महिलाएं, विशेषकर माताएं, अपने केयरिंग स्वभाव के लिए फेमस हैं। विभिन्न भूमिकाओं में, महिलाएं अक्सर खुद की देखभाल नहीं कर पाती हैं और दूसरों को प्राथमिकता देने की यह प्रवृत्ति तनाव और थकावट का कारण बनती है।
इसके अलावा, बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं, जिसका असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को आत्म-उपचार और कायाकल्प के लिए रेगुलर योगासन करना चाहिए।
आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो हर महिला को बीमारियों से दूर रहने के लिए रोजाना करना चाहिए। इन योगासनों के बारे में हमें अक्षर योग केंद्र के संस्थापक, योग और आध्यात्मिक गुरु हिमालय सिद्ध अक्षर बता रहे हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए योगासन
अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और ब्रह्मारी जैसे प्राणायाम महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिएअच्छे होते हैं। यहां तक कि अपनी सांस के प्रवाह को देखने का आसान काम सांस लेना (पूरक), रोकना (कुंभक) और सांस छोड़ना (रेचक) – तुरंत शांति और रिलैक्स का अहसास कराता है। महिलाओं को हफ्ते में कम से कम तीन बार ध्यान और प्राणायाम करने के लिए कम से कम 30-45 मिनट का समय देना चाहिए।
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पीरियड्स में हेल्दी रहने के लिए योगासन
पीरियड्स में स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर महिलाओं को चिंता होती है। विशिष्ट योगासन पेल्विक फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाते हैं और पीरियड्स के दौरान असुविधा को कम करते हैं। आसान योगाभ्यास, जैसे हल्की स्ट्रेचिंग, गहरी सांस लेना या ओम का जाप करना, पीरियड्स को आरामदायक बनाते हैं। इसके अलावा, योग भावनाओं को संतुलित करने, मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन, चिंता और गुस्से को कम करता है।
थायरॉइड के लिए योगासन
थायरॉइड की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है, जिससे अक्सर वजन में उतार-चढ़ाव और पीरियड्स संबंधी अनियमितताएं होती हैं। तनाव और चिंता थायरॉइड से संबंधित समस्याओं में योगदान करते हैं। योगासन थायरॉयड ग्लैंड को उत्तेजित करते हैं, जिससे थायरॉइड फंक्शन सही होता है और हेल्दी मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है।
वजन कम करने के लिए योगासन
योगासन एक प्रभावी कार्डियोवैस्कुलर वर्कआउट है, जो हार्ट रेट बढ़ाता है और कैलोरी जलाता है। इसलिए ऐसे योगासन करें, जो पेट की चर्बी पर काम करते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान योगासन
प्रेग्नेंसी महिला के जीवन में एक पवित्र, लेकिन चुनौतीपूर्ण समय होता है, जिसमें शरीर में, हार्मोनल बदलाव और लालसा होती है। ऐसे में स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी होता है। पर्याप्त नींद और पौष्टिक भोजन के साथ योगासन, मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
हल्के और एक्सपर्ट के बताए योगाभ्यास शरीर और दिमाग को डिलीवरी के लिए तैयार करते हैं। विशिष्ट आसन, जैसे बद्ध कोणासन, बालासन और वज्रासन, कूल्हे के लचीलेपन को बढ़ाते हैं, पीठ को मजबूत बनाते हैं और लचीलापन बनाए रखते हैं। एक्सपर्ट प्रेग्नेंट महिलाओं को सही एक्सरसाइज के रूप में योगासन करने की सलाह देते हैं।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार, योगासन शुरू करने का शक्तिशाली तरीका है। सूर्य नमस्कार एक ऐसी एक्सरसाइज है, जो शक्ति, लचीलेपन और टोनिंग बढ़ाती है। रोजाना पांच चक्रों से शुरू करके और सहनशक्ति में सुधार होने पर धीरे-धीरे बढ़ाने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
पूरे शरीर की यह एक्सरसाइज इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है, शरीर को स्वस्थ बनाती है और लचीलेपन को बढ़ाती है।
सावधानी
रोजाना 4-5 चक्र से शुरुआत करें और जैसे-जैसे सहनशक्ति में सुधार होता है, इसे धीरे-धीरे बढ़ाएं।
यदि हम रोजाना योगासान करते हैं, तो आपको बहुत सारे फायदे हो सकते हैं। योग एक ऐसा साथी है, जिससे आत्मविश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए आपको शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति मिलती है। हर हफ्ते कम से कम तीन बार योगासन और प्राणायाम का नियमित कार्यक्रम बनाए रखें।
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योगासन और प्राणायाम का लगातार अभ्यास और फलों और सब्जियों से भरपूर पौष्टिक आहार आपके जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव ला सकता है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे लाइक और फेसबुक पर शेयर जरूर करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit: Shutterstock
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