प्रेग्नेंसी का दौर किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता है। इस दौरान महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ हेल्थ प्रॉब्लम्स तो ऐसी होती हैं, जो बेहद ही कॉमन होती हैं और इसलिए लगभग हर महिला इस स्वास्थ्य समस्या से गुजरती है। इन्हीं में से एक है पैरों में दर्द। गर्भावस्था में पैरों में दर्द होना बेहद ही आम बात है।
हालांकि, गर्भावस्था में पैरों में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे- वेरिकोज वेन्स, यूरिक एसिड का बढ़ना या फिर कभी-कभी ओवरवेट के चलते भी महिलाओं को पैरों में दर्द की समस्या होती है। चूंकि इस अवस्था में जरूरत से ज्यादा दवाईयों का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता है तो ऐसे में आप कुछ नेचुरल उपायों जैसे योगासन को अपनाकर भी पैरों में दर्द की समस्या को कम कर सकती हैं। तो चलिए आज इस लेख में आज वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट व योगा विशेषज्ञ डॉ. नेहा वशिष्ट कार्की आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बता रही हैं, जो गर्भावस्था में पैरों के दर्द को कम करने में बेहद कारगर साबित हो सकते हैं।
भद्रासन
अगर आपको ओवरवेट के कारण पैरों में दर्द की समस्या है तो ऐसे में आप भद्रासन का अभ्यास कर सकती हैं। इसे बद्धकोणासन भी कहा जाता है। यह एक आसान आसन है और गर्भावस्था में बेहद आसानी से किया जा सकता है।
- इसके लिए, सबसे पहले फर्श पर एक योगा मैट बिछाएं। अब उस पर दोनों घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं।
- अब आपसे जितना हो सके, अपने दोनों घुटनों को उतना फैलायें।
- इस दौरान आपके पैर जमीन के संपर्क में ही होने चाहिए।
- इस अवस्था में रीढ़ को सीधा रखें और नाक की नोक के केंद्र पर ध्यान केंद्रित करें।
- अब आप टखनों को हाथों से पकड़ आप अपने घुटनों को ऊपर नीचे करें।
- इस तरह आप अपनी सुविधानुसार घुटनों को ऊपर नीचे क सकती हैं।
- अब, आप धीमी और गहरी सांस लें और रिलैक्स करें।

उत्तानपादासन
पहली तिमाही में आमतौर पर महिलाओं को पैरों में दर्द नहीं होता है, लेकिन अगर आपको गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीनों में पैरों में दर्द की समस्या है तो ऐसे में आप उत्तानपादासन योगासन का अभ्यास कर सकती हैं।
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए आप सबसे पहले मैट बिछाकर उस पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों पैरों को सीधा रखें व आपके दोनों हाथ साइड में होने चाहिए।
- ध्यान दें कि आपकी हथेलिया मैट को टच करती हों।
- अब गहरी सांस लेते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- आपको पैरों को पूरा नहीं उठाना है। बस 45 डिग्री तक या फिर जहां तक आपसे संभव हो, पैरों को उठाएं।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए पैरों को वापिस नीचे की ओर लेकर जाएं।
- इस तरह आप अपनी क्षमतानुसार इस आसन का अभ्यास कर सकती हैं।
मलासन
वहीं अगर महिला को दूसरी या तीसरी तिमाही में पैरों में दर्द की समस्या होती है, तो उसके लिए मलासन का अभ्यास करना अच्छा रहेगा। आप दूसरी तिमाही में अपने वजन से ही इस आसन को कर सकती हैं। लेकिन तीसरी तिमाही में दीवार या अन्य किसी चीज का सहारा अवश्य लें।
- इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले मैट पर घुटनों को मोड़ कर बैठ जाएं।
- आपको कुछ इस तरह बैठना है, जिस तरह आप मल त्याग करते समय बैठती हैं।
- आप अपने पैरों को थोड़ा खोलकर बैठें।
- अब आप हाथों से नमस्कार की मुद्रा बनाएं। इस दौरान आपके हाथों की कोहनी घुटनों से टच होगी।
- इसके बाद धीरे-धीरे सांस को अन्दर लें फिर बाहर छोड़े।
- आप अपनी क्षमतानुसार कुछ देर इसी अवस्था में बैठी रहें।
- अब आप धीरे-धीरे पहले ही तरह सामान्य स्थिति में लौट आएं।
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Image Credit- freepik, mamaxpert
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