थायरॉयड असंतुलन को कंट्रोल करती हैं ये 2 मुद्राएं, रोजाना कुछ देर करें

सिर्फ इन 2 मुद्राओं की मदद से आप थायरॉयड असंतुलन को आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं। 

mudra to regulate thyroid imbalance hindi

थायरॉयड ग्‍लैंड एक छोटी, तितली के आकार का ग्‍लैंड है जो हमारे गले के सेंटर के ठीक नीचे गर्दन के बेस में स्थित होता है। यह एंड्रोक्राइन सिस्‍टम नामक ग्‍लैंड्स के एक जटिल नेटवर्क का हिस्सा है और मानव शरीर के मेटाबॉलिज्‍म और ग्रोथ में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह ब्‍लडस्‍ट्रीम में थायरॉयड हार्मोन की एक स्थिर मात्रा को लगातार जारी करके शरीर के कई कार्यों को विनियमित करने में मदद करता है। यदि शरीर को कुछ स्थितियों में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है - उदाहरण के लिए, यदि यह बढ़ रहा है या ठंडा है या गर्भावस्था के दौरान - थायरॉयड ग्‍लैंड अधिक हार्मोन का उत्पादन करती है।

अत्यधिक थायरॉयड हार्मोन उत्पादन से ऐसे लक्षण हो सकते हैं जिनमें बेचैनी, घबराहट, तेज हार्ट रेट, चिड़चिड़ापन, बहुत ज्‍यादा पसीना, कंपन, चिंता, नींद की समस्या, बाल और नाखून में पतलापन, मसल्‍स में कमजोरी, वजन घटना, भूख में वृद्धि; बार-बार मल त्याग करना आदि शामिल हो सकते हैं।

लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि आज हम आपको 2 ऐसी मुद्राओं के बारे में बता रहे हैं जो थायरॉयड को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसकी जानकारी योगा एंड वेलनेस कोच और सर्टिफाइड योगा टीचर संगीता जी इंस्‍टाग्राम के माध्‍यम से शेयर की है।

1. उदान मुद्रा

Udana mudra for thyroid

उदान मुद्रा हाथ की एक योगिक मुद्रा है जिसके बारे में माना जाता है कि यह कंठ क्षेत्र में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ावा देती है। यह नाम संस्कृत से आया है, 'उदाना', जिसका अर्थ है 'खुशी' या 'ऊपर की ओर सांस लेना', और मुद्रा, जिसका अर्थ है 'इशारा' या 'मुहर।'

इसे जरूर पढ़ें:थायरॉयड को कंट्रोल करते हैं ये 2 योग, रोजाना कुछ देर जरूर करें

उदान मुद्रा के आपके ब्रेन, गले और श्वसन अंगों के लिए चिकित्सीय लाभ हैं। यह ब्रेन में ब्‍लड के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करता है और बौद्धिक क्षमताओं जैसे रचनात्मकता, सोच, लक्ष्य निर्धारण आदि को नियंत्रित करता है। यह श्वसन अंगों को भी नियंत्रित करता है और आपको ठीक से सांस लेने देता है।

विधि

  • इसे करने के लिए पद्मासन, अर्ध (आधा) पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।
  • पीठ सीधी और आंखें बंद रखें। आप कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं।
  • तर्जनी, मध्यमा और अनामिका के अग्रभाग को अंगूठे के अग्रभाग से मिलाएं।
  • छोटी उंगली फैली हुई और अन्य तीन उंगलियां अंगूठे की नोक को स्पर्श करती होनी चाहिए।
  • इसे दोनों हाथों से करें।
  • तत्व 'वायु' और 'आकाश' मिलकर विशुद्धि चक्र को एक के ऊपर एक अपनी स्थिति से सक्रिय करते हैं क्योंकि यह गले में रहता है।
  • प्रतिदिन 10 मिनट से शुरू करें और यदि आपको थायरॉयड की गंभीर समस्या है तो धीरे-धीरे प्रतिदिन 45 मिनट तक अभ्यास करें।

सावधानी

यदि आपको वात दोष है तो इस मुद्रा से बचें।

2. प्राण मुद्रा

Prana mudra for thyroid

प्राण मुद्रा पद्मासन के साथ योग का एक हिस्सा है। इसका अभ्यास करने से शरीर में हार्मोन्स के बैलेंस और मन को शांत करने में मदद मिलती है। इसका अभ्यास थायरॉयड रोगियों के लिए भी बेहद लाभकारी है।

अधिकांश लोग इसे 'जीवन मुद्रा' के नाम से जानते हैं, क्योंकि यह जरूरी जीवन शक्ति है। प्राण का अर्थ 'ऊर्जा' या जीवन होता है। प्राण मुद्रा रूट चक्र को उत्तेजित करती है, जिससे कंपन और गर्मी होती है, जो शरीर को जागृत और एक्टिव करता है।

विधि

  • इस मुद्रा को दोनों हाथों की मदद से किया जा सकता है।
  • इसे करने के लिए किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं।
  • फिर रिंग फिंगर और लिटिल फिंगर को अंगूठे से जोड़ें।
  • बाकी की सारी उंगलियां सीधी रखें।
  • इसे आप कहीं भी आसानी से कर सकती हैं।
  • इस दौरान अपनी रीढ़, सिर और पीठ को सीधा रखें।
  • प्राण मुद्रा शरीर में ऊर्जा का संचार करती है, इसको करने के दौरान आपको हाथ की मुद्रा के साथ-साथ सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को जारी रखना होगा।

इसे करते समय आपको एक गहरी और नियमित सांस लेने की आवश्यकता होती है।

अच्छे रिजल्‍ट के लिए इन मुद्राओं को रेगुलर करें। आपको भी हेल्‍थ से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Recommended Video

Image Credit: Shutterstock

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP