एक समय था जब किसी से मिलने पर हाथों को जोड़कर उसका अभिवादन करते थे। लेकिन आजकल हमारा अभिवादन का तरीका बदल गया है और हाथ जोड़ने की बजाय हाय या हैलो शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगर हम आपको कहें कि अगर आप हेल्दी रहना चाहती हैं तो नमस्ते करके ही सामने वाले का अभिवादन करना चाहिए। तो शायद आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन यह सच है। जी हां इंडियन कल्चर में हमेशा से बड़ों को सम्मान देने और दूसरों का अभिवादन करने के लिए हाथों को जोड़कर नमस्ते किया जाता है। हालांकि आजकल हम अपनी इस कल्चर को भूलते जा रहे हैं। लेकिन इसके बहुत सारे हेल्थ बेनिफिट्स भी है। इससे जानने के बाद आप भी दूसरों का खासतौर पर बड़ों का अभिवादन हाथों को जोड़कर ही करेंगी।
इसे जरूर पढ़ें: Health Tips: धार्मिक महत्व ही नहीं सेहत के लिए भी फायदमंद है कान छिदवाना
नमस्कार के पीछे छुपे वैज्ञानिक सीक्रेट केवल कुछ ही लोग जानते हैं। नमस्ते करते समय आप दोनों हाथों को अपने सीने के सामने जोड़ते हैं, यहां पर एक चक्र होता है जो प्यार और स्नेह का प्रतीक है। इससे आपके अंदर दूसरे के प्रति स्नेह का भाव आने लगता है।
हाथों को जोड़ने से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। जी हां मानव शरीर में पॉजिटीव और नेगेटिव दोनों तरह के इमोशन छिपे होते है। लेकिन जब आप नमस्कार करने के लिए दोनों हाथों को जोड़ते हैं तो इससे एनर्जी का संचार होता है और बॉडी में पॉजिटिविटी आने लगती हैं।
हमारे हाथ के सेल्स, ब्रेन सेल्स से जुड़े होते हैं। नमस्ते करने पर जब हम हथेलियों को जोड़कर या दबाकर रखने से हृदयचक्र और आज्ञाचक्र एक्टिवेट होने लगते है जिससे जागृति बढ़ने लगती है और इससे मन शांत होता है और चित्त में प्रसन्नता आती है। साथ ही आपका दिल मजबूत होता है और आपके अंदर का डर खत्म होने लगता है।
इसे जरूर पढ़ें: 'ओल्ड फैशन' लगने वाली इन 7 परंपराओ के पीछे है वैज्ञानिक कारण
जब सभी उंगलियों के शीर्ष एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और उन पर प्रेशर पड़ता है। एक्यूप्रेशर के कारण उसका सीधा असर हमारी आंखों, कानों और ब्रेन पर होता है। जिससे इन्हें लंबे समय तक एक्टिव रखने में हेल्प मिलती है।
इसे जरूर पढ़ें: हिंदू धर्म में कन्यादान के बिना क्यों मानी जाती है शादी अधूरी?
हाथ जोड़कर नमस्कार करना एक साइकोलॉजी प्रोसेस है। हाथ जोड़कर आप जोर से बोल नहीं सकते हैं और ना ही गुस्सा नहीं कर सकते हैं। यह एक ऐसा प्रोसेस है जिसका आप पर मनोवैज्ञानिक प्रेशर रहता है। इस प्रकार नमस्कार करने से व्यक्ति अपने आप ही विनम्र हो जाता है।
जब आप किसी को नमस्ते करते हैं तो ना केवल आपको बल्कि जिसको नमस्ते किया जा रहा है, उसे भी खुशी का अहसास होता है। ऐसा करने से आपका मूड अच्छा रहता है।
अब आप भी दूसरों का अभिवादन हाथों को जोड़कर नमस्ते करने से करें ताकि आप भी हेल्थ से जुड़े ये 7 फायदे पा सकें।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।