सीधे बैठो!
कंधे झुकाकर मत चलो!!
अपनी पीठ को सीधा रखो!!!
ऐसी तमाम हिदायतें हम बहुत कम उम्र से ही सुनते रहे हैं। हम में से शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसे यह सब नहीं सुनना पड़ा होगा। दरअसल इसके लिए हमारी दोषपूर्ण जीवनशैली जिम्मेदार है। हम अपने कंप्यूटर के सामने जिस तरह से बैठते हैं, या मोबाइल का जिस तरीके से इस्तेमाल करते हैं, उसकी वजह से हमारा अंग विन्यास विकृत हो जाता है अर्थात हमारी बैठने की मुद्रा दोषपूर्ण हो जाती है। हमेशा याद रखें, अगर आपकी रीढ़ हेल्दी और युवा है, तो ही आप भी हेल्दी और युवा कहलाएंगे। अपने आप को बहुत अधिक दर्द और पीड़ा से बचाने के लिए जरूरी है कि हम अपने मेरूदंड और अपनी मुद्रा को एकदम सही रखें। अब सवाल उठता है कि हमारी आदर्श मुद्रा कैसी होनी चाहिए? जवाब आसान है- रीढ़ एकदम सीधी, चेस्ट थोड़ी फैली हुई, ठुड्डी ऊपर की ओर इशारा करते हुए, कंधे चौड़े और आराम से, और पेट अंदर की ओर हो। योग के साथ आपकी जागरूकता कुछ हफ्तों में बढ़ने लगती है। आप हर समय अपने आसन के बारे में गंभीर रूप से जागरूक रहते हैं। नियमित योगाभ्यास से शरीर मजबूत और लचीला बनता है और मेरूदंड एकदम सीधा होने लगता है। यहां कुछ योग आसन दिए जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने पोश्चर को सुधार सकते हैं। इन योगासन के बारे में हमें योग संस्थान के डायरेक्टर डॉक्टर हंसाजी जयदेव योगेंद्र जी बता रहे हैं।
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1. ताड़ासन
इसे करने के लिए पैरों को एक साथ सीधा करके खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखें। सांस लेते हुए, दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं और साथ ही साथ अपनी एड़ी पर आएं। अपने शरीर को विपरीत दिशा में खींचें और धीरे-धीरे मुद्रा छोड़ें। यह आसन आपके शरीर के अधिकतम खिंचाव को संभव बनाता है और इस तरह आपके मेरूदंड को सीधा रखता है।जवां और हेल्दी रहना हैं तो रीढ़ को स्ट्रॉग बनाने वाले ये 4 योगासन करें
2. भुजंगासन
इसे करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट जाएं, दोनों हाथ, दोनों कंधों के बराबर नीचें रखें तथा दोनों हथेलियों को शरीर के समीप और समानान्तर रखें। दीर्घ श्वास लेते हुए, धीरे से माथा, फिर चेस्ट और बाद में पेट को उठाएं। नाभि को जमीन पर ही रखें। अब शरीर को ऊपर उठाते हुए, दोनों हाथों का सहारा लेकर, कमर के पीछे की ओर खीचें। 6-7 सांस लेने और छोड़ने तक इस स्थिति में रहें। यह आसन कंधे और गर्दन को तनाव मुक्त करता है। यह कूबड़ वाले लोगों के लिए भी उत्कृष्ट है।घर पर रहते हुए फिट रहना है तो ये 6 एक्सरसाइज कभी भी करें
3. शलभासन
जमीन पर अपने पेट के बल लेट जाइए, दोनांे हाथ शरीर के बगल में, हथेलियांं नीचे की ओर, और ठोड़ी फर्श पर। धीरे-धीरे दाहिने पैर को ऊपर उठाएं - लगभग एक फुट ऊंचा, घुटनों से सीधा रखते हुए। इस स्थिति में 5-6 सांसों तक रुकें और आराम करें। इसे दूसरे पैर से भी दोहराएं। यह आसन करने के दौरान पीठ के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है, जिससे पीठ की मजबूती आरै लचीलेपन में वृद्धि होती है।
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4. उष्ट्रासन
चटाई पर अपने घुटनों के सहारे बैठ जाएं, पैरों के पंजे और एडियां साथ-साथ हों। धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें, और अपनी भुजाओं को पीछे ले जाएं। अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें। इस अवस्था में अपनी छाती को आगे की ओर बनाए रखें और सामान्य तौर पर श्वास लेते रहें। श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे विश्राम में आएं।
पीछे की ओर झुकने वाला एक ऐसा आसन जो सारी कठोरता को दूर करता है और आपकी मुद्रा में सुधार लाता है। अंग विन्यास की एक अच्छी मुद्रा बनाए रखने के लिए जरूरी है कि जब भी हम बैठें या खड़े रहें, हमारा तरीका एकदम सही हो, हमारी पीठ हमेशा सीधी, सरल मुद्रा में हो। पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव को कम करने के लिए आपको अपनी मुख्य मांसपेशियों को मजबूत करना चाहिए। अपने अंग विन्यास में बदलाव देखने के लिए नियमित तौर पर अभ्यास जारी रखें, फर्क आपको खुद-ब-खुद नजर आने लगेगा। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़े रहें।
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