हिंदू धर्म में हाथ जोड़ने और नमस्कार करने की कई धार्मिक विशेषताएं हैं, साथ ही इसे सेहत से जोड़कर भी देखा जाता है। खासतौर पर योगा लवर्स के बीच सूर्य नमस्कार का विशेष महत्व है। सूर्य नमस्कार कई तरह के योगासनों से मिलकर बना है। सूर्य नमस्कार में एक आसन 'पश्चिम नमस्कार' भी होता है, जो सेहत के लिए बहुत लाभकारी है। इसे अंग्रेजी में रिवर्स प्रेयर पोज (Reverse Prayer Pose) भी कहा जाता है। जिस तरह सूर्य नमस्कार में दोनों हाथों को जोड़ कर आगे की ओर नमस्कार किया जाता है, वहीं पश्चिम नमस्कार आसन में पीठ की ओर हाथों को जोड़ कर नमस्कार किया जाता है।
यह योगासन कई तरह से सेहत को फायदे पहुंचाता है। तो चलिए इंटरनेशनल योगा डे के अवसर पर हम आपको पश्चिम नमस्कार आसन के बारे में बताते हैं।
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अगर आपको भी अपने कंधों और कलाई को मजबूत करना है तो आपको भी रोज कम से कम 5 बार पश्चिम नमस्कार आसन करना चाहिए। फिटनेस और योगा से जुड़ी और भी रोचक जानकारी के लिए पढ़ती रहें Herzindagi।
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