ बाहर निकालने में भी योग मददगार साबित होते हैं।
भुजंगासन
भुजंगासन का नियमित अभ्यास कफ की समस्या से राहत दिलाता है। बता दें कि इस आसन को कोबरा पोज भी कहते हैं, क्योंकि इसमें पेट से आगे का हिस्सा ऊपर उठाने में सांप जैसी आकृति बनती है। वहीं बात करें इसकी विधि की तो इसके लिए सबसे पहले आप जमीन पर मैट बिछा कर पेट के बल उस पर लेट जाएं। इसके बाद गहरी सांस लेते हुए दोनो हाथों के जरिए जमीन पर सहारा लेते हुए पेट के आगे के हिस्से को ऊपर उठाएं। सांस अंदर लेते हुए कुछ देर तक इसी स्थिति में बने रहे और फिर सांस को बाहर छोड़ते हुए वापस जमीन पर पेट के बल लेट जाएं। ऐसा आपको शुरुआती दौर में 4-5 बार करना है और फिर आदत बनने के बाद आप इसका 10 बार अभ्यास कर सकते हैं।
धनुरासन
धनुरासन का अभ्यास भी कफ की समस्या से पीडि़त लोगों के लिए लाभकारी होता है। दरअसल, धनुरासन के दौरान सीने, गले और पसलियों पर दबाव पड़ता है और इससे कफ के उपचार में मदद मिलती है। इसके अभ्यास के लिए आप जमीन पर मैट बिछा कर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद घुटनों को मोड़ते हुए अपने हाथों के जरिए टखनों को पकड़ सांस अंदर की ओर खींचें और सीने से ऊपरी हिस्से को उठाएं।साथ ही पीछे जांघों को भी जमीन से ऊपर उठाएं। इस स्थित में कुछ देर तक सांसों को अंदर रोक कर रखें और फिर धीरे-धीरे सांसे छोड़ते हुए वापस जमीन पर लेट जाएं।
इनके अलावा कफ और सर्दी-जुकाम की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए बाम भस्त्रिका, सुखासन, पद्मासन और वज्रासन का अभ्यास भी लाभकारी होता है। लेकिन इन आसनों का अभ्यास करते वक्त ध्यान रखें कि आप इनका अभ्यास तभी करें जब आप आसानी से इन्हें कर पाएं और इसका शरीर पर कोई अतिरिक्त दवाब न पड़े। किसी भी तरह की परेशानी या असुविधा से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप किसी योगा एक्सपर्ट की देख-रेख में ही इन योग का अभ्यास शुरू करें।
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Image Credit:Freepik
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