दिल शरीर का जरूरी अंग है, जो हमारे पूरे शरीर को साफ ब्लड पहुंचता है। अगर दिल ठीक तरह से काम नहीं करेगा, तो पूरे शरीर को काम करने में परेशानी आने लगेगी। इसलिए जीवन के लिए दिल को हेल्दी रखना बेहद जरूरी होता है। दिल को हेल्दी रखने के लिए हेल्दी डाइट लेना और कुछ खराब आदतों को छोड़ना बेहद जरूरी होता है, यह बात तो शायद ज्यादातर लोग जानते हैं। लेकिन क्या दिल को दुरुस्त रखने के लिए योग मददगार हो सकता है? इंटरनेशनल योगा डे के मौके पर इस बात की जानकारी लेने के लिए हमने एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट, मुंबई के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर संतोष कुमार डोरा से बात की। तब उन्होंने हमारे दिल से जुड़े कुछ प्रश्नों का उत्तर दिया। दिल के लिए योग कितना जरूरी है और दिल को दुरुस्त रखने के लिए हमें कौन से योग करने चाहिए? आइए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं।
योग एक्सरसाइज का एक रूप है, जो शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण में मदद करता है। क्रोनिक इंफ्लेमेटरी साइटोकिन के लेवल को कम करके, योग हार्ट डिजीज सहित कई क्रोनिक बीमारियों को रोकने और मैनेज करने में मदद करता है। योग कई जोखिम कारकों को कंट्रोल करके, यह दिल की बीमारियों को रोकने में मदद करता है। कई अध्ययनों से इस बात का पता चला है कि योग और फिजिकल एक्टिविटी डायबिटीज के बेहतर कंट्रोल में मदद करता है। डायबिटीज को दिल की बीमारियों का एक प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। डायबिटीज का बेहतर कंट्रोल दिल की बीमारियों को बढ़ने से रोकता है। योग बीपी और हार्ट रेट को कंट्रोल करने में मदद करता है। हाई बीपी को कंट्रोल करके, यह दिल की बीमारियों को रोकने में मदद करता है। योग ब्लड लिपिड के बेहतर कंट्रोल में भी मदद करता है, और इस तरह से दिल की बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है। योग तनाव को कम करता है, और इस प्रकार स्मोकिंग करने की इच्छा भी कम हो जाती है। विभिन्न दिल के जोखिम कारकों पर योग के ये सभी लाभकारी प्रभाव दिल को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
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दिल को हेल्दी रखने के लिए हमें रोजाना कुछ योग को जरूर करना चाहिए। इसमें शामिल हैं-
ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़ी हो जाएं। फिर सांस लेते हुए दोनों हाथों को उठाइये। हथेलियों को आसमान की तरफ कीजिए। फिर सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की तरफ ले जाकर इनको उंगलियों के जरिये लॉक कर दीजिए। फिर पैरों के पंजों पर खड़ी हो जाएं। कुछ समय तक इसी पोजीशन में रहें। फिर सांस बाहर निकालते हुए सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधी खड़ी हो जाएं। फिर दाहिने पैर को मोड़ें और अपने बाएं पैर के अंदरूनी जांघ पर रखें। बाएं पैर को सीधा रखते हुए बैलेंस बनाए रखें। अच्छा बैलेंस बनाने के बाद गहरी सांस अंदर लें। फिर धीरे-धीरे अपनी हाथों को नमस्कार की मुद्रा में ऊपर की ओर लेकर जाएं। कुछ देर इस पोजीशन में रहें। फिर नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं। दूसरे पैर से भी इस योगासन को दोहराएं।
भुजंगासन करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, लेकिन कोहनी मुड़़ी होनी चाहिए। हथेली खुली और जमीन पर फैली हो। अब शरीर के बाकी हिस्सों को बिना हिलाए-डुलाए, चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर कीजिए, कुछ समय के लिए इस स्थिति में रहें।
धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं। दोनों और मिलाकर पैरों को घुटनों से मोड़ें। दोनों हाथों को पीछे ले जाकर दोनों पैरों को टखनों से पकड़ें और सांस बाहर छोड़ते हुए पैरों को खींचें। साथ-साथ सिर को पीछे की ओर ले जाने की कोशिश करें। शरीर का सारा वेट नाभि पर पड़ने दें। सांस खींचते हुये पकड़ ढीली करें। यह क्रिया, कई बार करें।
शवासन करने के लिए जमीन पर सीधा लेट जाएं और अपने हाथ-पैर को खुला छोड़ दें। इस आसन को करते समय आपको अपने शरीर को पूरी तरह से ढीला छोड़ना है। दिमाग को भी शांति दें और पूरी तरह तनावमुक्त हो जाएं और फिर धीरे-धीरे लंबी सांस ले और छोड़ें।
आरामदायक पोजीशन में बैठकर सिर और रीढ़ की हड्डी को सीधा करते हुए हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। फिर आंखें बंद करके शरीर को ढीला छोड़ दें। अब दोनों नाक से गहरी सांस लें। फिर पेट की मसल्स को सिकोड़ते हुए सांस को बाहर निकाल दें। शुरुआत में यह प्रक्रिया 10 मिनट तक करें इसके बाद आप इसे बढ़ा भी सकते है।
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इसे करने के लिए पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। अब हथेलियों को घुटनों पर रखकर सांस भरते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं व कमर को सीधा कर ऊपर की ओर खींचे। अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें व हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़कर माथे को घुटनों पर लगा दें। ध्यान रखें कि घुटने मुड़ने नहीं चाहिए। कोहनियों को जमीन पर लगाने का प्रयास करें!
इस योग को करने के लिए जमीन पर बैठें। फिर बाएं पैर को इस तरह मोडे़ कि एड़ी हिप्स के किनारे को स्पर्श करें। फिर दायां पैर जमीन पर बाएं घुटने के पास रखें। बाएं हाथ को दाएं घुटने के ऊपर रखें तथा दाएं पैर के पंजे को बाएं हाथ से पकड़ लें। दाएं हाथ को कमर की ओर से ले जाकर पीठ के पीछे ले जाएं और पीछे से नाभि को छूने की कोशिश करें। अपना सिर दाईं ओर घुमाएं और पीछे की ओर देखने की कोशिश करें। दूसरी तरफ से भी इस योग को करें।
योग दिल के विभिन्न जोखिम कारकों को रोककर या बेहतर तरीके से मैनेज करके हार्ट ब्लॉकेज को रोकता है। एक बार जब ब्लॉक विकसित हो जाता हैं, तो आगे की प्रगति को नियमित योग और एक्सरसाइज से रोका जा सकता है। लेकिन साथ ही आपको अन्य एक्टिविटी जैसे धूम्रपान बंद करना, स्टैटिन लेने से लिपिड कंट्रोल करना, डायबिटीज और बीपी कंट्रोल करना और हेल्दी डाइट का भी ध्यान रखना होगा।
अब तो आपको समझ में आ गया कि योग हमारे दिल को दुरुस्त रखने के लिए भी कितना जरूरी होता है। आप योग करना कब से शुरू कर रही हैं। योग से जुड़ी ऐसी ही और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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